प्रधानमंत्री को माफ़ी क्यों...? सजा क्यों नहीं ...!
- अरविन्द सिसोदिया
एक व्यक्ती जो कभी जनता से चुनाव नही जीता .., वह व्यक्ति देश के संवैधानिक ढांचे की कमजोरी का फायदा उठा कर देश का प्रधानमंत्री बनाया हुआ है ..! इस व्यक्ति की इतनी ही विशेषता है कि इन्होनें प्रधान मंत्री नरसिंह राव के कार्यकाल में स्वंय वीत मंत्री रहते हुए .., सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में चलने वाले ट्रस्ट राजीव गांधी फाउंडेशन को परोक्ष एवं अपरोक्ष धन ; सम्पती व संसाधनों की व्यवस्था सत्ता के प्रभाव से की ...! तब से ही मनमोहन सिंह सोनिया जी के ख़ास की सूची में हैं ...! सच यही है की धन संसार का सबसे प्रभावशाली घटक है .., जो धन देता है .., दिलाता है ..! वह ख़ास होता ही है ..! भारतीय राजनीती में यह असर सिर्फ आत्यन्त ऊँचाई पर ही नहीं नीचे से नीचे के पदों पर भी है ..! कितनें ही आर्थिक स्वच्छता की बात की जाये लगभग बहुतायत में नेताओं की नजर दूसरे के माल को मुफ्त प्राप्त करने में होती है ..!
मनमोहन सिंह जी ने देश को प्रधान मंत्री के रूप में लुतावानें के सभी रस्ते खोल दिए.., हे पूंजी पतियों आओ और अपने अपने हितों में इसे खूब लूटो ..! आखीर सरकार कानून व्यवस्था को सही ढंग से चलनें के लिए होती हे .., कानूनों को ताक पर रखा कर मनमानें तरीके से देश के साथ खिलवाड़ करने के लिए ..! मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार देश के साथ खिवाद कर रही हे .., वह मन चाह दुर्र उपयोग सत्ता का करके पूंजी पतीयों को , एक दल विशेष के उद्देश्यों को और कानून तोड्नें वालों को फायदा पंहुचा रही हे ..! जो उसके द्वारा सत्ता दुरूपयोग के उदहारण हैं ..! इसी लिए मनमोहन सिंह को एक क्षण भी सत्ता में बनें रहनें का अधिकार नहीं हे ..! उन्हें खुद ही आत्म निरिक्षण करना चाहिए कि वे एक के बाद एक कितनी सारीं गलतियां कर चुके हैं ..! प्रधानमंत्री का पद किसी गैर वाजिव उद्देश्य की पूर्ती के लिए नहीं हे ..!
सबसे बड़ी बात यह हे कि प्रधानमंत्री सच देश से छिपा रहे हैं ..! पीजे थॉमस के पीछे कौन था यह भी वे छिपा रहे हैं ..! उनके अनेतिक शासन पर लगातार अदालत उँगलियाँ उठा रही है ..! अब जब वे यह स्वीकार कर रहे हैं की गलती हुई है तो सजा भी तो तय करें ..! एक मोटर साईकिल पर गलत ढंग से नंबर लिखे हैं तो आप तुरंत चालान बना कर उससे १०० / २०० रुपये दंड स्वरूप ले लेते हो ..! आप स्वंय कानून के रखवाले होकर जब गलती करते हो तो आपको सजा तो और ज्यादा मिलनी चाहिए ..!
सबसे बड़ी बात यह हे कि प्रधानमंत्री सच देश से छिपा रहे हैं ..! पीजे थॉमस के पीछे कौन था यह भी वे छिपा रहे हैं ..! उनके अनेतिक शासन पर लगातार अदालत उँगलियाँ उठा रही है ..! अब जब वे यह स्वीकार कर रहे हैं की गलती हुई है तो सजा भी तो तय करें ..! एक मोटर साईकिल पर गलत ढंग से नंबर लिखे हैं तो आप तुरंत चालान बना कर उससे १०० / २०० रुपये दंड स्वरूप ले लेते हो ..! आप स्वंय कानून के रखवाले होकर जब गलती करते हो तो आपको सजा तो और ज्यादा मिलनी चाहिए ..!
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थॉमस पर लगे आरोपों को जानते थे पीएम !
http://www.patrika.com/news.aspx?id=550549
नई दिल्ली। केरल के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्य सरकार ने केन्द्र को लिखे दो पत्रों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पी.जे. थॉमस के पॉम ऑयल घोटाले में शामिल होने के बारे में अवगत करवा दिया था। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने वर्ष 2008 एवं केरल सरकार की ओर से ये पत्र वर्ष 2006 व 2008 में लिखे गए थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पीएम का यह कह कर बचाव किया है कि सीवीसी के चयन के लिए तीन जनों का पैनल बनाने का काम खुद उन्होंने किया था। थॉमस को पैनल में शामिल किए जाने की गलती उनसे हुई थी।
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टोपी एक दूसरे के माथे ....
http://aajtak.intoday.in/story
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद पर पीजे थॉमस की नियुक्ति के मामले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पृथ्वीराज चव्हाण को दोषी ठहराने के बाद, अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इस मुद्दे पर उन्हें गलत तरीके से शामिल करने के लिए केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन को दोषी ठहराया है.केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन के इस बयान पर कि पीजे थॉमस की नियुक्ति के मामले में चव्हाण ‘झूठ’ बोल रहे हैं, अशोक चव्हाण ने कहा, ‘मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और केरल के मुख्यमंत्री गलत तरीके से इसे पेश कर रहे हैं.’उल्लेखनीय है कि अच्युतानंदन ने कहा था कि चव्हाण अपनी गलती छुपाकर इस मामले में केरल सरकार को दोषी ठहराना चाहते हैं.
http://www.patrika.com/news.aspx?id=550549
नई दिल्ली। केरल के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्य सरकार ने केन्द्र को लिखे दो पत्रों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पी.जे. थॉमस के पॉम ऑयल घोटाले में शामिल होने के बारे में अवगत करवा दिया था। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने वर्ष 2008 एवं केरल सरकार की ओर से ये पत्र वर्ष 2006 व 2008 में लिखे गए थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पीएम का यह कह कर बचाव किया है कि सीवीसी के चयन के लिए तीन जनों का पैनल बनाने का काम खुद उन्होंने किया था। थॉमस को पैनल में शामिल किए जाने की गलती उनसे हुई थी।
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टोपी एक दूसरे के माथे ....
http://aajtak.intoday.in/story
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद पर पीजे थॉमस की नियुक्ति के मामले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पृथ्वीराज चव्हाण को दोषी ठहराने के बाद, अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इस मुद्दे पर उन्हें गलत तरीके से शामिल करने के लिए केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन को दोषी ठहराया है.केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन के इस बयान पर कि पीजे थॉमस की नियुक्ति के मामले में चव्हाण ‘झूठ’ बोल रहे हैं, अशोक चव्हाण ने कहा, ‘मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और केरल के मुख्यमंत्री गलत तरीके से इसे पेश कर रहे हैं.’उल्लेखनीय है कि अच्युतानंदन ने कहा था कि चव्हाण अपनी गलती छुपाकर इस मामले में केरल सरकार को दोषी ठहराना चाहते हैं.
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सीवीसी का मुद्दा भाजपा के लिए खत्म नहीं- गडकरी
सीवीसी का मुद्दा भाजपा के लिए खत्म नहीं- गडकरी
http://hindi.webdunia.com
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सीवीसी के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के बयान पर असंतोष जताते हुए कहा कि यह मुद्दा पार्टी के लिए खत्म नहीं हुआ है और संप्रग सरकार की विफलता के खिलाफ पार्टी जनसंघर्ष छेड़ेगी। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में गडकरी ने कहा कि सीवीसी का मुद्दा भाजपा के लिए खत्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री के बयान से हम संतुष्ट नहीं हैं। हम इस मुद्दे पर तथा सरकार की अन्य विफलताओं के खिलाफ जनता की अदालत में जाएँगे।
गड़करी ने कहा कि हसन अली का मामला हो या सीवीसी का, उच्चतम न्यायालय से केंद्र को कड़ी फटकार लगी है। देश में संप्रग सरकार की गलत नीतियों और कांग्रेस के कुशासन के कारण यह स्थिति हो रही है और सरकार किसी तरह की कार्रवाई करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि 22 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा गैर कानूनी रकम विदेशी बैंकों में जमा है। 140 में से 117 देशों ने अपने कानून में संशोधन किया है। जर्मनी ने एक सूची भी भारत सरकार को इस संबंध में भेजी है, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ भाजपा अपने स्थापना दिवस छह अप्रैल पर राष्ट्रव्यापी जनसंघर्ष छेड़ेगी।
गड़करी ने कहा कि छह अप्रैल से 15 जून तक 600 जिलों में विशाल रैलियाँ आयोजित की जाएँगी। शहरों में भ्रष्टाचार के खिलाफ मैराथन दौड़ का आयोजन किया जाएगा, वहीं देश भर में इस आंदोलन के तहत नाटक, नुक्कड़ नाटक, कार्टून प्रदर्शनी आदि का आयोजन होगा। इसके अलावा जिला और राज्यस्तरीय नेता गाँवों तक जाएँगे।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री द्वारा अपने बयान में पीएमओ में पूर्व राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का नाम लेने के बारे में जब भाजपा अध्यक्ष से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री अपने पूर्व राज्यमंत्री पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं और पूर्व राज्यमंत्री केरल सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गड़करी ने कहा कि जिस तरह से यह सरकार चल रही है प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता समाप्त हो रही है। उच्चतम न्यायालय की तरफ से लगातार फटकार पड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सीवीसी के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के बयान पर असंतोष जताते हुए कहा कि यह मुद्दा पार्टी के लिए खत्म नहीं हुआ है और संप्रग सरकार की विफलता के खिलाफ पार्टी जनसंघर्ष छेड़ेगी। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में गडकरी ने कहा कि सीवीसी का मुद्दा भाजपा के लिए खत्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री के बयान से हम संतुष्ट नहीं हैं। हम इस मुद्दे पर तथा सरकार की अन्य विफलताओं के खिलाफ जनता की अदालत में जाएँगे।
गड़करी ने कहा कि हसन अली का मामला हो या सीवीसी का, उच्चतम न्यायालय से केंद्र को कड़ी फटकार लगी है। देश में संप्रग सरकार की गलत नीतियों और कांग्रेस के कुशासन के कारण यह स्थिति हो रही है और सरकार किसी तरह की कार्रवाई करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि 22 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा गैर कानूनी रकम विदेशी बैंकों में जमा है। 140 में से 117 देशों ने अपने कानून में संशोधन किया है। जर्मनी ने एक सूची भी भारत सरकार को इस संबंध में भेजी है, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ भाजपा अपने स्थापना दिवस छह अप्रैल पर राष्ट्रव्यापी जनसंघर्ष छेड़ेगी।
गड़करी ने कहा कि छह अप्रैल से 15 जून तक 600 जिलों में विशाल रैलियाँ आयोजित की जाएँगी। शहरों में भ्रष्टाचार के खिलाफ मैराथन दौड़ का आयोजन किया जाएगा, वहीं देश भर में इस आंदोलन के तहत नाटक, नुक्कड़ नाटक, कार्टून प्रदर्शनी आदि का आयोजन होगा। इसके अलावा जिला और राज्यस्तरीय नेता गाँवों तक जाएँगे।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री द्वारा अपने बयान में पीएमओ में पूर्व राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का नाम लेने के बारे में जब भाजपा अध्यक्ष से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री अपने पूर्व राज्यमंत्री पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं और पूर्व राज्यमंत्री केरल सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गड़करी ने कहा कि जिस तरह से यह सरकार चल रही है प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता समाप्त हो रही है। उच्चतम न्यायालय की तरफ से लगातार फटकार पड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।
सच को उजागर करने की एक बहुत ही अच्छी तरकीब, बहॉट अच्छी पोस्ट पढ़ने को मिली !
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