‘डर्टी पिक्चर’ : डर्टी ..डर्टी ...
- अरविन्द सिसोदिया
अगर देश में कोई जिम्मेवार सरकार होती तो फिल्म उद्योग पोर्नोग्राफी में न बदलता , महेश भट्ट जैसे कामुक लोगों को आम नागरिकों की भावनाओं से खेलनें का अवसर नहीं मिलाता , सन्नी लिओन को भारत की नागरिकता नहीं मिलती ..! मगर जो केंद्र सरकार का मुखिया दल है वाही जिस्म -१, जिस्म -२ और जिस्म -३ में मसगुल हो तो , उनसे अपेच्छ भी क्या हो सकती है..भला हो उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने ‘डर्टी पिक्चर’ को टीवी पर प्रदर्शित करने पर , 56 आपत्तिजनक सीन व संवाद हटा दिए हैं। इसका मतलब यही हुआ की फिल्म अश्लील , द्विअर्थी अभद्र भाषा के साथ साथ असामाजिक है ....
56 आपत्तिजनक सीन व डायलॉग काटने के बाद दिखाई जाएगी यह फिल्म
Bhaskar News Network 21/04/२०१२http://www.bhaskar.com/article
नागपुर. विद्या बालन की ‘डर्टी पिक्चर’ को टीवी पर प्रदर्शित करने पर अंतरिम रोक लगाने से उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति भूषण धर्माधिकारी व अशोक भंगाले की संयुक्तपीठ ने याचिका को अंतिम सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। शुक्रवार को बालाजी फिल्म्स और सोनी टेलीविजन ने दलील दी कि उक्त फिल्म को सेंसर बोर्ड से ‘यूए’ प्रमाणपत्र हासिल हुआ है। यदि केवल ‘ए’ श्रेणी का प्रमाणपत्र हासिल होता, तो वे दिन में इस फिल्म को टीवी पर नहीं दिखा सकते थे।
लेकिन इस फिल्म को ‘यूए’ प्रमाणपत्र हासिल होने की वजह से वे इसे किसी भी समय टीवी पर दिखा सकते हैं। बावजूद इसके उन्होंने इस फिल्म को टीवी पर प्रदर्शित करने के लिए इसके 56 आपत्तिजनक सीन व संवाद हटा दिए हैं।
बच्चों के मन पर पड़ेगा बुरा प्रभाव: याची
याचिकाकर्ता प्रवीण किशोर दाहाट के अनुसार यह फिल्म वयस्कों की श्रेणी में आती है एवं फिल्म में अश्लील दृश्य दिखाए गए हैं। साथ ही फिल्म में द्विअर्थी अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है। इस वजह से उक्त फिल्म को रविवार के दिन प्रदर्शित नहीं करने देना चाहिए। चूंकि रविवार के दिन बच्चों की स्कूल से छुट्टी होती है, वे घर पर ही रहते है।
इस फिल्म को देखकर अवयस्क बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। केबल टीवी ऑपरेटरों पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने जो नियम बनाए हैं, उसके अनुसार केबल टीवी पर वयस्क श्रेणी के कार्यक्रम अथवा फिल्में केवल रात के 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच ही दिखाए जा सकते हैं।
इसलिए याचिकाकर्ता ने उक्त फिल्म को 22 अप्रैल को प्रसारित करने पर अंतरिम रोक लगाने एवं बाद में भी उक्त फिल्म को दिन में केबल चैनल पर दिखाने पर रोक लगाने के आदेश देने की प्रार्थना अदालत से की थी।
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