20 साल पहले : 2.5 Billions Swiss Francs in Rajiv Ji's account | 19 Nov 1991
2.5 Billions Swiss Francs in Rajiv Ji's account | 19 Nov 1991
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=157835170937109&set=at.108255112561782.22908.107805679273392.100000510523662.100000485228885.100001803484335.706920839&theater
हमेशा गाँधी परिवार पर आरोप लगते रहे है की इस परिवार का बहुत सा काला धन स्विस बैंक तथा अन्य कई बैंकों में में जमा है, इसी सन्दर्भ में स्विट्ज़रलैंड की एक नामी पत्रिका ने 19 नवम्बर 1991 में उन तानाशाह और राजनेताओं के नाम उजागर किये थे जिनका काला धन स्विस बैंक में जमा है | (नीचे फोटो ) इस पत्रिका ने गाँधी परिवार के बड़े पुत्र और भारत के पूर्व युवा प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का फोटो सहित विवरण छापा, इस पत्रिका के अनुसार 1991 में कांग्रेस पार्टी के नेता राजीव गाँधी के स्विस बैंक में 2.5 बिलियन स्विस फ्रैंक जमा थे
यदि रुपए में बदले तो यह राशि 2500000000 × 48 रुपए (आज की स्विस फ्रैंक की स्थिति के अनुसार) होगी | अब सोचने वाली बात ये है की 20 साल पहले गाँधी परिवार का सिर्फ एक खाते में 2.5 बिलियन जमा था, ये तब की बात है जब भारत की स्थिति आज से ज्यादा भयावह और दयनीय थी | जब भारत की स्थिति इतनी खराब थी तो इतना पैसा एक बैंक के एक खाते में जमा था तो आज कितना और पैसा जमा होगा, जबकि आज भारत तेजी से विकसित तीन सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति में शुमार करता है | ये फोटो इस बात का परिचायक और सबूत है |
The November 1991 issue of Schweizer Illustrierte, the most popular magazine of Switzerland, carried an exposé of 14 politicians from developing nations who had stashed their bribes in Swiss banks. It alleged that Rajiv Gandhi was one of them, and put his figure at 2.5 billion (2500 Millions) (Current rate is x 84 Indian Rupees) Swiss francs. Schweizer Illustrierte is not some rag; it sells some 2,10,000 copies. Does that account still exist, if the allegation is correct? Only concern is this much could make India's better future why did Rajeev ji saved this in Swiss Banks !!
The Gandhi family has neither denied the allegations, nor taken legal action against the Swiss magazine or Indian politicians like Subramanian Swamy, who has charged that illicit monies are being recycled through the stock market. Why ?
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http://satyameva-jayate.org/2011/01/03/corruption-sonia-rahul-gandhi/
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