भगवान जगन्नाथ की 12 दिवसीय रथ यात्रा



आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को पुरी से शुरू होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा केवल दक्षिण भारत ही नहीं वरन देशभर के महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों में से एक है. इसमें हर साल लाखों श्रद्धालु शिरकत करते हैं. इस साल रथयात्रा 10 जुलाई से शुरू हो रही है. यह ऐसा पर्व है जब जगन्नाथ जी यात्रा के दौरान खुद जनता के बीच आते और दस अवतारों का रूप धारण कर सभी भक्तों को समान रूप से तृप्त करते हैं. खास बात यह है कि इस आयोजन में देसी ही नहीं, बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी हिस्सा लेते हैं.

 भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा : 10 जुलाई से 12 दिवसीय रथ यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद महालक्ष्मी का रथ तोडना, बाहुडा यानि रथ की वापसी यात्रा, स्वर्ण वेश और निलाद्री की रस्म के साथ भगवन मंदिर में प्रवेश करेंगे।
पुरी में भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा आज से शुरू हो रही है। रथयात्रा के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों रथों को सजाकर मंदिर तक पहुंचाया गया है। बोध गया में हुए बम धमाकों को देखते हुए यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर से आधा किमी. दूर खड़ा किया गया है। इसके बाद इनको बारी-बारी से मंदिर के पास लाया जाएगा, इसे उभा कहा जाता है।

आज भगवन जगन्नाथ और बहन सुभद्रा को एक के बाद एक मंदिर से लाकर रथो में बैठाया जायेगा। इसके बाद पूरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देव एक पालिकी में आकर एक के बाद एक तीनों रथों में सोने की झाड़ू से बुहार करेंगे। इसके बाद रथों की सीड़ियों को हटाकर तीनो रथो में मोटी मोटी रस्सी बांधी जाएंगी। दोपहर बाद करीब बजे सबसे पहले बड़े भाई बलदेव के तालद्वज रथ इसके बाद बहन सुभद्रा के दर्पदलन रथ और फिर भगवन जगन्नाथ जी के नंदीघोष रथ को लाखों भक्त खीच कर मौसी मां के मंदिर तक पहुंचाएंगे।

अगर सूर्यास्त तक कोई रथ नहीं पहुँच पायेगा तो उसे रास्ते में ही रोक दिया जाता है और फिर दूसरे दिन इसे फिर से खीच कर मौसी मां के मंदिर तक पहुंचाया जाता है। जगन्नाथ पुरी ही नहीं अहमदाबाद में भी भक्तों का सैलाब उमड़ आया है। रथ यात्रा में शामिल होने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु यहां आए हैं।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा में भाजपा नेतृत्व की ही सरकार बनेगी - अरविन्द सिसोदिया

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

भारत को बांटने वालों को, वोट की चोट से सबक सिखाएं - अरविन्द सिसोदिया

शनि की साढ़े साती के बारे में संपूर्ण

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

देव उठनी एकादशी Dev Uthani Ekadashi