चिंतन शिविर : बदइंतजामी से मीडियाकर्मियों में नाराजगी
चिंतन शिविर :-
लाखों खर्च के बावजूद चाय तक पर आफत,
मीडिया में गुस्सा
dainikbhaskar.com | Jan 18, 2013,
जयपुर। महंगाई की मार झेल रही देश की जनता को कांग्रेस से कोई खास उम्मीद नहीं है। फिर भी जयपुर में हो रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर से क्या निकल कर आएगा, इस पर जरूर नजर है। एक ओर सर्दी की मार सह रहे लोगों में कांग्रेस को लेकर काफी गुस्सा है तो चिंतन शिविर में मीडियावालों के लिए इंतजाम भी ठीक नहीं हैं। मीडिया रूम में न खाने की कोई सुविधा है और नहीं खबर भेजने के लिए फैक्स मशीन हैं। चाय या कॉफी सर्व करने के लिए कप तक नहीं हैं। इस बदइंतजामी से मीडियाकर्मियों में नाराजगी है। सिलेंडर का कोटा बढ़ा कर दर्द की दवा देने का दावा करने वाली सरकार ने वास्तव में डीजल के दाम नियंत्रणमुक्त कर लोगों का दर्द बढ़ाया ही है। (पांच बड़े सवाल जिनका जयपुर में जबाव तलाशेगी कांग्रेस)
फिलहाल हिंदुस्तान की आवाम एक तीसरे भारत-इंग्लैंड वनडे के रोमांच का इंतजार कर रही है, लेकिन कांग्रेस के चिंतन शिविर पर भी नजर बनाए हुए है। इस चिंतन शिविर में जुटने वाले नेताओं (देखें तस्वीरें) के बीच महंगाई, राहुल की भूमिका, पाकिस्तान के साथ रिश्ते जैसे मसले पर चिंतन किए जाने की उम्मीद है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में कहा कि देश में 9 साल में काफी आर्थिक विकास हुआ है। हमने गंभीर चुनौतियों का सामना किया। हम समाज के सभी वर्गों में दखल रखते हैं। किसानों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी। आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय पर हमेशा ध्यान दिया। हमारे पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगी है। कुछ राज्यों में सत्ता के बाहर रहने से मनोबल पर असर पड़ा है। आत्मचिंतन करने का वक्त है।
सोनिया ने कहा कि पूरे देश में प्रभाव रखने वाली कांग्रेस इकलौती पार्टी है। गठबंधन और पार्टी के संगठन में तालमेल जरूरी है। पिछले एक दशक में आर्थिक विकास शानदार रही। लेकिन देश का बड़ा हिस्सा अभी भी पिछड़ा है। जमीन, जंगल के लिए आंदोलन पर ध्यान देना जरूरी है।
सोनिया ने कहा कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार शर्म की वजह हैं। इस पर हमें चिंतन की आवश्यकता है। इसी तरह हमें कौशल विकास पर ध्यान देना होगा। क्षेत्रीय शांति के लिए पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते रखने जरूरी है। पड़ोसियों से बातचीत हमेशा सभ्य व्यवहार के साथ हो। विदेशी नीति का मकसद एक खास जगह हासिल करना होता है। शादियों पर फिजूलखर्ची नहीं होनी चाहिए। युवा नेता शादियों पर ऐसे खर्च से बचें।
कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर शुक्रवार से जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में शुरू हुआ है। इसके तहत पहले दो दिन चिंतन होगा, जबकि तीसरे दिन राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। चिंतन शिविर का उद्घाटन सत्र दोपहर दो से तीन बजे के बीच होगा। (तस्वीरों में देखिए, जयपुर में दिग्गज कांग्रेसियों का जमावड़ा)
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और पाकिस्तान के साथ सीमा पर चल रहे संघर्ष का असर कांग्रेस के चिंतन शिविर में भी नजर आ रहा हैं। यहीं वजह कांग्रेस के एजेंडे में महिला सशक्तिकरण और विदेश नीति मुख्य रूप से शामिल हैं।चिंतन शिविर के लिए शुक्रवार सुबह जयपुर पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता वी. नारायण सामी ने मीडिया से बातचीत में ये बात कहीं। उन्होंने ने कहा कि चिंतन शिविर में महिला सशक्तिकरण और विदेश नीति पर मुख्य रूप से चर्चा होने की संभावना हैं। गुलाबी शहर में हो रहे चिंतन शिविर को लेकर युवा कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि शिविर में यूथ पर फोकस किया जाएगा। साथ ही पार्टी में उन्हें आगे बढ़ाने के साथ जिम्मेदारी देने पर भी चर्चा होने की संभावना हैं। पायलट ने कहा कि जयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन होना उनके लिए व्यक्तिगत रुप से खुशी की बात हैं।
महिला प्रतिनिधियों से खास कमरे में मिलेंगी सोनिया
चिंतन शिविर में महिला यौन उत्पीडऩ और संबंधित कानून प्रमुख एजेंडा बन सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खासकर महिला प्रतिनिधियों से महिला उत्पीडऩ पर अलग से राय-मशविरा करेंगी। इसके लिए शिविर में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के लिए निर्धारित जगह के ठीक बगल में एक ब्लू रूम बनाया गया है। ब्लू रूम में सिर्फ कुर्सियां हैं, टेबल नहीं। (किसने लगाई कांग्रेसी शामियाने में आग)
ब्लू रूम के साथ ही तीन और कमरे हैं जो प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए बनाए गए हैं। इन कमरों में वे कुछ खास प्रतिनिधियों से अकेले में बात करेंगे। वैसे, जयपुर में वीवीआईपी अतिथियों के लिए शहर के छह बड़े होटलों में कमरे बुक किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मसलों में पाकिस्तान का मसला महत्वपूर्ण है और उस पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। इसके अलावा पार्टी संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने के तरीके पर भी गहन विचार होगा। (सोनिया के लिए खुद 'कुर्सी' बन गए मंत्री)
350 नेता 4 ग्रुपों में करेंगे चिंतन
चिंतन शिविर में 350 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें 19 कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य, 16 कांग्रेस चुनाव कमेटी के सदस्य, 23 कैबिनेट मंत्री, 12 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 25 राज्य मंत्री, 33 पीसीसी चीफ, 29 कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी ) नेता, 4 प्रवक्ता, 7 विशेष आमंत्रित नेता, 105 यूथ कांग्रेस व एनएसयूआई नेता, महिला कांग्रेस व सेवादल के राष्ट्रीय प्रमुख और तीन सीपीपी नेता शामिल होंगे।
पहला दिन
350 नेता शाम राजनीतिक, भावी सामाजिक आर्थिक चुनौतियों, भारत और विश्व और संगठनात्मक ताकत पर चर्चा करेंगे।
दूसरा दिन
शनिवार को भी सुबह 10 बजे से चार समूहों में ग्रुप डिस्कशन होगा। लोकसभा चुनावों के अलावा पांच राज्यों के चुनावों पर भी चर्चा होगी।
तीसरा दिन
सबसे महत्वपूर्ण। राहुल को बड़ी जिम्मेदारी देने पर फैसला संभव। चिंतन शिविर के मुद्दों पर फैसला होगा। जयपुर संकल्प पारित होगा।
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शिविर और उद्घाटन के नाम बहाए करोड़ों
जेडीए इन व्यवस्थाओं पर अलग से खर्चा करेगा
टनल के उद्घाटन समारोह में बैठक, टेंट, ढोल नगाड़े, लाउड स्पीकर, 16 लाइव प्रसारण स्क्रीन, टनल के उद्घाटन समारोह के कार्ड, मंच, हरियाली के पौधे, एंकर, बैंकाक की कंपनी से सेटेलाइट से तीन प्रोजेक्ट के एक साथ उद्घाटन व्यवस्था पर करीब 20 लाख रुपए। शहर में प्रमुख सड़कों पर डामरीकरण, रोट कट बंद करने, कर्व स्टोन पर पेंट, साइनेज लगाने, केट आई, डिमार्केशन पट्टी, अतिक्रमण हटाने पर करीब 40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए।
चिंतन शिविर के पहले दिन गुरुवार को प्रशासन जयपुर जंक्शन और गणपति नगर रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे गेस्ट हाउस को चमकाने में जुटा रहा। सभी प्लेटफार्मों पर सफाई के तीन दिन के लिए व्यापक इंतजाम कर दिए गए। एंट्री गेट की भी कुछ चौड़ाई बढ़ाकर प्रवेश को सुगम बना दिया गया। स्केनर मशीन को पीछे कर दिया गया है। गुरुवार को दिनभर रंगरोगन जारी रहा। स्टेशन पर कांग्रेस की ओर से एक काउंटर भी लगाया गया है।
बाहर से आने वाले अतिथि इस काउंटर से व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। गणपति नगर रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे के गेस्ट हाउस में रेलमंत्री के आने की संभावना को देखते हुए यहां की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग रेलवे महाप्रबंधक कर रहे हैं। वे इस मामले में कई बार अधिकारियों की मीटिंग ले चुके हैं। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय को भी रंग रोगन कर चमका दिया गया है।
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प्रणब बिन पहला चिंतन
सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला चिंतन शिविर होगा, जिसमें पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार प्रणब मुखर्जी नहीं होंगे। पचमढ़ी और शिमला चिंतन शिविरों में प्रणब मुख्य भूमिका में होते थे। राष्ट्रपति बनने के बाद वे अब राजनीति से दूर हो गए हैं।
सत्ता में रहते पहला चिंतन
यह पहला चिंतन शिविर है, जो कांग्रेस के केंद्र में सत्ता में रहते हो रहा है। 1998 में पचमढ़ी शिविर और 2003 के शिमला चिंतन शिविर के समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी।
10 साल में इन बड़े नेताओं को खोया
शिमला चिंतन शिविर के 10 साल बाद जयपुर चिंतन शिविर हो रहा है। इन 10 साल में पार्टी के कई नेता नहीं रहे। ऊर्जावान नेता माधव राव सिंधिया और वाईएस राजशेखर रेड्डी का हवाई दुर्घटनाओं में निधन हो गया। अर्जुन सिंह भी नहीं रहे। पीआर दास मुंशी लंबे समय से कोमा की स्थिति में अस्पताल में भर्ती है। इस चिंतन शिविर में इन नेताओं की कमी जरूर खलेगी।
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जयपुर। महंगाई की मार झेल रही देश की जनता को कांग्रेस से कोई खास उम्मीद नहीं है। फिर भी जयपुर में हो रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर से क्या निकल कर आएगा, इस पर जरूर नजर है। एक ओर सर्दी की मार सह रहे लोगों में कांग्रेस को लेकर काफी गुस्सा है तो चिंतन शिविर में मीडियावालों के लिए इंतजाम भी ठीक नहीं हैं। मीडिया रूम में न खाने की कोई सुविधा है और नहीं खबर भेजने के लिए फैक्स मशीन हैं। चाय या कॉफी सर्व करने के लिए कप तक नहीं हैं। इस बदइंतजामी से मीडियाकर्मियों में नाराजगी है। सिलेंडर का कोटा बढ़ा कर दर्द की दवा देने का दावा करने वाली सरकार ने वास्तव में डीजल के दाम नियंत्रणमुक्त कर लोगों का दर्द बढ़ाया ही है। (पांच बड़े सवाल जिनका जयपुर में जबाव तलाशेगी कांग्रेस)
फिलहाल हिंदुस्तान की आवाम एक तीसरे भारत-इंग्लैंड वनडे के रोमांच का इंतजार कर रही है, लेकिन कांग्रेस के चिंतन शिविर पर भी नजर बनाए हुए है। इस चिंतन शिविर में जुटने वाले नेताओं (देखें तस्वीरें) के बीच महंगाई, राहुल की भूमिका, पाकिस्तान के साथ रिश्ते जैसे मसले पर चिंतन किए जाने की उम्मीद है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में कहा कि देश में 9 साल में काफी आर्थिक विकास हुआ है। हमने गंभीर चुनौतियों का सामना किया। हम समाज के सभी वर्गों में दखल रखते हैं। किसानों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी। आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय पर हमेशा ध्यान दिया। हमारे पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगी है। कुछ राज्यों में सत्ता के बाहर रहने से मनोबल पर असर पड़ा है। आत्मचिंतन करने का वक्त है।
सोनिया ने कहा कि पूरे देश में प्रभाव रखने वाली कांग्रेस इकलौती पार्टी है। गठबंधन और पार्टी के संगठन में तालमेल जरूरी है। पिछले एक दशक में आर्थिक विकास शानदार रही। लेकिन देश का बड़ा हिस्सा अभी भी पिछड़ा है। जमीन, जंगल के लिए आंदोलन पर ध्यान देना जरूरी है।
सोनिया ने कहा कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार शर्म की वजह हैं। इस पर हमें चिंतन की आवश्यकता है। इसी तरह हमें कौशल विकास पर ध्यान देना होगा। क्षेत्रीय शांति के लिए पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते रखने जरूरी है। पड़ोसियों से बातचीत हमेशा सभ्य व्यवहार के साथ हो। विदेशी नीति का मकसद एक खास जगह हासिल करना होता है। शादियों पर फिजूलखर्ची नहीं होनी चाहिए। युवा नेता शादियों पर ऐसे खर्च से बचें।
कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर शुक्रवार से जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में शुरू हुआ है। इसके तहत पहले दो दिन चिंतन होगा, जबकि तीसरे दिन राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। चिंतन शिविर का उद्घाटन सत्र दोपहर दो से तीन बजे के बीच होगा। (तस्वीरों में देखिए, जयपुर में दिग्गज कांग्रेसियों का जमावड़ा)
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और पाकिस्तान के साथ सीमा पर चल रहे संघर्ष का असर कांग्रेस के चिंतन शिविर में भी नजर आ रहा हैं। यहीं वजह कांग्रेस के एजेंडे में महिला सशक्तिकरण और विदेश नीति मुख्य रूप से शामिल हैं।चिंतन शिविर के लिए शुक्रवार सुबह जयपुर पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता वी. नारायण सामी ने मीडिया से बातचीत में ये बात कहीं। उन्होंने ने कहा कि चिंतन शिविर में महिला सशक्तिकरण और विदेश नीति पर मुख्य रूप से चर्चा होने की संभावना हैं। गुलाबी शहर में हो रहे चिंतन शिविर को लेकर युवा कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि शिविर में यूथ पर फोकस किया जाएगा। साथ ही पार्टी में उन्हें आगे बढ़ाने के साथ जिम्मेदारी देने पर भी चर्चा होने की संभावना हैं। पायलट ने कहा कि जयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन होना उनके लिए व्यक्तिगत रुप से खुशी की बात हैं।
महिला प्रतिनिधियों से खास कमरे में मिलेंगी सोनिया
चिंतन शिविर में महिला यौन उत्पीडऩ और संबंधित कानून प्रमुख एजेंडा बन सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खासकर महिला प्रतिनिधियों से महिला उत्पीडऩ पर अलग से राय-मशविरा करेंगी। इसके लिए शिविर में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के लिए निर्धारित जगह के ठीक बगल में एक ब्लू रूम बनाया गया है। ब्लू रूम में सिर्फ कुर्सियां हैं, टेबल नहीं। (किसने लगाई कांग्रेसी शामियाने में आग)
ब्लू रूम के साथ ही तीन और कमरे हैं जो प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए बनाए गए हैं। इन कमरों में वे कुछ खास प्रतिनिधियों से अकेले में बात करेंगे। वैसे, जयपुर में वीवीआईपी अतिथियों के लिए शहर के छह बड़े होटलों में कमरे बुक किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मसलों में पाकिस्तान का मसला महत्वपूर्ण है और उस पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। इसके अलावा पार्टी संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने के तरीके पर भी गहन विचार होगा। (सोनिया के लिए खुद 'कुर्सी' बन गए मंत्री)
350 नेता 4 ग्रुपों में करेंगे चिंतन
चिंतन शिविर में 350 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें 19 कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य, 16 कांग्रेस चुनाव कमेटी के सदस्य, 23 कैबिनेट मंत्री, 12 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 25 राज्य मंत्री, 33 पीसीसी चीफ, 29 कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी ) नेता, 4 प्रवक्ता, 7 विशेष आमंत्रित नेता, 105 यूथ कांग्रेस व एनएसयूआई नेता, महिला कांग्रेस व सेवादल के राष्ट्रीय प्रमुख और तीन सीपीपी नेता शामिल होंगे।
पहला दिन
350 नेता शाम राजनीतिक, भावी सामाजिक आर्थिक चुनौतियों, भारत और विश्व और संगठनात्मक ताकत पर चर्चा करेंगे।
दूसरा दिन
शनिवार को भी सुबह 10 बजे से चार समूहों में ग्रुप डिस्कशन होगा। लोकसभा चुनावों के अलावा पांच राज्यों के चुनावों पर भी चर्चा होगी।
तीसरा दिन
सबसे महत्वपूर्ण। राहुल को बड़ी जिम्मेदारी देने पर फैसला संभव। चिंतन शिविर के मुद्दों पर फैसला होगा। जयपुर संकल्प पारित होगा।
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शिविर और उद्घाटन के नाम बहाए करोड़ों
जेडीए इन व्यवस्थाओं पर अलग से खर्चा करेगा
टनल के उद्घाटन समारोह में बैठक, टेंट, ढोल नगाड़े, लाउड स्पीकर, 16 लाइव प्रसारण स्क्रीन, टनल के उद्घाटन समारोह के कार्ड, मंच, हरियाली के पौधे, एंकर, बैंकाक की कंपनी से सेटेलाइट से तीन प्रोजेक्ट के एक साथ उद्घाटन व्यवस्था पर करीब 20 लाख रुपए। शहर में प्रमुख सड़कों पर डामरीकरण, रोट कट बंद करने, कर्व स्टोन पर पेंट, साइनेज लगाने, केट आई, डिमार्केशन पट्टी, अतिक्रमण हटाने पर करीब 40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए।
चिंतन शिविर के पहले दिन गुरुवार को प्रशासन जयपुर जंक्शन और गणपति नगर रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे गेस्ट हाउस को चमकाने में जुटा रहा। सभी प्लेटफार्मों पर सफाई के तीन दिन के लिए व्यापक इंतजाम कर दिए गए। एंट्री गेट की भी कुछ चौड़ाई बढ़ाकर प्रवेश को सुगम बना दिया गया। स्केनर मशीन को पीछे कर दिया गया है। गुरुवार को दिनभर रंगरोगन जारी रहा। स्टेशन पर कांग्रेस की ओर से एक काउंटर भी लगाया गया है।
बाहर से आने वाले अतिथि इस काउंटर से व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। गणपति नगर रेलवे कॉलोनी स्थित रेलवे के गेस्ट हाउस में रेलमंत्री के आने की संभावना को देखते हुए यहां की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग रेलवे महाप्रबंधक कर रहे हैं। वे इस मामले में कई बार अधिकारियों की मीटिंग ले चुके हैं। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय को भी रंग रोगन कर चमका दिया गया है।
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प्रणब बिन पहला चिंतन
सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला चिंतन शिविर होगा, जिसमें पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार प्रणब मुखर्जी नहीं होंगे। पचमढ़ी और शिमला चिंतन शिविरों में प्रणब मुख्य भूमिका में होते थे। राष्ट्रपति बनने के बाद वे अब राजनीति से दूर हो गए हैं।
सत्ता में रहते पहला चिंतन
यह पहला चिंतन शिविर है, जो कांग्रेस के केंद्र में सत्ता में रहते हो रहा है। 1998 में पचमढ़ी शिविर और 2003 के शिमला चिंतन शिविर के समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी।
10 साल में इन बड़े नेताओं को खोया
शिमला चिंतन शिविर के 10 साल बाद जयपुर चिंतन शिविर हो रहा है। इन 10 साल में पार्टी के कई नेता नहीं रहे। ऊर्जावान नेता माधव राव सिंधिया और वाईएस राजशेखर रेड्डी का हवाई दुर्घटनाओं में निधन हो गया। अर्जुन सिंह भी नहीं रहे। पीआर दास मुंशी लंबे समय से कोमा की स्थिति में अस्पताल में भर्ती है। इस चिंतन शिविर में इन नेताओं की कमी जरूर खलेगी।
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अब आत्मचिंतन का वक्त, बदलते भारत को पहचानना होगा: सोनिया
Friday, January 18, 2013,
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
जयपुर : गुलाबी नगरी में कांग्रेस के चिंतन शिविर का शुक्रवार को आगाज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा कि यह आत्मचिंतन का वक्त है और इसके लिए बैठक काफी जरूरी है। बदलते भारत को हमें पहचानना होगा। साथ ही, हमें गठबंधन धर्म निभाना पड़ेगा। निजी फायदा छोड़कर एक साथ काम करने की जरूरत है। कई राज्यों में सत्ता में न होना चिंता का विषय है। जिन राज्यों में सत्ता में नहीं हैं, वहां साथ काम करने की जरूरत है।
सोनिया ने यह भी कहा कि प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और हमारे परंपरागत गढ़ में सेंध लगी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि हमने बहुत से अवसर सिर्फ इसलिए गंवाए क्योंकि हमने एक टीम के तौर पर काम नहीं किया।
सोनिया दो टूक शब्दों में अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि अनुशासनहीनता, निजी महात्वाकांक्षाओं और अहम के कारण हमने ऐसे कई अवसर गंवा दिए जो हमें देशवासी देना चाहते थे। सोनिया ने यहां कांग्रेस के दो दिवसीय चिन्तन शिविर में अपने प्रारंभिक भाषण में पार्टीजन से सवाल किया कि क्या ऐसा नहीं है कि हमने सिर्फ इस वजह से ऐसे कई अवसर गंवा दिये हैं, जो देशवासी हमें देना चाहते हैं क्योंकि हम एक अनुशासित और संगठित टीम की तरह काम करने में नाकाम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन राज्यों में जहां हमारी सरकारें नहीं हैं, वहां हमें अपनी निजी महात्वाकांक्षाओं और अहम को भुलाकर फौरन एकजुट होना चाहिए। जिससे पार्टी की जीत हो। हम ये क्यों भूल जाते हैं कि पार्टी की जीत ही हम सबकी जीत है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्टी इसे लेकर काफी गंभीर है। पड़ोसी के साथ बातचीत सभ्य बर्ताव के सिद्धांतों पर ही स्वीकार्य होगा। आज सरकार से देश की उम्मीदें बढ़ रही हैं। बदलते भारत को पहचानना होगा। उन्होंने कहा कि नौ साल में देश का काफी विकास हुआ है। सामाजिक दायित्व के साथ विकास जरूरी है। किसानों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी गई।
उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास का फायदा सभी को मिले, ऐसी हमारी मंशा है। पार्टी का ध्यान हमेशा सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास पर रहा। हमें समाज के कमजोर वर्ग की चिंता है। मनरेगा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे करोड़ों लोगों को फायदा मिला है। देश का कई हिस्सा अब भी काफी पिछड़ा हुआ है और इसके विकास के लिए समुचित कदम उठाए जाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने महिलाओं की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए कहा कि महिलओं के खिलाफ बढ़ते अपराध शर्मनाक हैं। महिलाओं पर अत्याचार को ‘सामूहिक अंतरात्मा का कलंक’ बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात पर पीड़ा जाहिर की कि देश में बच्चियों के प्रति भेदभाव अभी भी जारी है। चिन्तन शिविर में सोनिया ने इस बात पर दु:ख और पीड़ा जाहिर की कि देश में बच्चियों के प्रति भेदभाव अभी भी जारी है।
उन्होंने कहा कि शहरों और गांवों में महिलाओं पर अत्याचार बहुत शर्मनाक और हमारी सामूहिक अंतरात्मा पर कलंक के समान है। उन्होंने कहा कि विधवाओं से पेश आने का हमारा तरीका, आर्थिक रूप से बेहतर इलाकों में कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं और बच्चों की खरीद फरोख्त और बेखौफ यौन हिंसा जैसे विचलित करने वाले रवैये के खिलाफ समाज को झकझोरने और आंखें खोलने की सख्त जरूरत है।
उन्होंने पार्टीजन से किफायतकुशा होने के लिए भी कहा। खर्चीली शादियों से यह सवाल आएगा कि धन कहां से आया। चूंकि जनता सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के स्तर से वाकई उब चुकी है। हम मध्य वर्ग को पथभ्रमित होने नहीं दे सकते हैं।
सोनिया ने कहा कि हमारी उपलब्धियों का एक भरा पूरा इतिहास है। समाज के सभी वर्ग हमसे जुड़े हैं। हम सभी वगो’ के हितों और चिन्ताओं के लिए आवाज बुलंद करते हैं खासकर कमजोर वर्गों जैसे दलित आदिवासी अल्पसंख्यक और महिलाएं। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा किसानों और खेतिहर मजदूरों के हितों की अगुवाई की है। सबका समावेशी दृष्टिकोण हमारे लिए सिर्फ चुनाव जीतने और सरकार चलाने की कोई राजनीतिक चाल नहीं है। यह समावेश हमारी विचारधारा का संबल है। यह किसी मजबूरी का नतीजा नहीं है, जैसे हमारे कुछ विरोधियों के लिए है।
गौर हो कि कांग्रेस का यह चिंतन शिविर दो दिन तक चलेगा। इस दौरान 2014 के आम चुनाव पर पार्टी स्तर पर मंथन किया जाएगा।
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
जयपुर : गुलाबी नगरी में कांग्रेस के चिंतन शिविर का शुक्रवार को आगाज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा कि यह आत्मचिंतन का वक्त है और इसके लिए बैठक काफी जरूरी है। बदलते भारत को हमें पहचानना होगा। साथ ही, हमें गठबंधन धर्म निभाना पड़ेगा। निजी फायदा छोड़कर एक साथ काम करने की जरूरत है। कई राज्यों में सत्ता में न होना चिंता का विषय है। जिन राज्यों में सत्ता में नहीं हैं, वहां साथ काम करने की जरूरत है।
सोनिया ने यह भी कहा कि प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और हमारे परंपरागत गढ़ में सेंध लगी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि हमने बहुत से अवसर सिर्फ इसलिए गंवाए क्योंकि हमने एक टीम के तौर पर काम नहीं किया।
सोनिया दो टूक शब्दों में अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि अनुशासनहीनता, निजी महात्वाकांक्षाओं और अहम के कारण हमने ऐसे कई अवसर गंवा दिए जो हमें देशवासी देना चाहते थे। सोनिया ने यहां कांग्रेस के दो दिवसीय चिन्तन शिविर में अपने प्रारंभिक भाषण में पार्टीजन से सवाल किया कि क्या ऐसा नहीं है कि हमने सिर्फ इस वजह से ऐसे कई अवसर गंवा दिये हैं, जो देशवासी हमें देना चाहते हैं क्योंकि हम एक अनुशासित और संगठित टीम की तरह काम करने में नाकाम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन राज्यों में जहां हमारी सरकारें नहीं हैं, वहां हमें अपनी निजी महात्वाकांक्षाओं और अहम को भुलाकर फौरन एकजुट होना चाहिए। जिससे पार्टी की जीत हो। हम ये क्यों भूल जाते हैं कि पार्टी की जीत ही हम सबकी जीत है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्टी इसे लेकर काफी गंभीर है। पड़ोसी के साथ बातचीत सभ्य बर्ताव के सिद्धांतों पर ही स्वीकार्य होगा। आज सरकार से देश की उम्मीदें बढ़ रही हैं। बदलते भारत को पहचानना होगा। उन्होंने कहा कि नौ साल में देश का काफी विकास हुआ है। सामाजिक दायित्व के साथ विकास जरूरी है। किसानों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी गई।
उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास का फायदा सभी को मिले, ऐसी हमारी मंशा है। पार्टी का ध्यान हमेशा सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास पर रहा। हमें समाज के कमजोर वर्ग की चिंता है। मनरेगा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे करोड़ों लोगों को फायदा मिला है। देश का कई हिस्सा अब भी काफी पिछड़ा हुआ है और इसके विकास के लिए समुचित कदम उठाए जाएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने महिलाओं की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए कहा कि महिलओं के खिलाफ बढ़ते अपराध शर्मनाक हैं। महिलाओं पर अत्याचार को ‘सामूहिक अंतरात्मा का कलंक’ बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात पर पीड़ा जाहिर की कि देश में बच्चियों के प्रति भेदभाव अभी भी जारी है। चिन्तन शिविर में सोनिया ने इस बात पर दु:ख और पीड़ा जाहिर की कि देश में बच्चियों के प्रति भेदभाव अभी भी जारी है।
उन्होंने कहा कि शहरों और गांवों में महिलाओं पर अत्याचार बहुत शर्मनाक और हमारी सामूहिक अंतरात्मा पर कलंक के समान है। उन्होंने कहा कि विधवाओं से पेश आने का हमारा तरीका, आर्थिक रूप से बेहतर इलाकों में कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं और बच्चों की खरीद फरोख्त और बेखौफ यौन हिंसा जैसे विचलित करने वाले रवैये के खिलाफ समाज को झकझोरने और आंखें खोलने की सख्त जरूरत है।
उन्होंने पार्टीजन से किफायतकुशा होने के लिए भी कहा। खर्चीली शादियों से यह सवाल आएगा कि धन कहां से आया। चूंकि जनता सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के स्तर से वाकई उब चुकी है। हम मध्य वर्ग को पथभ्रमित होने नहीं दे सकते हैं।
सोनिया ने कहा कि हमारी उपलब्धियों का एक भरा पूरा इतिहास है। समाज के सभी वर्ग हमसे जुड़े हैं। हम सभी वगो’ के हितों और चिन्ताओं के लिए आवाज बुलंद करते हैं खासकर कमजोर वर्गों जैसे दलित आदिवासी अल्पसंख्यक और महिलाएं। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा किसानों और खेतिहर मजदूरों के हितों की अगुवाई की है। सबका समावेशी दृष्टिकोण हमारे लिए सिर्फ चुनाव जीतने और सरकार चलाने की कोई राजनीतिक चाल नहीं है। यह समावेश हमारी विचारधारा का संबल है। यह किसी मजबूरी का नतीजा नहीं है, जैसे हमारे कुछ विरोधियों के लिए है।
गौर हो कि कांग्रेस का यह चिंतन शिविर दो दिन तक चलेगा। इस दौरान 2014 के आम चुनाव पर पार्टी स्तर पर मंथन किया जाएगा।
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