वॉलमार्ट : भारत में एंट्री के लिए 125 करोड़ लॉबीइंग पर खर्च
वालमार्ट के लिए इतनी तरफदारी क्यों हो रही थी यह सामने आ गया हे .., सरकार से लेकर छुट भईया दलों तक को ऍफ़ डी आई क्यों भा रही थी ..यह भी सत्य उजागर हो गया , सवाल यह हे की वालमार्ट यह भी खुलासा करे की यह धन किस किस पर और कहाँ कहाँ खर्च हुआ ..मगर यह सच वालमार्ट क्यों बताएगा ??? वह तो सही तथ्यों पर पर्दा ही डालेगा .....!!!! संयुक्त राष्ट संघ की ही कोई गुप्तचर संस्था इस सच को उदघाटित करे तो बात सभी सामने आये।।
भारत में एंट्री के लिए वॉलमार्ट ने खर्च किए 125 करोड़
Walmart lobbying bill hits Rs 125 crore on India entry
पीटीआई | 10 Dec, 2012,
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/17552663.cms
वॉशिंगटन ।। भारत में अपने स्टोर खोलने को बेकरार ग्लोबल रीटेल कंपनी वॉलमार्ट अमेरिकी सांसदों के बीच अपनी पैरवी (लॉबीइंग) पर 2008 से अब तक 25 मिलियन डॉलर (करीब 125 करोड़ रुपये) खर्च कर चुकी है। इसमें भारत में आने की मंजूरी देने के लिए लॉबीइंग पर खर्च भी शामिल है। वॉलमार्ट की ओर से अमेरिकी सेनेट में दाखिल डिस्क्लोजर रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। उधर, सीनियर बीजेपी लीडर मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि अगले चुनावों में एनडीए की सरकार आने पर एफडीआई का फैसला रद्द कर दिया जाएगा।
वॉलमार्ट ने अमेरिकी सीनेट को सौंपे अपने लॉबीइंग संबंधी दस्तावेज में बताया कि 2012 में 30 सितंबर तक कंपनी ने भारत में एफडीआई सहित विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श के लिए 18 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इनमें से 10 करोड़ रुपये (16.5 लाख डॉलर) सिर्फ जुलाई-सितंबर तिमाही में ही खर्च किए गए हैं। इसी तिमाही में (14 सितंबर को) भारत सरकार ने मल्टि-ब्रैंड रिटेल में 51% एफडीआई को मंजूरी दी थी।
वॉलमार्ट ने अमेरिकी सीनेट, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव, यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) और अमेरिकी विदेश विभाग में अपना पक्ष रखने के लिए लॉबीइंग की। अमेरिका में कंपनियों को विभिन्न विभागों और एजेंसियों में अपना पक्ष रखने के लिए लॉबीइंग करने की इजाजत है। हालांकि, उन्हें हर तिमाही में अमेरिकी सीनेट को अपनी लॉबीइंग गतिविधियों की जानकारी देनी होती है। वॉलमार्ट का कहना है कि वर्ष 2009 की कुछ तिमाहियों को छोड़कर वह वर्ष 2008 के बाद से भारत आने को लेकर लगातार लॉबीइंग कर रही है।
दुनियाभर में वॉलमार्ट का सालाना कारोबार 444 अरब डॉलर का है और इसके कर्मचारियों की संख्या 22 लाख है। भारत आने का रास्ता साफ होने के साथ ही कंपनी ने यहां के बाजार में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। भारत का रीटेल बाजार करीब 500 अरब डॉलर का है। वर्ष 2020 तक इसके 1000 अरब डॉलर से ज्यादा होने का अनुमान है।
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http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/12/121210_walmart_rajyasabha_psa.shtml
वॉलमार्ट ने अमरीकी सीनेट को दी एक रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने साल 2012 में भारत के ख़ुदरा व्यापार क्षेत्र में प्रवेश के लिए लॉबिंग की और इसपर 125 करोड़ रुपए ख़र्चे. भारत में लॉबिंग अवैध है. ये एक किस्म की रिश्वत है. अगर वॉलमार्ट कहता है कि उसने ये पैसे भारत में ख़र्चे तो ये घूस है." बीजेपी के रविशंकर प्रसाद
सोमवार को खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश का मामला एक बार फिर संसद में छाया रहा.दरअसल विपक्ष मीडिया में छपी उन ख़बरों पर प्रधानमंत्री से सफ़ाई मांग रहा था जिनके अनुसार वॉलमार्ट ने भारतीय बाज़ार में प्रवेश के लिए मोटी रकम लॉबी करने पर ख़र्च की है.वॉलमार्ट ने अमरीकी सीनेट में 'लॉबिंग डिसक्लोज़र रिपोर्ट' दाख़िल की है. इस रिपोर्ट में कंपनी ने कहा है कि उन्होंने साल 2008 लेकर अबतक लॉबिंग के लिए 125 करोड़ रुपए ख़र्च किए हैं. कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक इनमे भारतीय बाज़ार में प्रवेश के लिए की गई लॉबिंग पर ख़र्च राशि भी शामिल है.
राज्य सभा में इस मुद्दे पर भोजन काल से पहले बीजेपी, सीपीएम, सीपीआई, एसपी और तृणामूल कांग्रेस ने दो बार सदन को स्थगित करवाया.
"वॉलमार्ट ने अमरीकी सीनेट को दी एक रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने साल 2012 में भारत के ख़ुदरा व्यापार क्षेत्र में प्रवेश के लिए लॉबिंग की और इसपर 125 करोड़ रुपए ख़र्चे. भारत में लॉबिंग अवैध है. ये एक किस्म की रिश्वत है. अगर वॉलमार्ट कहता है कि उसने ये पैसे भारत में ख़र्चे तो ये घूस है."रविशंकर प्रसाद
शून्य काल में वॉलमार्ट द्वारा लॉबिंग करने के लिए ख़र्च किए गए धन का मुद्दा रविशंकर प्रसाद ने उठाया.विशंकर प्रसाद ने आगे कहा, “सरकार को बताना चाहिए कि ये रिश्वत किसे दी गई है. ये जानकारी खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश पर सवाल उठाती है. ”
बीजेपी के समर्थन में तृणामूल के नेता डी बंधोपाध्याय और सीपीएम के पी राजीव भी आए.
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भारत में एंट्री के लिए वॉलमार्ट ने खर्च किए 125 करोड़
Walmart lobbying bill hits Rs 125 crore on India entry
पीटीआई | 10 Dec, 2012,
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/17552663.cms
वॉशिंगटन ।। भारत में अपने स्टोर खोलने को बेकरार ग्लोबल रीटेल कंपनी वॉलमार्ट अमेरिकी सांसदों के बीच अपनी पैरवी (लॉबीइंग) पर 2008 से अब तक 25 मिलियन डॉलर (करीब 125 करोड़ रुपये) खर्च कर चुकी है। इसमें भारत में आने की मंजूरी देने के लिए लॉबीइंग पर खर्च भी शामिल है। वॉलमार्ट की ओर से अमेरिकी सेनेट में दाखिल डिस्क्लोजर रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। उधर, सीनियर बीजेपी लीडर मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि अगले चुनावों में एनडीए की सरकार आने पर एफडीआई का फैसला रद्द कर दिया जाएगा।
वॉलमार्ट ने अमेरिकी सीनेट को सौंपे अपने लॉबीइंग संबंधी दस्तावेज में बताया कि 2012 में 30 सितंबर तक कंपनी ने भारत में एफडीआई सहित विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श के लिए 18 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इनमें से 10 करोड़ रुपये (16.5 लाख डॉलर) सिर्फ जुलाई-सितंबर तिमाही में ही खर्च किए गए हैं। इसी तिमाही में (14 सितंबर को) भारत सरकार ने मल्टि-ब्रैंड रिटेल में 51% एफडीआई को मंजूरी दी थी।
वॉलमार्ट ने अमेरिकी सीनेट, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव, यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) और अमेरिकी विदेश विभाग में अपना पक्ष रखने के लिए लॉबीइंग की। अमेरिका में कंपनियों को विभिन्न विभागों और एजेंसियों में अपना पक्ष रखने के लिए लॉबीइंग करने की इजाजत है। हालांकि, उन्हें हर तिमाही में अमेरिकी सीनेट को अपनी लॉबीइंग गतिविधियों की जानकारी देनी होती है। वॉलमार्ट का कहना है कि वर्ष 2009 की कुछ तिमाहियों को छोड़कर वह वर्ष 2008 के बाद से भारत आने को लेकर लगातार लॉबीइंग कर रही है।
दुनियाभर में वॉलमार्ट का सालाना कारोबार 444 अरब डॉलर का है और इसके कर्मचारियों की संख्या 22 लाख है। भारत आने का रास्ता साफ होने के साथ ही कंपनी ने यहां के बाजार में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। भारत का रीटेल बाजार करीब 500 अरब डॉलर का है। वर्ष 2020 तक इसके 1000 अरब डॉलर से ज्यादा होने का अनुमान है।
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http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/12/121210_walmart_rajyasabha_psa.shtml
वॉलमार्ट ने अमरीकी सीनेट को दी एक रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने साल 2012 में भारत के ख़ुदरा व्यापार क्षेत्र में प्रवेश के लिए लॉबिंग की और इसपर 125 करोड़ रुपए ख़र्चे. भारत में लॉबिंग अवैध है. ये एक किस्म की रिश्वत है. अगर वॉलमार्ट कहता है कि उसने ये पैसे भारत में ख़र्चे तो ये घूस है." बीजेपी के रविशंकर प्रसाद
वॉलमार्ट की 125 करोड़ की लॉबिंग पर संसद में हंगामा
bbc
सोमवार, 10 दिसंबर, 2012 को 18:13सोमवार को खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश का मामला एक बार फिर संसद में छाया रहा.दरअसल विपक्ष मीडिया में छपी उन ख़बरों पर प्रधानमंत्री से सफ़ाई मांग रहा था जिनके अनुसार वॉलमार्ट ने भारतीय बाज़ार में प्रवेश के लिए मोटी रकम लॉबी करने पर ख़र्च की है.वॉलमार्ट ने अमरीकी सीनेट में 'लॉबिंग डिसक्लोज़र रिपोर्ट' दाख़िल की है. इस रिपोर्ट में कंपनी ने कहा है कि उन्होंने साल 2008 लेकर अबतक लॉबिंग के लिए 125 करोड़ रुपए ख़र्च किए हैं. कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक इनमे भारतीय बाज़ार में प्रवेश के लिए की गई लॉबिंग पर ख़र्च राशि भी शामिल है.
राज्य सभा में इस मुद्दे पर भोजन काल से पहले बीजेपी, सीपीएम, सीपीआई, एसपी और तृणामूल कांग्रेस ने दो बार सदन को स्थगित करवाया.
"वॉलमार्ट ने अमरीकी सीनेट को दी एक रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने साल 2012 में भारत के ख़ुदरा व्यापार क्षेत्र में प्रवेश के लिए लॉबिंग की और इसपर 125 करोड़ रुपए ख़र्चे. भारत में लॉबिंग अवैध है. ये एक किस्म की रिश्वत है. अगर वॉलमार्ट कहता है कि उसने ये पैसे भारत में ख़र्चे तो ये घूस है."रविशंकर प्रसाद
शून्य काल में वॉलमार्ट द्वारा लॉबिंग करने के लिए ख़र्च किए गए धन का मुद्दा रविशंकर प्रसाद ने उठाया.विशंकर प्रसाद ने आगे कहा, “सरकार को बताना चाहिए कि ये रिश्वत किसे दी गई है. ये जानकारी खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश पर सवाल उठाती है. ”
बीजेपी के समर्थन में तृणामूल के नेता डी बंधोपाध्याय और सीपीएम के पी राजीव भी आए.
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सरकार बताए, वॉलमार्ट ने किसे दिए पैसे: बीजेपी
नवभारतटाइम्स.कॉम | Dec 10, 2012,
नई दिल्ली।। भारतीय बाजार में एंट्री के लिए लॉबीइंग करने के वॉलमार्ट के कबूलनामे के बाद विपक्ष के भारी हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बीजेपी, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, जेडीयू, एजीपी, शिवसेना और सरकार को बाहर से समर्थन दे रही एसपी के सदस्यों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सफाई देने और एफडीआई पर रोक लगाने की मांग की।
मल्टि-ब्रैंड रीटेल में एफडीआई के लिए वॉलमार्ट के 125 करोड़ रुपये खर्च करने की खबर के बाद सरकार पर हमले करने में बीजेपी सबसे आगे रही। बीजेपी ने आज कहा कि सरकार एफडीआई के मुद्दे पर फंड मैनेजमेंट से जीती है और वह इसका सच बताए। मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि सरकार बताए कि इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए मनी मैनेजमेंट में बिचौलिये की भूमिका किसने निभाई। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि लॉबीइंग के नाम पर रिश्वत दी गई है। सरकार बताए कि यह रिश्वत किसे दी गई।
नई दिल्ली।। भारतीय बाजार में एंट्री के लिए लॉबीइंग करने के वॉलमार्ट के कबूलनामे के बाद विपक्ष के भारी हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बीजेपी, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, जेडीयू, एजीपी, शिवसेना और सरकार को बाहर से समर्थन दे रही एसपी के सदस्यों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सफाई देने और एफडीआई पर रोक लगाने की मांग की।
मल्टि-ब्रैंड रीटेल में एफडीआई के लिए वॉलमार्ट के 125 करोड़ रुपये खर्च करने की खबर के बाद सरकार पर हमले करने में बीजेपी सबसे आगे रही। बीजेपी ने आज कहा कि सरकार एफडीआई के मुद्दे पर फंड मैनेजमेंट से जीती है और वह इसका सच बताए। मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि सरकार बताए कि इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए मनी मैनेजमेंट में बिचौलिये की भूमिका किसने निभाई। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा कि लॉबीइंग के नाम पर रिश्वत दी गई है। सरकार बताए कि यह रिश्वत किसे दी गई।
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