अब सोंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे चरणों में






प्रार्थना - 1 : अब सोंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे चरणों में
---:जय गुरु देव:---

अब सोंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे  चरणों में,
                        हैं जीत तुम्हारे  हांथों में, और हार तुम्हारे हांथों में ,
मेरा निश्चय बस एक यही , एक बार तुम्हे पा जाऊं मैं ,
                        अर्पण कर दूँ दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथों में,
यदि जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ, जों जल में कमल का फूल रहे ,
                        मम अवगुण दोष समर्पित हो, भगवान् तुम्हारे  हांथों में,
यदि मानुष का मुझे जनम मिले , तब इन चरणों का मैं भक्त बनू,
                      इस भक्त की नस नस रग रग का, हो तार तुम्हारे हाथों में,
जब जब संसार का कैदी  बनू, निष्काम भाव से काम करूँ,
                     तब अंत समय मैं प्राण तजूं, निराकार  तुम्हारे हांथों में,
मुझ में तुझमे बस भेद यही, मैं नर हूँ तुम नारायण हो,
                     मैं हूँ संसार के हाथों में, संसार तुम्हारे हांथों में,

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

सफलता के लिए प्रयासों की निरंतरता आवश्यक - अरविन्द सिसोदिया