कोटा,राजस्थान Kota,Rajasthan




                                                            कोटा जग मंदिर (छत्र बिलास तालाब )





                                                          कोटा सर्किट हॉउस 


कोटा,राजस्थान
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कोटा, जिसे पहले 'कोटाह' नाम से जाना जाता था, राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 246 किमी. दक्षिण में स्थित है। कोटा की पहचान चम्बल नदी से भी है। इस नदी पर कोटा में 'कोटा डैम' के नाम से एक बाँध का निर्माण भी हुआ है, जिससे बिजली के उत्पादन में मदद मिल सके।

व्यापारिक केंद्र:-
कोटा एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र है। साथ ही यह एक औद्योगिक नगरी भी है, यहाँ पर कॉटन टेक्सटाइल, केमिकल पावर प्लांट्स आदि कई उद्योग-धन्धे उपलब्ध है, जैसे - डी.सी.एम., सैमटेल, बिड़ला सीमेन्ट, श्रीराम फ़र्टिलाइजर आदि। इसे राजस्थान का 'पावर हाउस' भी कहा जाता है। यह शहर कोटा साड़ी के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। म्यूज़ियम, मन्दिर और पिकनिक स्पॉट से भरे इस शहर में अब मॉल भी खुल चुके हैं। गुमानपुरा और कोटरी रोड यहाँ के दो प्रमुख बाज़ार हैं। वर्तमान में यह एक शैक्षणिक नगरी के रूप में स्थापित हो चुका है। कोटा में यहाँ पर स्थित कोचिंग संस्थानों के कारण 'शैक्षणिक नगरी' का नाम मिला। इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षाओं में यहाँ के छात्रों को जितनी सफलता मिलती रही है, उतनी की कल्पना भी दूसरे शहर नहीं कर सकते।
इतिहास :-
इतिहास के पन्नों पर 12वीं सदी में भी कोटा की चर्चा है। 17वीं शताब्दी में मुग़ल शासक जहाँगीर के शासनकाल के दौरान बूँदी के राजा राव रतन सिंह ने कोटा का कुछ हिस्सा अपने बेटे माधो सिंह को दे दिया। तब से कोटा राजपूती सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक बन गया। 1631 में शाहजहाँ द्वारा राव रतन सिंह के बेटे को कोटा का शासक घोषित कर दिया गया, तब से कोटा स्वतंत्र रूप से कार्य करने लगा। बाद में महाराव भीमसिंह ने कोटा के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
परिवहन :-
कोटा सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुम्बई और भारत के अन्य शहरों से भी यह सड़क और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर दो मुख्य बस स्टैण्ड -

    नयापुरा में राजस्थान रोडवेज की बस
    डी.सी.एम रोड पर इण्टर स्टेट बस टर्मिनल।

रेलवे द्वारा;-
सेन्ट्रल रेलवे का यह मुख्य जंक्शन है, जो दिल्ली - मुम्बई मुख्य रेलमार्ग पर स्थित है। इसलिए रेलमार्ग से भी यहाँ पहुँचना आसान है। 'मुम्बई राजधानी' सहित लगभग 100 ट्रेन यहाँ पर रुकती हैं। ,हवाई जहाज़ द्वारा कोटा का नज़दीकी बड़ा हवाई अड्डा जयपुर में है, जहाँ के लिए दिल्ली, मुम्बई, पुणे, इन्दौर, अहमदाबाद और देश के अन्य शहरों से उड़ानें उपलब्ध हैं।

शिक्षा---
कोटा में मुख्य रूप से तीन विश्वविद्यालय हैं :-
    1.राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी,
    2.कोटा यूनिवर्सिटी और
    3.वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी।

यहाँ पर विभिन्न इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य सामान्य कॉलेज भी हैं। इसके अलावा राजस्थान सरकार ने यहाँ 'इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी' (आई.आई.आई.टी.) के निर्माण की भी घोषणा की है।
कोचिंग संस्थान :-
इन सबसे भी बढ़कर कोटा यहाँ का कोचिंग के लिए जाना जाता है। इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों के कारण ही पूरे भारत में कोटा की पहचान एक 'एजुकेशन हब' के रूप में हुई है। एलेन कैरियर इंस्टीट्यूट, कैरियर प्वॉइंट, बंसल क्लासेज, रेजोनेंस, मोशन आईआईटी-जेईई, वाइब्रेंट एकेडमी, राइज एकेडमी आदि कोंचिग संस्थान कोटा में इंजीनियरिंग और मेंडिकल की तैयारी में संलग्न हैं।


टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

विश्व व्यापी है हिन्दुओँ का वैदिक कालीन होली पर्व Holi festival of Vedic period is world wide

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

भाजपा की सुपरफ़ास्ट भजनलाल शर्मा सरकार नें ऐतिहासिक उपलब्धियां का इतिहास रचा

रामसेतु (Ram - setu) 17.5 लाख वर्ष पूर्व

दीवान टोडरमल के समर्पण शौर्य पर हिन्दुत्व का सीना गर्व से चौंडा हो जाता है - अरविन्द सिसौदिया Diwan-Todar-Mal

कांग्रेस की हिन्दू विरोधी मानसिकता का प्रमाण

भारत को आतंकवाद के प्रति सावचेत रहना ही होगा - अरविन्द सिसोदिया