अब तो जागो और सेना को मजबूत करो....



भारत की रक्षा जरूरतों की चिता ही नहीं की गई
लूट में व्यस्त राजनेता और घोर मक्कारी से ग्रस्त अफसरशाही ने सेना का कबाड़ा कर दिया ..
दुनिया भर में सेना को ताकतवर बनाना पहली प्राथमिकता हे मगर भारत ही एक ऐसा देश जहाँ सेना को तमाशा बनाने में मीडिया और सरकार लगी हुई है ....जो की अनुचित है ...अब सारी बातें सामनें आ चुकी हैं ..अब तो जागो और सेना को मजबूत करो....
-----

भारत को चारों ओर से घेर रहा चीन

http://www.samaylive.com

रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि चीन ने भारत के खिलाफ अपनी रक्षा तैयारियों में काफी इजाफा किया है.
ड्रैगन ने खासतौर पर अपनी जमीनी ताकत बढ़ाई है. रक्षा मंत्रालय ने यह भरोसा भी दिलाया है कि देश की सेनाएं सभी प्रकार की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और शिनजियांग प्रांत में अपनी सैन्य शक्ति में काफी सुधार किया है. भारत के खिलाफ उसकी सैन्य संचालन क्षमता एवं सामरिक लचीलापन बढ़ गया है.
रिपोर्ट यह भी कहती है कि एक उभरती ताकत और बड़ी अर्थव्यवस्था होने के कारण चीन का विास बढ़ता जा रहा है. इससे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एवं शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है. रिपोर्ट में इस बात की ओर भी इशारा किया गया है कि चीन, भारत को चारों ओर से घेरता जा रहा है. भारत के पड़ोस में उसके पदचिन्ह लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
इसके लिए वह राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक सहयोग की सक्रिय कूटनीति का सहारा ले रहा है. भारत की तैयारियों का जिक्र करते हुए रक्षा दस्तावेज में कहा गया है कि भारत, चीन समेत सभी पड़ोसियों के साथ शांति एवं सद्भावपूर्ण संबंध चाहता है. लेकिन साथ-साथ सैन्य एवं ढांचागत तैयारियां भी चल रही हैं.
देश की सेनाएं सभी प्रकार की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे अपने पत्र में जिस एयर डिफेंस पण्राली के 95 फीसद पुरानी पड़ने की बात कही थी उसका चर्चा भी रक्षा दस्तावेज में किया गया है.
इसमें कहा गया है कि सेना की एयर डिफेंस कोर अपनी तोपों और मिसाइल पण्रालियों को उन्नत बनाने की दिशा में बड़े कदम उठा रही है. आकाश मिसाइलों की खरीद का सौदा हो चुका है. सेल्फ प्रोपेल्ड कन मिसाइल पण्राली और एल 70 गन को उन्नत बनाने का काम प्रगति पर है.
पिछले ढाई दशक से एक भी नई तोप नहीं खरीदे जाने की ओर बार-बार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टीलरी का मुख्य जोर निगरानी और फायर पावर क्षमताओं पर है.
पिनाका रेजीमेंट्स उन्नत दौर में हैं. 155 एमएम तोपों और 155 एमएम की अत्यंत हल्की तोपों की खरीदारी की प्रक्रिया अच्छे ढंग से चल रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना सुरक्षा परिदृश्य को अच्छी तरह समझती है.
उसने वास्तविक नियंतण्ररेखा (एलएसी) पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना जरूरतों की पहचान की है और उसका चरणबद्ध तरीके से विकास किया जा रहा है. सेना प्रमुख का पत्र लीक होने के बाद इस बात को लेकर काफी हंगामा हुआ था कि यह पत्र लीक कैसे हो गया.
लेकिन सैन्य बलों की तैयारियों में गंभीर खामियां होने को लेकर राजनीतिक दबाव बढ़ने के बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने पिछले सोमवार को मैराथन बैठकें कीं और सेना को अपनी खरीद प्रक्रिया का दुरुस्त करने का निर्देश दिया.
--------------

चीन की बढ़ रही ताकत पर है सतर्क नजरः रक्षा मंत्रालय

http://www.bhaskar.com

बीजिंग। दिनोंदिन अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहे चीन ने अपने रक्षा बजट में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे इस वर्ष 106.4 अरब डॉलर [करीब 5200 अरब रुपये] कर दिया है। पिछले वर्ष यह 92 अरब डॉलर [करीब 4500 अरब रुपये] था। चीन के इस कदम ने पड़ोसी देशों और अन्य देशों के बीच एशिया प्रशांत क्षेत्र में उसकी बढ़ती सैन्य ताकत और दबदबे को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हालांकि चीन का कहना है कि बड़ा देश होने व लंबी समुद्री सीमा को देखते हुए उसका रक्षा व्यय अन्य बड़े देशों की तुलना में काफी कम है।

चीनी संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस [एनपीसी] की 11वीं बैठक के पांचवें सत्र में प्रवक्ता ली झाओजिंग ने बताया,'चीन का बजट इसकी संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए है। इससे दूसरे देशों के लिए खतरा उत्पन्न होने जैसी कोई बात नहीं है।' 23 लाख सैनिकों वाली चीनी सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। पिछले दशक के अधिकांश वर्षो में चीन अपने रक्षा बजट में दो अंकों में वृद्धि करता आया है। विश्लेषकों का मानना है कि आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में चीन का रक्षा खर्च उससे कहीं ज्यादा है। ली ने कहा कि चीन देश के रक्षा बजट को राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास की जरूरतों के अनुसार आकार दे रहा है।
रक्षा बजट के साथ ही चीन ने पिछले वर्ष आंतरिक सुरक्षा पर लगभग 100 अरब डॉलर [करीब 4900 अरब रुपये] खर्च किए थे। उधर, विश्लेषकों का कहना है कि चीन के रक्षा खर्च में वृद्धि पड़ोसी देश भारत के रक्षा बजट को प्रभावित कर सकती है, जो अगले कुछ सप्ताह में पेश किया जाना है। चीन का नया रक्षा बजट मंजूरी के लिए एनपीसी में पेश किया जाएगा, जिसका सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा में भाजपा नेतृत्व की ही सरकार बनेगी - अरविन्द सिसोदिया

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

भारत को बांटने वालों को, वोट की चोट से सबक सिखाएं - अरविन्द सिसोदिया

शनि की साढ़े साती के बारे में संपूर्ण

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

देव उठनी एकादशी Dev Uthani Ekadashi