कांगेस का सरकारी तंत्र दुरूपयोग, भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष चुनाव प्रभावित करने हेतु
- अरविन्द सिसोदिया
भाजपा के लिए शिंदे के भगवा आतंकवाद के मुद्दे के साथ यह भी याद रखना चाहिए कि , कांगेस ने सरकारी तंत्र का दुरूपयोग भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष पद के चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया है । 22 जनवरी मंगलवार 2013 को यह तय था कि , 23 को भाजपा अपना नया अध्यक्ष नितिन गडकरी को पुनः चुन रही है , तब भारत का आयकर विभाग , भारत की दूसरी बड़ी पार्टी के अध्यक्ष पद को प्रभावित करने में जूट गया ? क्यों?? एक दो दिन बाद भी यह कार्यवाही हो सकती थी ! गडकरी भारत से भाग कर तो कहीं जा नहीं रहे थे ?
इस घटना पर पार्टी की बड़ी प्रतिक्रिया होनी चाहिए थी ? ताकी आगे इस तरह का षड्यंत्र कांग्रेस न कर पाए , मगर भाजपा के बड़े नेता इस पर अपना कर्तव्य नहीं निभा पाए ? क्यों.....?
याद रहे आज गडकरी को कोंग्रेस ने चक्रव्यूह रच कर राजनैतिक हत्या की है तो कल वे नेता भी होंगे इसी तर्ज पर शिकार जो आज चुप हैं...................!
दुर्भाग्यपूर्ण यह भी रहा की भारत के मिडिया को इस दखलंदाजी पर सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए था , मगर वह विज्ञापन के साथ खड़ा हुआ....................
22 जनवरी 2013 मंगलवार की दो खबरें पढ़िए .......बुधवार को चुनाव था.........
गडकरी का भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा
नई दिल्ली/इंटरनेट डेस्क |January 22, 2013
भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद पार्टी में भारी विरोध के आगे घुटने टेकते हुए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मंगलवार को पद से आखिरकार इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अध्यक्ष पद की दौड़ में दो नाम राजनाथ सिंह और वैंकेया नायडू सामने आए हैं। सिंह और नायडू पहले भी भाजपा अध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार फिलहाल राजनाथ का नाम इस रेस में आगे है। बुधवार सुबह 9.30 बजे भाजपा संसदीय दल की बैठक होगी, जिसमें नए अध्यक्ष का नाम तय होगा। गडकरी ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि अब दोबारा मैं भाजपा अध्यक्ष पद की दावेदारी नहीं करूंगा। अब मैं तभी लौटूंगा जब भ्रष्टाचार के आरोपों से बेदाग साबित हो जाऊंगा।
मंगलवार की रात को अचानक भाजपा के अंदर घटनाक्रम तब बदला जब सुषमा स्वराज, वैंकेया नायडू, अरुण जेटली और रामलाल की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार परिस्थितियों पर विचार करने के बाद गडकरी से बातचीत की गई। गडकरी ने राजनाथ के नाम पर सहमति व्यक्त करते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी।
उल्लेखनीय है कि पार्टी में ही गडकरी का विरोध तेज हो गया था। यशवंत सिन्हा उनके खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बना रहे थे। जबकि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का गडकरी को दूसरी बार अध्यक्ष बनान का विरोध जगजाहिर था।
कई अन्य नेता भी गडकरी पर सवाल उठा रहे थे कि जब उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं तो उनके नेतृत्व में अगले साल आम चुनाव कैसे लड़ा जा सकता है? हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरी ताकत से गडकरी के पीछे खड़ा था।
सूत्रों के अनुसार संघ की जिद को देखते हुए आडवाणी कैंप सुषमा स्वराज के पक्ष में था। माना जा रहा है कि संघ पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत ही वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया। चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके महेश जेठमलानी के बाद सिन्हा ने मंगलवार को नामांकन पत्र और मतदाता सूची मंगा ली थी।
असल में गडकरी विरोधी खेमा अपनी रणनीति में सफल रहा और इसके बाद ही संघ और भाजपा नेताओं के बीच बैठकों का दौर शुरू हुआ। बहरहाल, इस खींचतान के बाद अब सभी की निगाहें बुधवार को होने वाले नामांकन पर टिकी हैं। जिसमें सूत्रों के अनुसार राजनाथ का चुना जाना तय है।
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गडकरी की कंपनी पर आयकर विभाग का छापा
मुंबई/इंटरनेट डेस्क |January 22, 2013
वित्तीय अनियमितताओं के मामले में घिरे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। गडकरी के स्वामित्व वाली कंपनी पूर्ति ग्रुप पर कर चोरी के मामले में आयकर विभाग की टीम ने मंगलवार को छापेमारी की।
बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की टीम पूर्ति समूह से जुड़े नौ ठिकानों पर पहुंची और जांच को अंजाम दिया। टीम ने इन सभी जांच कार्रवाई को मुंबई के विभिन्न जगहों पर अंजाम दिया। ज्ञात हो कि आईटी विभाग ने गडकरी को एक फरवरी को बुलाया है। वहीं, गडकरी ने इसके लिए और वक्त मांगा है।
विभाग की यह कार्रवाई उस समय की गई जब गडकरी को इनकम टैक्स महकमा ने पूर्ति समूह से जुड़ी कंपनियों में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में पेश होने के लिए कहा था।
गडकरी ने कुछ भी गलत करने के आरोपों को नकारते हुए कहा था कि वह कुछ समय पहले पूर्ति समूह से इस्तीफा दे चुके हैं। इससे पहले आयकर विभाग ने कर चोरी के मामले में गडकरी को जनवरी के दूसरे पखवाड़े में पेश होने का नोटिस भेजा था।
तब भी गडकरी ने दो सप्ताह का समय यह कहकर मांगा था कि वह नागपुर में नहीं हैं। उनकी गुहार पर विस्तार देते हुए पेशी की तारीख 21 जनवरी तय कर दी गई थी। गडकरी को व्यक्तिगत तौर पर आयकर विभाग के समक्ष पेश होने का नोटिस भेजा गया था।
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