गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल से इस्तीफे की मांग




कमला बेनीवाल जयपुर जमीन घोटाले के जांच के आदेश न्यायालय ने दिये, नैतिकता के नाम पर अब बेनीवाल को पद से इस्तिफा देना चाहिये।

कमला बेनीवाल के खिलाफ जांच का आदेश

नवंबर 23, 2012,शुक्रवार
http://www.rashtriyasahara.com/epapermain.aspx?queryed=9&eddate=11%2f23%2f2012
जयपुर (एसएनबी)। शहर की एक अदालत ने अरबों रुपए की सरकारी भूमि हड़पने के मामले में गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल सहित 17 आरोपियों के खिलाफ करघनी थाना पुलिस को जांच का आदेश दिया है। खास बात यह है कि इस मामले में सभी आरोपी रसूखदार घरानों के लोग हैं। अदालत ने यह आदेश संजय किशोर अग्रवाल के परिवाद पर दिया। अन्य अरोपियों में अमरसिंह, अजय कुमार, चंद्रप्रकाश, गोपालराम, हरिनारायण मीणा, हनुमान सिंह, राधाकृष्ण चौधरी, रतनसिंह, रणवीर सिंह, राकेश कुमार सिंह, राजेन्द्र पूनिया, सुरजाराम मील, शांतिदेवी, संजीव आर्य, सुमित शर्मा और विजयपाल हैं। सरकार ने 1951 में खाली पड़ी भूमि को बीस साल की लीज पर देने की योजना बनाई थी। बाद में 1956 के अधिनियम से इस अवधि को 25 साल कर दिया गया। सरकार ने पांच जनवरी 1953 को राजेन्द्र सिंह व अन्य को सहकारी समिति बनाकर कृषि कार्य के लिए 218 एकड़ भूमि आवंटित कर दी। राजेन्द्र ने भूमि का पंजीयन किसान सामूहिक कृषि सहकारी समिति झोटवाड़ा के नाम कराया। 25 साल की लीज पूरी होने के बाद यह भूमि सरकार में निहित हो गई लेकिन राजस्व अधिकारियों ने भूमि को सरकारी खाते में दर्ज नहीं किया।
================
राज्यपाल पद से इस्तीफा दें बेनीवाल: बीजेपी
अहमदाबाद (एसएनएन): गुजरात की बीजेपी सरकार, गुजरात बीजेपी ने राज्यपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जयपुर जमीन घोटाले को लेकर बीजेपी ने गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल से इस्तीफे की मांग की है. गुजरात सरकार के प्रवक्ता और हेल्थ मिनिस्टर जयनारायण व्यास ने कहा है कि राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

क्या है मामला ?
ये मामला राजस्‍थान के जयपुर की बेशकीमती सरकारी जमीन हड़पने से जुड़ा है. सरकार ने 1951 में ये जमीन किसान सामूहिक कृषि सहकारी समिति को खेती के लिए लीज पर दी थी. शुरुआत में ये लीज 20 साल के लिए थी जिसे बाद में 5 साल और बढ़ाया गया था. साल 2003 में कमला बेनीवाल को इस समिति का सदस्य बनाया गया था. बाद में जब जमीन सरकार के कब्जे में आ गई तो इसे समिति के सभी सदस्यों में बांट दिया गया. कमला बेनीवाल को भी कुल सात प्लॉट्स मिले जिनका क्षेत्रफल करीब डेढ़ हज़ार वर्ग मीटर है. आरोप है कि गलत तथ्यों के आधार पर लाखों-करोड़ों मूल्य की सरकारी जमीन को समिति के सदस्यों को आवंटित कर दिया गया.
बीजेपी इसी को मुद्दा बनाकर चुनावों के ऐन पहले राज्यपाल से इस्तीफा मांग रही है. गौरतलब है कि राज्यपाल कमला बेनीवाल कांग्रेस की बड़ी नेता रह चुकी हैं.
---------
'राज्यपाल कमला बेनीवाल ने मजदूर बनकर करोडों की जमीन हथियाई'
एजेंसियां | May 15, 2012
जयपुर।। बीजेपी ने गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने खुद को खेतिहर मजदूर बताकर करोड़ों रुपए की जमीन हथिया ली। बीजेपी के मुताबिक कई और नामी लोगों को इसी तरह से फायदा पहुंचाया गया है। बीजेपी का कहना है कि गहलोत सरकार के दबाव में जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने इस तरह से जमीनें बांटीं हैं और यह करीब एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री किरीट सोमैया ने कहा कि किसान सहकारी समिति के नाम पर राज्यपाल कमला बेनीवाल के साथ ही पूर्व मंत्री कुंभाराम आर्य, बिल्डर सुरजाराम मील समेत 20 लोगों को 50-50 करोड़ रुपए के प्लॉट दिए गए है। जेडीए ने मुआवजे में दिए व्यावसायिक-आवासीय भूखंडों का मूल्यांकन कम दिखाया है |

सोमैया ने बताया कि 1953 में राज्य सरकार ने किसान सहकारी समिति को सहकारिता के आधार पर खेती करने के लिए 384 बीघा जमीन आवंटित की थी। 1990 में जेडीए ने इस जमीन को गोविंदपुरा-करधनी योजना के लिए ले लिया। इसके बदले 20 सदस्यों को 209 व्यावसायिक और आवासीय विकसित भूखंड आवंटित किए गए। सोमैया ने आरोप लगाया कि सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार पीएन मेहरा ने जब इस पर आपत्ति जताई तो उन्हें इस पद से हटा दिया गया।


टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism