कविता - करुण कहानी विभाजन की, हे वीरों तुम्हे पुकारती

बनाओ अखंड भारती .....! - अरविन्द सीसोदिया करुण कहानी विभाजन की, हे वीरों तुम्हे पुकारती , जाग उठो अब - जाग उठो अब, बनाओ अखंड भारती , चीख रही थी तब मानवता, पर चिंघाड़ रही थी दानवी , खून से लथपथ वे मंजर,कंप-कप़ी आज भी छुडाते हैं , स्वतन्त्रता की वेदी पर, तब नरमूंडों से हुई थी आरती!! -----१----- पंजाब बटा,बंगाल बटा , सिंध गया, बलूच गया, भारत माँ को काट दिया, बेदर्दी से हत्यारों ने, रावी की शपथ मौन थी, अखंडता का वचन गोण था, सोच समझ का समय नहीं , भागो-भागो मची देश में, -----२----- गैर रहे न बचें , इस शैतानीं में , पाक में नपाक हेवानीं थी , घरों पर हमले हुए, जिन्दा जलाये , क़त्ल हुए , भूखे - प्यासे राहों में भटके, खूब थके और खूब मरे , व्यवस्थित कोई बा...