मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट : गुजरात दंगों की जांच




१९८४ में किसकी  सरकार के इशारे पर सिखों का नरसंहार हुआ सब जानते हें , मीडिया  वाले भी जानते हें .., एक को भी आज तक सजा नहीं हुई.., गुजरात में दंगे गोधरा के कारण हुए यह भी सब जानते हें .., मीडिया भी जानता है ...मगर उसे लगातार इसलिए जिन्दा रखा जा रहा हे की हिन्दू - मुस्लमान को कैसे मुर्गों की तरह लड़ाया जाये ..अब यह साम्प्रदायिकता का खेल कांग्रेस और तथा कथित सामाजिक कार्यकर्ताओं को बंद करना चाहिए और मीडिया को भी इसे तवज्जो देना बंद करना चाहिए...अपराध करने वाला अपराधी होगा...मेरी तेरी इच्छा से कोई निर्दोष अपराधी नहीं हो सकता ..जिदों के आधार पर इसे या उसे अपराधी बनाओ यह नहीं चलेगा..

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अब तो बंद हो मोदी की निंदा

Tue, 10 Apr 2012
Jagran Hindi News
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नई दिल्ली। गुजरात दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल [एसआईटी] द्वारा मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को कहा कि अब उनके खिलाफ निंदा अभियान बंद होना चाहिए।
वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। हमारे लिए यह एक बड़ी राहत है। 10 वर्षो से चल रहा निंदा अभियान बंद होना चाहिए।
पार्टी महासचिव रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि मोदी को दंगों में फंसाने के लिए एक अभियान चल रहा है। प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी को किसी भी तरह गुजरात दंगों में फंसाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान चल रहे हैं। कुछ लोगों और संगठनों का यही एकमात्र मिशन बन गया है। लेकिन जांच मनगढंत सबूत पर नहीं चल सकती। कानून की अपनी प्रक्रिया होगी, जो लोग दंगों में दोषी हैं, उन्हें दंडित किया जा रहा है। प्रसाद ने यह भी कहा कि लोगों को गुजरात सरकार के अच्छे कार्य, विकास और शांति भी नजर आने चाहिए तथा यह सच्चाई भी कि 10 वर्षो के दौरान वहां कोई दंगा नहीं हुआ। प्रसाद ने कहा कि यह देश का अत्यधिक विकास केंद्रित राज्य है, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हो रही है।
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दंगों में नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत, एसआईटी ने दी क्लीन चिट

आईबीएन-7Posted on Apr 10, 2012
अहमदाबाद। गुजरात दंगे मामले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत मिली है। गुलमर्ग दंगा पीड़ित जकिया जाफरी को एसआईटी की रिपोर्ट देने की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि एसआईटी रिपोर्ट में मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं। अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जकिया ने अपनी याचिका में जिन पर भी आरोप लगाए थे एसआईटी रिपोर्ट में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
कोर्ट के मुताबिक एसआईटी रिपोर्ट में मोदी समेत 62 लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि गुजरात दंगों से जुड़ी रिपोर्ट एक महीने के अंदर जकिया जाफरी को देनी होगी।
जकिया जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी का कहना है कि उन्होंने रिपोर्ट नहीं पढ़ी है लेकिन अगर एसआईटी की रिपोर्ट में मोदी को सबूतों के अभाव में क्लीन चिट दी गई है तो इससे उन्हें निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी को क्लीन चिट मिलेगी या नहीं ये कोर्ट तय करेगा।
दूसरी ओर बीजेपी ने इस रिपोर्ट पर संतुष्टि जाहिर की है। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दंगे दुर्भाग्यपूर्ण थे लेकिन दंगों का इस्तेमाल कुछ लोग नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए कर रहे थे। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एसआईटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया था और इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। पिछले 10 साल से एक मुहिम चल रही थी कि दंगों पर कार्रवाई तब तक प्रामाणिक नहीं मानी जाएगी जब तक नरेंद्र मोदी को उसमें दोषी न ठहराया जाए।


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