श्रीनगर में तिरंगा : शर्म आती है इस प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर

- अरविन्द सीसोदिया 
     अपने देश में अपना झंडा फहरानें के विरोध में देश की केंद्र सरकार सक्रीय हो यह भारत के अलावा कहीं भी देखनें में नहीं आसकता..., यह देश की इस कमजोर और कायर सरकार की असलियत के उजागर होने का भी अवसर है.....! जम्मू और कश्मीर तथा तिब्बत के मामलें में देश के साथ धोका और विश्वास घात की इबारत  कांग्रेस और उसके नेहरु वंश के ही नाम दर्ज है ! ये ही वे लोग हैं जिन्होनें ये नासूर बोये और बड़े किये ..! अब तो  इनकी असलियत ही प्रश्न चिन्हित है ? ये देश के हैं देश विरोधी सत्ता स्वार्थी हैं !!
एक खबर है -----
26 जनवरी २०११  को श्रीनगर के लाल चौक पर भाजपा कि युवा शाखा के द्वारा राष्‍ट्रीय झंडा फहराने का मामला राष्‍ट्रीय स्‍तर पर तूल पकड़ चुका है। २४ जनवरी २०११ सोमवार को जम्‍मू पहुंचे भाजपा के आला नेताओं को एयरपोर्ट से नहीं निकलने दिया जा रहा है। भाजपा की सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और अनंत कुमार जम्मू एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए। चूंकि एयरपोर्ट का क्षेत्र केंद्र सरकार के अधीन है और जैसे ही ये नेता एयरपोर्ट से बाहर निकलकर जम्‍मू-कश्‍मीर राज्‍य के क्षेत्र में पहुंचेंगे, इन्‍हें गिरफ्तार किया जा सकता है क्‍योंकि शहर में निषेधाज्ञा लागू है। वहीं, एयरपोर्ट के बाहर जमा हंगामे पर आमादा करीब 100 भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष अशोक खजूरिया और महिला मोर्चा की नेता पूनम महाजन भी शामिल हैं। शहर में भी भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। जम्मू से श्रीनगर के बीच मंगलवार को यातायात ठप रहेगा। राज्‍य में पंजाब से घुसते समय पड़ने वाले सबसे पहले प्‍वाइंट लखनपुर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
        भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद अनुराग ठाकुर ने ऐलान किया है कि लाल चौक पर ध्वजारोहण का विरोध करने वाली कांग्रेस को लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहराने का कोई अधिकार नहीं है। उन्‍होंने कहा, 'अब चाहे जान चली जाए, कोलकाता से शुरू हुई राष्ट्रीय एकता यात्रा नहीं रुकेगी। यात्रा का विरोध करने वाले अलगाववादियों के सामने केंद्र सरकार ने भले ही घुटने टेक दिए हों, देश के युवा अपने फैसले पर अडिग हैं।' लेकिन भाजपा की सहयोगी पार्टी जद(यू) ने इसे गलत बताया है और कहा है कि पार्टी को यात्रा रोक देनी चाहिए।
         जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। वहीं, राज्य के कैबिनेट मंत्री आरएस चिब ने कहा है कि सरकार यात्रा को रोकने और उससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।  कांग्रेसी नेता ने कहा है कि उनकी पार्टी इस तरह की चुनौती के लिए तैयार है। चिब ने पंजाब सरकार से कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर की हुकूमत को सलाह न दें।
       * राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव ने कहा, 'कश्मीर में पुलिस पर पत्थर फेंकने वालों को यह कह कर इनाम दिया जाता है कि वे बेरोजगार युवा है। लेकिन तिरंगा फहराने के लिए कहा जाता है कि इससे शांति भंग हो जाएगी। आखिर इससे कैसे शांति भंग होगी?'
       प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा जम्मू-कश्मीर सरकार ने अलगाववादियों के सामने समर्पण कर दिया है। सरकार जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया और आशंका जाहिर कर रही है। इससे पहले, प्रधानमंत्री तथा राज्य सरकार ने भाजपा की 26 जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा फहराने की योजना पर सख्त एतराज जताया था।प्रधानमंत्री के  बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा युवा मोर्चा राजनीतिक लाभ उठाने के बजाय अलगाववादियों की चुनौती से निपटने के लिए यह कोशिश कर रहा है। सरकार अलगाववादियों के सामने समर्पण कर रही है। आडवाणी ने कार्यकर्ताओं के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की भी कड़ी आलोचना की। प्रधानमंत्री ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा था कि गणतंत्र दिवस जैसे मौके पर पार्टियों को विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उन्हें राजनीतिक फायदा उठाने से बचना चाहिए।
-- यह सारा मामला है जम्मू - कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में तिरंगा झंडा फहरानें से रोकने के लिए !

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