सेना प्रमुख सिंह के बयान : जांच न्यायिक हो या जे पी सी करे
- अरविन्द सिसोदिया
टाट्रा ट्रकों की खरीद का निर्णय प्रधान मंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल से जुड़ा हे ....सब जानते हें की यह सप्लाई उनके मित्र रवि श्रिशी से १९८६ में हुआ था .., तब ही जब बोफोर्स का हुआ था .., राजस्थान, कोटा से प्रकाशित राष्ट्रदूत के अंक दिनांक २९ व ३० मार्च के अंकों में बड़ी रिपोर्ट हे ...
अतः इस पूरे मामले की जांच न्यायिक हो या जे पी सी करे ...सी बी आई की जाँच सिर्फ और सिर्फ लीपापोती करेगी ........
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सेना प्रमुख सिंह के बयान पर विवाद
रक्षा मंत्री ने की सीबीआई जांच की सिफारिश
नई दिल्ली, मंगलवार, 27 मार्च २०१२
रक्षा मंत्री ने की सीबीआई जांच की सिफारिश
नई दिल्ली, मंगलवार, 27 मार्च २०१२
थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के इन आरोपों के बाद सरकार नए विवाद से घिर गई कि उन्हें एक सौदे को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की गई थी। मामले से सकते में आए रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है।
थलसेना प्रमुख के आरोपों पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ और विपक्ष ने इन्हें गंभीर करार देते हुए सरकार पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।
जनरल सिंह ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि एक लॉबीस्ट ने उन्हें 600 घटिया वाहनों की खरीदी से जुड़े सौदे को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपए की पेशकश की थी और पेशकश करने वाला कुछ ही समय पहले सेवानिवृत्त हुआ था।
जनरल सिंह ने कहा कि जरा कल्पना कीजिए, एक व्यक्ति साहस कर मेरे पास आता है और मुझसे कहता है कि यदि मैं सौदे को मंजूरी दे दूंगा तो वह मुझे 14 करोड़ रुपए देगा। वह मुझे यानी थलसेना प्रमुख को रिश्वत की पेशकश कर रहा था। उसने मुझसे कहा कि मुझसे पहले भी लोगों ने पैसा लिया है और बाद में भी लेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस बात से हैरान हुए और मामले की जानकारी रक्षा मंत्री एके एंटनी को दी, जिन्होंने चिंतित होते हुए कहा कि ऐसे लोगों को बाहर रखा जाना चाहिए।
जनरल सिंह ने वह समय नहीं बताया जब घटनाक्रम हुआ। उन्होंने रिश्वत की पेशकश करने वाले के नाम का भी खुलासा नहीं किया है। यह खबर सामने आते ही एंटनी ने मामले को गंभीर बताते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया।
आरोपों से इनकार : आरोपों के बाद मामले में शामिल होने की अटकलों में अपना नाम आने पर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदरसिंह ने आज आरोपों से इनकार किया। इससे पहले तेजिंदर पर रक्षामंत्री के फोनों की जासूसी के बारे में खबरें लीक करने का आरोप लग चुका है। उन्होंने कहा कि मेरा उन वाहनों से कोई लेना-देना नहीं था, जिनके लिए रिश्वत की पेशकश की गई। मैंने किसी निजी या रक्षा कंपनी के लिए काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे कानूनी कार्रवाई करेंगे, हालांकि यह नहीं बताया कि किसके खिलाफ वह यह कदम उठाएंगे।
रक्षा सौदों को लेकर उनकी जनरल सिंह से बातचीत होने के सवाल पर तेजिंदर सिंह ने कहा कि जहां तक मेरी समझ है, थलसेना प्रमुख को रक्षा सौदों से कोई लेना-देना नही हैं। ये सभी उच्च स्तर के सौदे हैं, जिन्हें रक्षा मंत्रालय देखता है।
जनरल वीके सिंह से जब एक इंटरव्यू में पूछा गया कि उन्होंने रिश्वत की पेशकश करने वाले को गिरफ्तार क्यों नहीं कराया तो उन्होंने कहा कि वे बयान का आशय नहीं समझ सके और इसलिए उन्होंने बयान देने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
जनरल सिंह ने कहा कि कोई व्यक्ति जो कुछ दिन पहले ही सेवानिवृत्त हुआ है, आपसे कहता है कि यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको यह मिलेगा और जब आपने इस तरह की कोई बात नहीं सुनी हो तो आपको हैरानी होगी। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आया कि वह क्या कह रहा था। मैंने उसे जाने के लिए कहा और इस बारे में रक्षा मंत्री को सूचित किया।
जब जनरल से पूछा गया कि उन्होंने उस लॉबीस्ट को तत्काल क्यों नहीं गिरफ्तार कराया। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बेहतर होता यदि मैं उसके खिलाफ शिकायत करता। जिस तरह से बात कही गई उससे समझ नहीं आया कि वह क्या कह रहा था।
सेना प्रमुख ने कहा कि वह महज यह कह रहा था कि यदि इस फाइल को मंजूरी मिल गई तो इतने का भुगतान किया जाएगा। सभी इसे इस तरह देखते हैं कि समस्या क्या है। यह ऐसा नहीं था कि मेरे हाथ में रिश्वत दी जा रही थी। यह अप्रत्यक्ष तरीका था और इसलिए गिरफ्तारी नहीं की गई।
भाजपा का एंटनी पर आरोप : खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने सरकार पर और खासतौर पर रक्षा मंत्री एंटनी पर एक गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधने और कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि बहुत तेजी से जांच होनी चाहिए और संसद में तत्काल परिणामों की जानकारी दी जानी चाहिए।
पूर्व रक्षा मंत्री और भाजपा नेता जसवंत सिंह ने कहा कि एंटनी की कार्यशैली में चुप्पी, निष्क्रियता और अनिर्णय की स्थिति दिखाई देती है जो देश के लिए बहुत भारी है। हालांकि पार्टी नेता मुरली मनोहर जोशी और वेंकैया नायडू ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं कराने पर थलसेना प्रमुख को ही जिम्मेदार ठहराया।
पहले चुप क्यों थे जनरल : भाकपा ने अलग रुख अख्तियार करते हुए कहा कि जनरल ने यह बात पहले क्यों नहीं बताई। भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि वे इतने दिनों तक चुप थे। जब उनकी उम्र पर फैसला हो चुका है तो अब वे सारी बातें कह रहे हैं। उन्होंने पहले यह बात क्यों नहीं की।
कांग्रेस ने आलोचना की : मनीष तिवारी ने जनरल सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि रिश्वत की पेशकश करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज कराना उनकी जिम्मेदारी थी। सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि जब भी कोई वरिष्ठ अधिकारी इस तरह के आरोप लगाता है तो सरकार सुनिश्चित करती है कि मामला साफ हो। उन्होंने कहा कि जनरल सिंह ने अपने बयान में बहुत गंभीर बात कही है और सबकुछ साफ होना चाहिए। (भाषा)
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