84 कोसी परिक्रमा पर रोक से हिंदुओं को लगी ठेस : राजनाथ सिंह



धार्मिक यात्रा पर रोक लगना उचित नहीं : राजनाथ सिंह
संतों को 84 कोसी परिक्रमा करवाए सरकार  : राजनाथ सिंह
जो सरकार किसी भी धर्म या पंथ के आयोजन को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी न निभा पाए उसका सत्ता में बने रहने का औचित्य नहीं है। प्रदेश सरकार के फैसले से दुर्भाग्यपूर्ण स्थित पैदा हो गई है  : राजनाथ सिंह
84 कोसी यात्रा पर रोक लगाना प्रदेश सरकार की सोची समझी रणनीति है। यात्रा पर लगाई गई रोक राजनीति से प्रेरित है। सपा सरकार ने हिंदुओं को ठेस पहुचाने का काम किया है : राजनाथ सिंह
--------------
84 कोसी परिक्रमा पर रोक से हिंदुओं को लगी ठेस: राजनाथ
लखनऊ/ब्यूरो/इंटरनेट डेस्क | अंतिम अपडेट 23 अगस्त 2013 
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने प्रदेश सरकार से अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा पर लगाए गए प्रतिबंध पर पुनर्विचार की अपील की है। उन्होंने कहा, यह पाबंदी हमारे लिए चुनौती है।

हर धर्म के व्यक्ति को अपनी धार्मिक आस्था को अभिव्यक्त करने का अधिकार है। दो-ढाई सौ संत 84 कोसी परिक्रमा करना चाहते हैं तो सरकार को आपत्ति क्या है?

राजनाथ सिंह बृहस्पतिवार शाम अपने कालीदास मार्ग स्थित निवास पर डॉ. अनुभव अवस्थी के शोध गृंथ ‘ह्रदय नारायण दीक्षित और उनकी पत्रकारिता’ के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, अयोध्या में दो-ढाई सौ साधु 84 कोसी परिक्रमा करना चाहते थे। इस पर पाबंदी लगा दी गई। परिक्रमा से सरकार को आपत्ति क्यों है?

हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हर किसी को अपनी धार्मिक भावनाओं, आस्था और विश्वास के पोषण का अधिकार है। शासन की जिम्मेदारी है कि ऐसा करने वालों को सुरक्षा दे। शांति-असुरक्षा की बात आती है तो लाखों की संख्या में सुरक्षा बल किस लिए है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, जो सरकार किसी भी धर्म या पंथ के आयोजन को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी न निभा पाए उसका सत्ता में बने रहने का औचित्य नहीं है। प्रदेश सरकार के फैसले से दुर्भाग्यपूर्ण स्थित पैदा हो गई है।

यह घटना हम सबके लिए चुनौती है। परिक्रमा जैसे मामलों को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

इससे पहले चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट और फिर अपने आवास पर खबरनवीसों से बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा कि 84 कोसी यात्रा पर रोक लगाना प्रदेश सरकार की सोची समझी रणनीति है। यात्रा पर लगाई गई रोक राजनीति से प्रेरित है। सपा सरकार ने हिंदुओं को ठेस पहुचाने का काम किया है।

देश में सांस्कृतिक असुरक्षा की भावना

राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में सांस्कृतिक असुरक्षा बढ़ रही है। सरकार की जिम्मेदारी कि इस असुरक्षा को दूर करने के लिए प्रभावी पहल करे। भारतीय संस्कृति के संरक्षण, प्रोत्साहन के प्रति सजग रहे।

केंद्र सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को सांस्कृतिक-आर्थिक असुरक्षा की कोई चिंता नहीं है। चिंता है तो बस कुर्सी और वोटों की।

पिछले महीने अमेरिका यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां के लोगों में भारतीय संस्कृति के प्रति बढ़ती आस्था बढ़ रही है। मन को यह बात सालती है कि भारत को क्या हो गया है।

क्यों हम विशिष्ट पहचान खोते जा रहे हैं। यहां भारतीय संस्कृति से प्रभावित होने को प्रतिगामी माना जा रहा है। कहा जाता है कि राष्ट्र, संस्कृति की बात करेंगे तो प्रगतिशील नहीं रहेंगे।

पाक को मुंहतोड़ नहीं दे पाई सरकार

राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार यदि दो सैनिकों के सिर काटे जाने के वक्त पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देती तो पांच सैनिकों की हत्या न होती।

मुंबई पर आतंकी हमले के समय भी सीमा पार चल रहे आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों को नष्ठ करने की बात रही गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। केंद्र सरकार कूटनीतिक समेत सभी मुद्दों पर विफल है।

सरकार में साथ रहेंगे सहयोगी

राजनाथ सिंह ने दावा किया कि भाजपा 272 से अधिक सीट जीतेगी। जो सहयोगी मिलकर चुनाव लड़ेंगे वे बाद में भी साथ रहेंगे। उन्होंने केंद्र की कांग्रेस सरकार को आडे़ हाथ लिया।

कहा, इस सरकार में महंगाई चरम पर है। केंद्र व प्रदेश में अराजकता जैसी स्थिति है। अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर देश की पहचान धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा, जनता भाजपा की तरफ देख रही है।

स्वागत से जाम रही कानपुर रोड

पिछले महीने अमेरिका यात्रा के बाद राजनाथ सिंह के पहली बार लखनऊ आने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ। एयरपोर्ट पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही व रमापतिराम त्रिपाठी समेत तमाम नेताओं ने उनका स्वागत किया।

सरोजनीनगर में भाजपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य वीरेन्द्र कुमार तिवारी ने 272 फूल मालाओं, आरती, आतिशबाजी और बैंड बाजे के साथ उनका स्वागत किया। उन्हें लड्डुओं से भी तौला गया। स्वागत की वजह से काफी देर के लिए कानपुर रोड पर जाम जैसी स्थिति रही।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

God’s Creation and Our Existence - Arvind Sisodia

Sanatan thought, festivals and celebrations

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

कविता - संघर्ष और परिवर्तन

‘‘भूरेटिया नी मानू रे’’: अंग्रेजों तुम्हारी नहीं मानूंगा - गोविन्द गुरू

सरदार पटेल प्रथम प्रधानमंत्री होते तो क्या कुछ अलग होता, एक विश्लेषण - अरविन्द सिसोदिया sardar patel

सरदार पटेल के साथ वोट चोरी नहीं होती तो, वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री होते - अरविन्द सिसोदिया