इशरतजहां , मोदी को फंसाना एक मात्र लक्ष्य: भाजपा
IB का CBI को खत : हेडली ने बताया था, इशरत जहां लश्कर की फिदायीन
NDTVIndia,
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नई दिल्ली: आईबी ने फरवरी 2013 में सीबीआई को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में यह जानकारी दी गई थी कि लश्कर के आतंकी डेविड हेडली ने अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई को यह बात बताई थी कि अहमदाबाद में मुठभेड़ में मारी गई इशरत एक फिदायीन हमलावर थी।
यह चिट्ठी एनडीटीवी के हाथ लगी है। सीबीआई को लिखी इस चिट्ठी में लिखा गया था कि लश्कर-ए-तैयबा के एक कमांडर ने हेडली को इशरत के बारे में बताया था। चिट्ठी के मुताबिक, हेडली ने कहा था कि इशरत को लश्कर−ए−तैयबा ने भर्ती किया था। आईबी के मुताबिक, एफबीआई ने 25 मई 2010 को इशरत के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन भारत में जांच एजेंसी एनआईए ने हेडली की बातों पर भरोसा नहीं किया।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, हेडली का इशरत से सीधे कोई संपर्क नहीं था। एनआईए ने इशरत पर तैयार अंतिम रिपोर्ट से इस बात को हटा दिया था। एनआईए सूत्रों के मुताबिक, इशरत के बारे में हेडली के बयान का कोई रिकॉर्ड नहीं है और यह सबूत के तौर पर मान्य भी नहीं है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि इशरत जहां के आतंकी रिश्तों को लेकर जो गैर−सरकारी सूचनाएं आ रही हैं, उससे लोगों में भ्रम फैल रहा है और यह देश की आंतरिक सुरक्षा के हित में नहीं है... गृह मंत्रालय को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या हेडली ने अमेरिका गई भारतीय जांच टीम से इशरत के आतंकी रिश्तों की बात कही थी।
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इशरतजहां मामले में मोदी को फंसाना एकमात्र लक्ष्य: भाजपा
पटना, एजेंसी 04-07-13
भाजपा ने सीबीआई पर इशरतजहां मुठभेड़ मामले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर—ए—तय्यबा की भूमिका की जांच नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही सीबीआई का इस मामले में एकमात्र एजेंडा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने का है।
राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि वह यह जानना चाहते हैं कि वर्ष 2004 में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर—ए—तय्यबा के लोगों के गुजरात में मौजूद होने के कई सबूत होने के बावजूद सीबीआई इशरतजहां मामले की जांच के दौरान लश्कर—ए—तय्यबा की भूमिका की जांच क्यों नहीं की।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने इस बात को भी जानने की कोशिश नहीं की कि 19 वर्षीय इशरतजहां गुजरात में क्या रही थी और उसके साथ मुठभेड में इशरत के साथ मारे गए जावेद शेख को लश्कर—ए—तय्यबा के वेबसाइट पर शहीद की संज्ञा दी गयी थी।
प्रसाद ने कहा कि सीबीआई इन पहलुओं की अनदेखी कर इस मामले में एकमात्र एजेंडा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि खुफिया ब्यूरो की एक रिपोर्ट में लश्कर—ए—तय्यबा के कुछ लोगों के गुजरात में मौजूद होने की बात कही थी और ऐसी ही स्वीकारोक्ति अमेरिकी एजेंसी के पूछताछ के दौरान जार्ज हेडली की भी थी।
प्रसाद ने कहा कि खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट प्रधानमंत्री और गहमंत्री के पास जाती है और उसकी रिपोर्ट को संजीदगी के साथ लिया जाना चाहिए था।
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इशरत के लश्कर से तार पर बताए गृह मंत्रालय: दिग्जिवय
नई दिल्ली, एजेंसी 05-07-13
इशरत जहां के कथित तौर पर आतंकवादियों से संबंध को लेकर उठे विवाद को राजनीतिक मोड़ देते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गृह मंत्रालय से यह साफ करने को कहा कि क्या इशरत के पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर—ए—तैयबा से तार जुड़े थे।
दिग्विजय ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की और बाद में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने मंत्रालय से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि क्या 26—11 के आतंकवादी हमले के आरोपी डेविड हैडली ने कहा था कि इशरत के तार आतंकवादियों से जुड़े थे। इशरत नौ साल पहले गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गयी थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी, खुफिया ब्यूरो और केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मुद्दे पर अलग—अलग बयान दिये हैं। सिंह ने कहा कि एनआईए कुछ कह रही है, आईबी कुछ कह रही है और सीबीआई कुछ और कह रही है। इस बात पर स्पष्टता होनी चाहिए कि ये सरकारी एजेंसियां क्या कह रहीं हैं। मीडिया सूत्रों की भी जांच होनी चाहिए। वे देश में दहशत फैला रहे हैं।
मुंबई में 26—11 के हमले में निशाना बनाये गये ठिकानों की रैकी करने वाले हैडली से एनआईए ने 2010 में हमलों की जांच के तहत पूछताछ की थी। तब वह अमेरिका की हिरासत में था। खबरों के अनुसार एनआईए के जांचकर्ताओं ने शुरू में कहा था कि हैडली ने खुलासा किया था कि लश्कर के कमांडर जाकिउर रहमान लखवी ने 2005 में उसे एक आतंकवादी अभियान के बारे में बताया था जो भारत में नाकाम हो गया था, क्योंकि इसका जिम्मा इशरत और जिन लोगों को दिया गया था उनकी मौत हो गयी थी। आईबी को दी गयी हैडली की जांच रिपोर्ट में कथित तौर पर यह जानकारी थी। यह रिपोर्ट कुछ मीडिया संस्थानों को भी उपलब्ध हुई बताई जाती है। लेकिन बाद में इशरत से जुड़े दो पैरा एनआईए की रिपोर्ट से नदारद थे।
एनआईए के सूत्रों ने कहा कि हैडली के बयान 26—11 के अलावा अन्य किसी मामले में कानूनन स्वीकार्य नहीं हैं। बाद में शिंदे ने कहा कि वह उन खबरों का सत्यापन करेंगे, जिनके मुताबिक हैडली ने एनआईए को बताया था कि इशरत के लश्कर से रिश्ते थे।
शिंदे ने कहा कि कांग्रेस महासचिव ने उनसे मुलाकात की और इशरत के संबंध में एनआईए को दिये गये हैडली के बयान के मामले पर विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, दिग्विजय सिंह ने मुलाकात की। मैं उनके द्वारा उठाये गये विषय को देखूंगा। मैं संबंधित एजेंसियों से बातचीत कऊंगा।
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इशरत मामले के सभी पक्षों की जांच चल रही है: सीबीआई
नई दिल्ली, एजेंसी 05-07-13
सीबीआई इशरत जहां मामले की सभी पहलुओं से जांच कर रही है। इसमें कुछ गवाहों का बयान भी शामिल है, जिसमें उन्होंने गुजरात पुलिस द्वारा किए गए फर्जी मुठभेड़ के पीछे राजनैतिक साजिश की जानकारी होने का दावा किया है।
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा कि हम उससे संबंधित सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। सिन्हा से पूछा गया था कि क्या सीबीआई पुलिस उपाधीक्षक डी एच गोस्वामी द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की जांच कर रही है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि अपराध शाखा के डीआईजी डीजी वंजारा ने मुठभेड़ के लिए गुजरात के राजनैतिक नेतृत्व से अनुमति हासिल की थी। वन्यजीव अपराध पर इंटरपोल सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से यहां बातचीत में सिन्हा ने कहा कि सीबीआई मामले की अपनी जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी समेत अन्य एजेंसियों से सहायता ले रही है।
वह उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या एजेंसी ने मुंबई हमले के षडयंत्रकारी अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली के उस दावे के संबंध में एनआईए से संपर्क किया है, जिसमें उसने दावा किया था कि इशरत लश्कर—ए—तय्यबा की आतंकवादी थी। गुजरात पुलिस ने इशरत और तीन अन्य को मुठभेड़ में मार गिराया था। सीबीआई ने अपने पहले आरोपपत्र में कहा है कि 2004 का मुठभेड़ फर्जी था। सिन्हा ने कहा कि खुफिया ब्यूरो जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहा है।
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