मुस्लिम राजनीति का सच -पाञ्चजन्य

मुस्लिम राजनीति का घिनौना सच
तारीख: 3/23/2013 उत्तर प्रदेश
पाञ्चजन्य
http://www.panchjanya.com
- लखनऊ से शशि सिंह।
उत्तर प्रदेश में मुस्लिम राजनीति अपने घटिया स्तर तक पहुंच चुकी है और इसको इस स्तर तक पहुंचाने का घृणित कार्य किया है राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी और केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने। दोनो का लक्ष्य है 2014 के लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों का एकमुश्त वोट प्राप्त करना। इस लड़ाई में दोनों इस कदर उलझ गये हैं जिससे न सिर्फ मर्यादाएं तार-तार हो रहीं हैं बल्कि समाज का बंटवारा भी हो रहा है। कांग्रेस की ओर से बेनी प्रसाद वर्मा, सलमान खुर्शीद और दिग्विजय सिंह लगे हैं तो समाजवादी पार्टी की ओर से खुद मुलायम सिंह यादव, आजम खां, अहमद हसन और दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी इस खेल में शामिल है। केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद के 'आतंकवाद से रिश्ते' वाले मुलायम सिंह के संदर्भ में दिए बयान के तूल पकड़ने पर बेनी ने भले माफी मांग ली हो। पर सपा उनके इस्तीफे की मांग नहीं छोड़ रही है।
बेनी ने वह बयान अपने संसदीय क्षेत्र गोण्डा में दिया था। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह के आतंकवादियों से रिश्ते भी है। बात यही खत्म हो जाती तो ठीक था बेनी वर्मा ने यह आरोप संसद में भी दोहराया हालांकि इस मामले में कांग्रेस को माफी भी मांगनी पड़ी लेकिन यह माफी दिखावा है। मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति में शामिल कांग्रेस ने बेनी को अपने शब्द वापस लेने के लिए नहीं कहा, किरकरी से बचने के लिए उसने बयान से अपने को अलग कर लिया। लेकिन उसकी ओर से केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद लखनऊ में आकर मुसलमानों को आरक्षण की बात कह गए। उनका कहना था कि आन्ध्रप्रदेश की तर्ज पर पूरे देश में 4.5 प्रतिशत आरक्षण मुस्लिमों को दिया जाना चाहिए।
मुलायम सिंह मुस्लिम वोटो के पुराने ठेकेदार निकले, उन्होंने फटाफट मुस्लिमों के पक्ष में बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश की जेलों में बन्द मुसलमानों (उनकी नजर में निर्दोष) को रिहा किया जाएगा। मालूम हो कि कुछ साल पहले फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ में मुस्लिम आतंकवादियों ने सिलसिलेवार विस्फोट किये जिसमें कई लोग मारे गये थे। लेकिन मुलायम सिंह ऐसे लोगों को निर्दोष मान रहे हैं। माना जा रहा है कि अयोध्या में कारसेवा के दौरान गोली चलवाने वाले मुलायम सिंह आतंकवादियों को छोड़ भी सकते हैं। 1990 के उनके मुख्यमंत्री काल में बहराईच में सिमी के अध्यक्ष को जेल से रिहा कराया जा चुका है। सरकार ने उसके खिलाफ लंबित मुकदमों को वापस कर  लिया था।
यही नहीं, उनके पुत्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस घटनाक्रम के बाद आल इण्डिया पर्सनल ला बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसनी नदवी से मिलने के लिए नदवा कालेज तक चले गये। वहां उन्होंने मुस्लिमों के लिए अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सूची तक सौप दी और कहा कि आगे भी मुस्लिमों के लिए बहुत कुछ किया जाएगा। उन्होंने उत्तरप्रदेश में हाईस्कूल व इण्टर पास मुस्लिम लड़कियों को 30000 रुपए की मदद का भी जिक्र किया। इधर सपा की ओर से आजम भी सक्रिय हो गये हैं। मुस्लिमों के बीच पैठ बढ़ाने के लिए आजम खां का दौरा लगातार चल रहा है। इस सिलसिले को अहमद हसन भी आगे बढ़ा रहे हैं। दिल्ली में बैठे-बैठे  वोटों की सौदागरी करने वाले इमाम अहमद बुखारी की मुलायम सिंह यादव से तनातनी है। लेकिन यह केवल दिखावा है। मुस्लिम वोटों के लिए इमाम बुखारी किसी भी स्थिति तक जा सकते हैं। यहां बताते चले कि उत्तरप्रदेश में 1990 के बाद कभी ऐसा नहीं हुआ कि सपा ने मुस्लिम वोटों का मोह छोड़ा हो। इस बार भी यही खेल खेला जा रहा है। यह भी महत्वपूर्ण है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस भी पीछे नहीं रहने वाली है। केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा हिन्दू आतंकवाद का मुद्दा उठाया जाना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
इन दोनों पार्टियों द्वारा मुस्लिम वोट बैंक का यह खेल अनायास नहीं खेला गया है। उत्तर प्रदेश में कम से कम 20 लोकसभा सीटें और सौ से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां एकमुश्त मुस्लिमों का वोट जिधर जाता है उधर जीत की संभावना बढ़ जाती है। अपनी काली करतूतों के कारण जनता में अलोकप्रिय हो चुकी कांग्रेस और सपा अपना वजूद बचाने के लिए अर्थहीन किन्तु समाज विरोधी बयानबाजी में लिप्त है। यह लड़ाई बढ़नी ही है और लोकसभा चुनाव आते-आते और घिनौना रूप लेगी।



टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा में भाजपा नेतृत्व की ही सरकार बनेगी - अरविन्द सिसोदिया

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

भारत को बांटने वालों को, वोट की चोट से सबक सिखाएं - अरविन्द सिसोदिया

शनि की साढ़े साती के बारे में संपूर्ण

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

देव उठनी एकादशी Dev Uthani Ekadashi