भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना
‘भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना’
भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे, छोटी बहन को न भुलाना
देखो ये नाता निभाना , निभाना
भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे, छोटी बहन को न भुलाना
भैया मेरे............
ये दिन ये त्यौहार खुशी का
पावन जैसे नीर नदी का
भाई के उजले माथे पे
बहन लगाये मंगल टीका
झूमे ये सावन सुहाना
भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे, छोटी बहन को न भुलाना
भैया मेरे............
बाँध के हमने रेशम डोरी
तुमसे वो उम्मीद है जोड़ी
नाज़ुक है जो साँस के जैसी
पर जीवन भर जाए न तोडी
जाने ये सारा ज़माना
भैया मेरे , भैया मेरे
राखी के बंधन को निभाना ......
शायद वो सावन भी आए
जो पहला सा रंग न लाये
बहन पराये देश बसी हो
अगर वो तुम तक पहुँच न पाए
याद का दीपक जलाना
भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे, छोटी बहन को न भुलाना
भैया मेरे............
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