”अपना नववर्ष : अपना उत्सव “ : नवसंवत् 2072 का स्वागत, अभिनंदन एवं भजन संध्या
पत्रकारवार्ता ”अपना नववर्ष : अपना उत्सव “
21 मार्च को प्रातः नवसंवत् विक्रम 2072 का स्वागत, अभिनंदन एवं भजन संध्या
19 मार्च। सृष्टि के जन्मदिवस एवं नवसंवत् के प्रथम सूर्योदय तिथि चैत्र शुक्ल एकम् अर्थात ”वर्ष प्रतिपदा“ हम सभी के लिये प्राकृतिक, सांस्कृतिक, पौराणिक, वैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय गौरव की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण, पवित्र एवं पुण्यमय तिथि है। यह इस वर्ष हमारे बीच 21 मार्च शनिवार को आ रही है। कोटा महानगर में नववर्ष उत्सव आयोजन समिति, कोटा महानगर के तत्वावधान में अपने नववर्ष को धूमधाम से उत्सवपूर्वक घर - घर मनाये जाने के लिये विगत दो सप्ताह से भिन्न - भिन्न स्तरों पर प्रयास चल रहे हैं। अनेकों प्रकार के कार्यक्रमों की रचना की गई है। जिनके द्वारा समिति के कार्यकर्ता निचले स्तर तक जनजागरण हेतु पहुंचे हैं।
यह जानकारी पत्रकार वार्ता में देते हुये अध्यक्ष रामकुमार मेहता एवं मंत्री सतीश कुमार गुप्ता ने बताया कि वर्तमान संवत् 2071 के अंतिम सूर्यास्त की विदाई 20 मार्च, शुक्रवार सायं 6 बजे मुख्य कार्यक्रम किशोर सागर तालाब की बारहद्वारी में ”दीपदान, आतिशबाजी एवं महाआरती“ के द्वारा किया जायेगा। वही 21 मार्च शनीवार चैत्र शुक्ल एकम को सायंकाल अनंतपुरा चौराहे पर भजन संध्या का आयोजन किया गया है।
समिति के प्रयासों का असर अब दिखने लगा है समाज में स्वस्फूर्त अपने नये साल के प्रति जागरण हुआ है। प्रिंट मीडिया, चेनल्स एवं सोसल मीडिया के माध्यम से यह जागरूकता दिखने लगी है। उन्होने बताया कि समिति के प्रयासों से यह पहलीवार होगा कि टेलीफोन से बधाई संदेश सुनाई देंगे , रेल्वे की उद्घोषणओं में बधाई संदेश प्रसारित होंगे। चम्बल गार्डन , सी बी गार्डन और सेवन वडर्स में भी निःशुल्क प्रवेश का आश्वासन यू आई टी ने दिया है। नगर निगम कोटा ने भी फलैक्स आदी के द्वारा प्रचार प्रसार का भरोया दिलाया है। कोचिंग संस्थानों के द्वारा अपने - अपने संस्थानों में भारतीय नवसंवत की विशेषताओं को बताया जा रहा है।
पत्रकार वार्ता में समिति के समिति के मुख्य संरक्षक प्रो0 चन्द्रदेव प्रसाद,संरक्षक कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांती जैन , अध्यक्ष आर के मेहता, राजकुमार माहेश्वरी, मंत्री सतीश कुमार गुप्ता, सहमंत्री डॉ0 एन एल हेड़ा, मोहन मालव, राजेश टेलर, कोषाध्यक्ष रमेश राठौर, प्रचार मंत्री अरविन्द सिसोदिया, प्रतापसिंह तोमर, आशीष मेहता, सदस्य मुकेश विजय, चन्द्रप्रकाश नागर, पुरूषोतम अजमेरा मौजूद थे।
समिति के द्वारा किये गये कार्यो का विवरण देते हुये उन्होंने बताया कि समाज अपने नववर्ष को स्वेच्छा से मनाये इसलिए समिति ने नववर्ष आयोजन को जमीनी स्तर पर उतारने का प्रयास किया है। इसके लिए एक स्थान पर बड़ा आयोजन कर लोगों को एकत्रित करने के बजाय विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के साथ ही छोटे छोटे आयोजन किये जा रहे हैं। इसके लिये नववर्ष उत्सव आयोजन समिति, कोटा महानगर ने ”अपना नववर्ष: अपना उत्सव “ थीम पर कार्य कर रही है। भारतीय नववर्ष की जानकारी एवं महत्व को दशाने वाली प्रचार सामग्री को वितरण घर-घर में किया जा रहा है।
इस हेतु अभी तक 50 हजार स्टिकर, 50 हजार हैंड बिल / पर्चे, 10 हजार भगवा पताकायें और 200 बैनर कोटा महानगर में समाज के बीच पहुंच चुके हैं। चाहनों पर भी बडे स्टिकर लगवाये गये हैं। समिति ने कोटा महानगर को 10 नगरों में तथा 108 बस्तियों में विभाजित किया, सभी नगरों में नगर कार्यकारिणी एवं बस्तियों में बस्ती प्रमुख एवं टोली का गठन किया गया है।
इसी संगठन रचना के द्वारा नागरिकों से आग्रह किया गया है कि नवसंवत्सर की अधिकतम शुभकामनायें आपस में संप्रेषित करें, अपने - अपने भवनों पर घरों पर भगवा पताकायें लगायें, बंदनवार बांधे, दीप जलायें, प्रातःकालीन सूर्योदय बेला में सूर्य भगवान को जल चढ़ायें, आरती करें, रंगोली सजवायें व मंदिरों में सामूहिक महाआरतियां भी आयोजित करें।
आम जन में नवसंवत् के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए भारतीय नवसंवतसर की शुभकामनाओं के स्टीकर, बैनर एवं फलैक्स लगवाये जा रहे हैं, बाजारों एवं भवनों पर रात्रि प्रकाश एवं अन्य सज्जाओं का आग्रह किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। कोटा व्यापार महासंघ के द्वारा चौराहो की सज्जा की जावेगी। कार्यवार अलग - अलग समूहों में जिम्मेवारियां दी गईं हैं।
सोशल मीडिया पर विशेष जोर -समिति के पदाधिकारी वाटस अप, फेसबुक, ट्विटर, ब्लॉग के माध्यम से नवसंवत्सर की बधाई दे रहे हैं तथा उसके प्रति जागरूकता उत्पन्न कर रहे है।
जनप्रतिनिधियों से एसएमएस व ध्वनि संदेश भेजने का आग्रह-
समिति ने वर्तमान सांसद, विधायकों एवं पार्षदों से आग्रह किया है कि वे अपनी अपनी ओर से एसएमएस व ध्वनि संदेश के द्वारा क्षेत्र के लोगों को नवसंवत् की बधाईयां प्रेषित करें।
पत्रकारवार्ता में बताया गया कि चैत्र शुक्ल एकम् अर्थात वर्ष प्रतिपदा अत्यंत महत्व की तिथि है इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी तथा प्रथम सूर्योदय इसी तिथि को हुआ था। शक्ति की अवतारी नवदुर्गा की घटस्थापना भी इसी तिथि से प्रारम्भ होता है। इसी तिथि को भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था, भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक, युधिष्ठिरजी का राजतिलक, भगवान वरूणदेवता झूलेलाल का जन्म, महर्षि गौतम का जन्म हुआ, महर्षि दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना भी इसी तिथि को की थी। विश्व के सबसे बडे स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक परमपूज्य डॉ0 केशव बलीराम हेड़गेवार जी का जन्मदिवस तिथि अनुसार यही है और राजस्थान प्रांत की स्थापना भी इसी तिथि को हुई थी।
सभी भारतीय संवत्सर चैत्र शुक्ला एकम् वर्ष प्रतिपदा से ही प्रारम्भ होते हैं। सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन शक विजय के उपरांत विक्रम संवत् की स्थापना की थी, इसी तिथि से शालिवाहन शक संवत पुनः शकों पर विजय के उपलक्ष में मनाया जाता है। युधिष्ठिर संवत्, कलिसवंत् आदि की गणना भी इसी दिन से होती है। भारत के सम्पूर्ण ग्रामीण परिवेश में कृषि के नये काम और नये व्यवसायों को भी इसी दिन से प्रारम्भ करने की परम्परा है।
प्राकृतिक दृष्टि से भी हमारा संवत व्यवहारिक है, पृथ्वी के मौसम से लेकर आकाशीय गणना तक हमारी कालगणना विज्ञान सम्मत, सटीक व शुद्ध है। यह शुभ तिथि हमारी संस्कृति के गौरव का स्मरण करवाती है। इसलिये सभी भारतीयों को अपने संवत को उत्सवपूर्वक मनाने का आग्रह इस पत्रकारवार्ता द्वारा किया जाता है।
भवदीय
अरविन्द सिसोदिया, समिति का प्रचार प्रमुख, 9414180151
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