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करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है.

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मेरा आपकी कृपा से मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है. मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है. करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है. करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है. मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है. मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है. पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही है. पतवार के बिना ही, मेरी नाओ चल रही है. हैरान है जमाना, मंजिल भी मिल गयी है. हैरान है जमाना, मंजिल भी मिल गयी है. करता नहीं मैं कुछ भी,सब काम हो रहा है. करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो रहा है. करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है. करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है. मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो राहा है. मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है. तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की कमी है. तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की कमी है. किसी और चीज की अब, दरकार ही नहीं है. तेरे साथ से गुलाम अब, गुलफाम हो रहा है. मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है. मेरा आपकी दया से, सब काम हो रहा है. मैं तो नही हूँ काबिल तेरा प्यार कैसे पाऊं. टूटी हुई वाणी से गुणगान कैसे गाऊं. मैं तो नही हूँ काबिल तेरा प्या...

सस्पेंड अखिलेश यादव होना चाहिए :असली साम्प्रदायिक अखिलेश

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 सस्पेंड अखिलेश यादव होना चाहिए असली साम्प्रदायिक अखिलेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आई ए एस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल  को गलत सस्पेंड किया है, उन्होने अपनी शक्तियों का अपाराधिक दुरउपयोग किया है। असल में साम्प्रदायिकता तो मुख्यमंत्री ने की है। जो कि मूल साम्प्रदायिकता अवैध निर्माण कर्ता पर कार्यवाही के बजाये कानून की रक्षा करने वाले को सस्पेंड किया ।  ---- क्या धर्म की राजनीति कर रहे हैं अखिलेश यादव? एबीपी न्यूज़ ब्यूरो Thursday, 01 August 2013 नोएडा / लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन सही फैसला है. अखिलेश के मुताबिक लोकल इंटेलीजेंस यूनिट की रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई. अखिलेश ने डीएम की उस रिपोर्ट पर कुछ नहीं कहा जिसमें कहा गया है कि मस्जिद की दीवार गांव वालों ने गिराई. केंद्र सरकार ने निलंबन पर रिपोर्ट मांगी है. बड़ा सवाल ये है कि क्या अखिलेश अफसर के तलाबदले को धर्म का रंग देकर राजनीति कर रहे हैं? दुर्गा नागपाल के निलंबन को लेकर भले ही लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा है, लेकिन यूपी की सरकार को लगत...

राज्यसभा : यहां सब करोड़पति हैं, जीतने वाले भी और हारने वाले भी

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यहां सब करोड़पति हैं, जीतने वाले भी और हारने वाले भी शमशेर सिंह/ [Edited By: संदीप कुमार सिन्हा] | नई दिल्ली, 29 जुलाई 2013 http://aajtak.intoday.in/story कांग्रेस के पूर्व महासचिव और राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने खुलासा किया है कि 100 करोड़ में राज्यसभा की सीट बिकती है.  ऐसे में सभी की भौहें तन गईं कि क्या वाकई में संसद पहुंचने के लिए करोड़ों का चढ़ावा चढ़ता है. बवाल खड़ा हुआ तो बीरेंद्र सिंह अपने बयान से पलट गए. नया बयान दे डाला कि सिर्फ करोड़पतियों को राज्यसभा नहीं जाना चाहिए. सवाल यह उठता है कि राज्यसभा ही क्यों, लोकसभा या विधानसभा में जो हुक्मरान बैठते हैं, क्या उन पर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं है?  जवाब हैं हां. यह हम नहीं, आंकड़ें बयान कर रहे हैं. ऐसे आंकड़ें जो बताते हैं कि चाहे कोई सांसद बने या फिर ना बने, चाहे कोई विधायक बने या फिर ना बने. सियासत के अखाड़े में जो भी कूदा, औसतन हर पहलवान करोड़पति तो है ही. 2004 से लेकर अब तक जितने भी नेताओं ने विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में अपनी किस्मत अजमाई है, करीबन सभी पर मां लक्ष्मी की अपार कृपा है. हमारे नेताओं ...

सफेद झूठ से भी बड़ा झूठ : गरीबी के आंकड़ों

http://www.livehindustan.com गरीबी सिर्फ गरीबी नहीं है बेशक, गरीबी एक गंभीर मामला है। गंभीर मामलों की दिक्कत यह होती है कि इन्हें लेकर या तो हम बहुत भावुक और जज्बाती हो जाते हैं, या शास्त्रीय किस्म के तर्कवादी बन जाते हैं, या फिर किसी इस या उस विचार के चलते समस्या से ही आंख मूंदने लगते हैं। गरीबी की दूसरी दिक्कत यह है कि इसके आकलन का सारा जिम्मा अर्थशास्त्रियों के हवाले होता है, उन्हें इसका आकलन अपने विषय की सीमा में उपलब्ध पैमानों से ही करना होता है। अर्थिक गणित के समीकरण गरीबी को आंकड़ों में बदल देते हैं और फिर आंकड़ों की तो फितरत ही अलग होती है। पहली समस्या यह आती है कि आंकड़ें चाहे जैसे भी हों, उनका आकार प्रकार चाहे कैसा भी हो वे अक्सर हमारी भावुकता और विचारधारा से मेल नहीं खाते। इसके अलावा खुद सांख्यिकीय के विद्वान ही यह कहते हैं कि अगर आपको सफेद झूठ से भी बड़ा झूठ बोलना है तो आंकड़ों का सहारा लीजिए। आंकड़ों के प्रस्तुतिकरण और उनकी व्याख्या से कईं तरह के खेल कर लेने की परंपरा भी पुरानी है। गरीबी के कम होने या न होने के आंकड़ों पर इन दिनों जो बहस चल रही है, वह कुछ इसी तरह का ...

आय से अधिक संपत्ति : सोनिया गांधी के सहयोगी विंसेंट जार्ज को समन : सीबीआई फिर बनी सोनिया जी की बाई

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http://www.rediff.com/news/2001/mar/27spec.htm आय से अधिक संपत्ति : सोनिया गांधी के सहयोगी विंसेंट जार्ज को समन : सीबीआई फिर बनी सोनिया जी की बाई http://aajtak.intoday.in भाषा [Edited By: महुआ बोस] | नई दिल्‍ली, 25 जुलाई 2013 | दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी सहयोगी विंसेंट जार्ज को एक आरोपी के रूप में समन जारी किया है. अदालत ने जार्ज के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले को बंद करने की सीबीआई की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त दस्तावेज हैं. अदालत ने कहा कि सीबीआई द्वारा दाखिल अंतिम रिपोर्ट स्वीकार्य नहीं है. किसी लोक सेवक द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण कानून की धारा 13 (1)(ई) के तहत दंडनीय अपराध के लिए विंसेंट जार्ज (संदिग्ध) के खिलाफ कार्यवाही के पर्याप्त दस्तावेज रिकार्ड में है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जेपीएस मलिक ने कहा, 'उन्हें भ्रष्टाचार निवारण कानून, 1988 की धारा 13 (1)(ई) के तहत दंडनीय अपराध के लिए आरोपी के रूप में 30 अगस्त को समन ...

The BJP future of this country - Narayana Murthy

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http://www.comboupdates.com BJP or Congress, who is secular,  Narayana Murthy says neither, I ask what is Secularism - Vijay Prabhu Infosys founder N.R. Narayana Murthy says that neither the Congress or the BJP is truly secular.  Everybody has his own opinion about secularism.  My question to Mr.Murthy et al, what is secularism.  Secularism is a very shallow word in Indian context.  The dictionary says secularism means a Philosophy or a doctrine that rejects religion and the attitude that religion should have no place in civil affairs.  But Mr.Murthy should leave apart the political parties, the religion is deep rooted in our day to day affairs right from our homes to our offices  Every year, every government and most private offices host a Pooja if it majority hindu and a Urs if it is majority muslim office.  Taking the religion out of an Indian will mean taking the soul out of him.  We are not so developed as the United Stat...

हिंदुओं की बात सांप्रदायिक तो मुसलमानों की बात धर्मनिरपेक्ष कैसे? -नारायण मूर्ति

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साम्प्रदायिकता या सेकुलरिज्म की आड़ में सिर्फ हिन्दुओ और हिंदूवादीयो को ही क्यों निशाना बनाया जाता - इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति गर्व है इंफोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायण मूर्ति पर.....जिन्होंने तथाकथित सेकुलरों को करारा जबाब दिया ...उन्होंने कहा की यदि बीजेपी हिन्दुओ के हित की बात करने से साम्प्रदायिक हो जाती है तो फिर मुसलमानों के हित की बात करने वाली कांग्रेस या दूसरी पार्टियां धर्मनिरपेक्ष कैसे हुई ? उन्होंने मीडिया को भी लताड़ा और कहा की भारत की मीडिया नरेंद्र मोदी के खिलाफ किसी साजिश के तहत अभियान चलती है .. क्या भारत में २००२ में पहले और २००२ के बाद दंगे नही भडके ? फिर मीडिया फिर २००२ को ही बार - बार क्यों उछालती रहती है ? उन्होंने कहा की आसाम दंगो पर कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ क्या करवाई की ? कुछ नही ..फिर क्या आसाम के मुख्यमंत्री ने माफी मांगी ? क्या आसाम के मुख्यमंत्री ने दंगो की जिम्मेदारी ली ? नही ंतो फिर वही कांग्रेस और वही मीडिया नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगो के लिए जिम्मेदार क्यों ठहरती है ? और उनसे बार - बार माफी की मांग क्यों की जाती है ? ----------...

चित्तोड़ के जौहर

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ये चित्र 'जौहरकुण्ड' का है....॥ 'जौहर' एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनकर हमारी 'रुह कांप' जाती है, परन्तु उसके साथ ही साथ यह शब्द राजस्थानी क्षत्राणियोँ के अभूतपूर्व 'बलिदान' का स्मरण कराता हैँ! जो जौहर शब्द के अर्थ से अनभिज्ञ हैँ! उन्हेँ मेँ बताना चाहुँगा....॥ जब किसी राजस्थानी राजा के राज्य पर मुस्लिम आक्रमणकारीयोँ का आक्रमण होता तो युध्द मेँ जीत की कोई संम्भावना ना देखकर राजस्थानी क्षत्रिय और क्षत्राण ी आत्म समर्पण करने के बजाय लड़कर मरना अपना धर्म समझते थे! क्योकिँ कहा जाता है ना "वीर अपनी मृत्यु स्वयं चुनते है!" इसिलिए राजस्थानी वीर और वीरांगनाए भी आत्मसमर्पण के बजाय साका (साका= केसरिया+जौहर) का मार्ग अपनाते थे! पुरुष (क्षत्रिय) 'केसरिया' वस्त्र धारणा कर प्राणोँ का उत्सर्ग करने हेतु 'रण भूमि' मेँ उतर जाते थे! और राजमहल की महिलाएँ (क्षत्रणियाँ) अपनी 'सतीत्व की रक्षा' हेतु अपनी जीवन लीला समाप्त करने हेतु जौहर कर लेती थी! महिलाँए एसा इसलिए करती थी क्योँकि मुस्लिम आक्रमणकारी युध्द मेँ विजय के पश्चात महिलाओँ के साथ बल...

2 लाख वेश्‍याओं को बढ़ावा देगा महाराष्‍ट्र में बार डांस पर हटा बैन

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2 लाख वेश्‍याओं को बढ़ावा देगा महाराष्‍ट्र में बार डांस पर हटा बैन http://hindi.oneindia.in मुंबई। 8 साल बाद मुंबई के बारों में अब बार बालाएं ठुमके लगाती देखी जा सकेंगी। सीधे शब्‍दों में कहें तो 8 साल के सन्‍नाटे के बाद मुंबई के बार अब गुलजार हो जायेंगे क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट ने डांस बार को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। बॉम्‍बे हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है और कहा कि डांस बार पर पाबंदी गलत है। मालूम हो कि वर्ष 2005 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री आरआर पाटिल ने मुंबई समेत महाराष्ट्र के सभी डांस बारों पर पाबंदी लगा दी थी। अपने इस फैसले पर पाटिल ने दलील दी थी कि डांस बार के लिए लड़कियों की तस्करी की जाती है। डांस बार के मालिक लड़कियों का आर्थिक और शारीरिक शोषण करते हैं और इससे देह व्यापार को बढ़ावा मिलता है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने इस इंडस्‍ट्री से जुड़े लोगों को तो राहत दी है मगर कहीं ऐसा ना हो कि ये फैसला देश के भविष्‍य के साथ खिलवाड़ कर बैठे। जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला देह व्‍यापार को बढ़ावा देगा। आप शायद सुनकर दंग र...

चुनाव आते ही सेक्युलरिजम का बुर्का पहन लेती है कांग्रेसः नरेंद्र मोदी

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चुनाव आते ही सेक्युलरिजम का बुर्का पहन लेती है कांग्रेसः नरेंद्र मोदी http://navbharattimes.indiatimes.com नवभारतटाइम्स.कॉम | Jul 15, 2013, पुणे।। गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी की कैंपेन कमिटी के प्रमुख नरेंद्र मोदी ने रविवार को पुणे में बीजेपी वर्कर्स की बैठक से कांग्रेस और केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला। मोदी ने कांग्रेस पर एक तरह से मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि जब-जब संकट आता है वह सेक्युलरिजम का बुर्का पहनकर बंकर में घुस जाती है। मोदी ने अपने भाषण में पीएम मनमोहन सिंह पर तीखे हमले किए। उन्होंने पीएम को 'अनर्थशास्त्री' कहा तो, रुपये की गिरती कीमत पर वित्तमंत्री पर ताना कसते हुए कहा कि रुपया उनकी उम्र तक पहुंच रहा है। मोदी ने कांग्रेस को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वह यूपीए के 10 साल और एनडीए सरकार के 6 साल के कामकाज की तुलना करके देख ले कि किसने बेहतर काम किया है। उधर, कांग्रेस नेता और संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने मोदी के बयान को संविधान के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी एक ऐसे नेता हैं जो ऐसे हथकंडे अपनाते रहते हैं। बुर्का पहन लेत...

गरीबी हटाने में कांग्रेस विफल - नरेंद्र मोदी

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भारत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपना सम्मान खो दिया 14, Jul, 2013, Sunday गरीबी हटाने में कांग्रेस विफल   पुणे !   गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पर गरीबी दूर करने का वादा पूरा नहीं कर देश के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया। 1970 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था। इंदिरा गांधी के 1971 के चुनाव में दिए गए नारे 'गरीबी हटाओ' और बाद में उनके बेटे व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा इसका इस्तेमाल किए जाने की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, "35 वर्ष पहले उन्होंने गरीबी उन्मूलन का वादा किया था। कोई उनसे पूछे कि उस वादे का क्या हुआ?" भाजपा कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "क्या यह धोखा नहीं है? भारत के गरीब उनकी मत पेटियां भरते रहे, और अब उन्होंने खुले तौर पर मान लिया है कि वे गरीबी नहीं हटा सकते।" भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनाव प्रचार समिति के मुखिया मोदी ने केंद्र की कांग्रेस नीत सरकार के खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पर भी निशाना साधा। इससे पहले फग्र्यूसन कॉलेज में मोद...

देश को चीन से सीख लेनी चाहिए - नरेंद्र मोदी

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देश में निराशा का माहौल, चीन से लेना होगा सबक: मोदी आईबीएन-7 | Jul 14, 2013 क्या कहा मोदी ने? पुणे में  मोदी फर्ग्युसन कॉलेज के छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हम देश के सबसे युवा देश हैं। इस देश का भविष्य उज्जवल है। मोदी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में निराशा का माहौल है। लेकिन युवा देश के लिए काम कर सकते हैं। देश में युवाशक्ति के इस्तेमाल की जरूरत है। अगर हम अपनी पद्धति अपनाते तो आगे होते। हमारी परंपरा और शिक्षा महान है। मोदी ने कहा कि आजादी की आकांक्षाएं पूरी नहीं हुई है। देश को चीन से सीख लेनी चाहिए। आज भी काफी कुछ बदला जा सकता है। देश में ताकत है सिर्फ दिशा चाहिए। युवाओं को दिशा देने वाला चाहिए। हमें आधुनिकता चाहिए, पश्चिमीकरण नहीं। हमारे देश में रिसर्च डेटा का सही इस्मेमाल नहीं हो रहा है। शोध पर ध्यान देने की जरुरत है। ---------- आज शिक्षा मनी मेकिंग मशीन बन गई: मोदी नवभारतटाइम्स.कॉम | Jul 14, 2013 पुणे।। बीजेपी कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पुणे के फर्ग्युशन कॉलेज क...

राजनीति से अपराधियों का सफाया

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आलेख दैनिक भास्कर में १ ३ जुलाई २ ० १ ३ के अंक में प्रकाशित हुआ है ............... अभी तो हाल यह है कि सांसद व विधायक जेल में रहते हुए वोट देने जाते हैं और उम्मीदवारी का पर्चा भरकर चुनाव भी जीत जाते हैं  राजनीति से अपराधियों का सफाया डॉ. वेदप्रताप वैदिक http://epaper.bhaskar.com/jaipur/14/13072013/0/1/ राजनीति से अपराधियों की सफाई करने में सर्वोच्च न्यायालय का ताजा फैसला काफी मददगार सिद्ध होगा। अब तक कानून इतना अधिक ढीला-ढाला था कि अदालतों में अपराध सिद्ध हो जाने और सजा की घोषणा हो जाने के बावजूद हमारे सांसदों और विधायकों का बाल भी बांका नहीं होता था। न तो वे जेल जाते थे और न ही उनकी सदस्यता छिनती थी, क्योंकि वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार तीन माह के अंदर उस फैसले के विरुद्ध ऊंची अदालत में अपील कर देते थे। अपील तो अपील होती है। द्रौपदी के चीर से भी लंबी! उस पर फैसला आए, उसके पहले ही अगला चुनाव आ जाता है। यानी आप रिंद के रिंद रहे और हाथ से जन्नत भी न गई। सर्वोच्च न्यायालय ने अब जो फैसला दिया है, उसके अनुसार ज्यों ही किसी सांसद या विधायक के विरुद्ध दो साल से अधिक की ...

विवेकानन्द ने काशी से ही शिकागो जाने निर्णय लिया था

Sunday, July 7, 2013 स्वामी विवेकानन्द ने काशी से ही शिकागो जाने निर्णय लिया था भगवान शंकर की पवित्र नगरी काशी में ही स्वामी विवेकानंद ने धर्म संसद शिकागो जाने का निर्णय लिया था। वर्ष 1889 में प्रतिज्ञा की थी कि ‘शरीर वा पातयामि, मंत्र वा साधयामि’ (आदर्श की उपलब्धि करूंगा, नहीं तो देह का ही नाश कर दूंगा)। अर्दली बाजार स्थित ‘गोपाल लाल विला’ (अब एलटी कालेज परिसर) से स्वामी विवेकानंद का जन्म से नाता रहा है, वह यहां अनेक बार स्वास्थ्य लाभ के लिए आए। कई संदर्भ इतिहास के पन्नों में मिलता है। वह प्रवास स्थल आज भी है। यह कभी ‘गोपाल लाल विला’ के नाम से जाना जाता था। स्वामी जी ने ‘गोपाल लाल विला’ को अपने स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से उत्तम स्थान माना था। स्वामीजी ने भगिनी निवेदिता, स्वामी ब्रतानंद व सुश्री वुली बुल को जो पत्र लिखा था, उसमें इसका उल्लेख है। स्वामी विवेकानंद ने काशी की अंतिम यात्रा 1902 में की थी। उस दौरान वह बीमार थे। वह ‘गोपाल लाल विला’ में ठहरे व एक महीने तक यहीं स्वास्थ्य लाभ किया। 14 मार्च, 1902 को यहां से बहन निवेदिता को भेजे पत्र में लिखा था कि ‘मुझे सांस लेने में काफी ...