प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : गरीबी से लड़ने के लिए उत्पादन व कौशल विकास जरूरी'



'गरीबी से लड़ने के लिए उत्पादन बढ़ाना व कौशल विकास जरूरी'
Publish Date:Sun, 10 May 2015

बर्नपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि गरीबी से लड़ने के लिए हमे उत्पादन बढ़ाने, खनिज संसाधनों के लिए मूल्य संवर्धन और युवाओं में कौशल विकास के लिए काम करना होगा। देश को इन तीनों मोर्चों पर विकास करने की आवश्यकता है। पीएम मोदी ने आज आसनसोल में बर्नपुर स्टील प्लांट का उद्घाटन किया। मोदी ने आइआइएससीओ के आधुनिक इस्पात संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि कहा कि यदि दूसरे देशों के साथ टीम इंडिया की भावना के माध्यम से मुद्दों को सुलझाया जा सकता है तो घरेलू मुद्दों का समाधान बहुत आसान होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक दृष्टिकोण कोण से अति संवेदनशील राज्य पश्चिम बंगाल में केन्द्र और राज्यों के बीच मजबूत संबंध पर जोर देते हुए टीम इंडिया का संदेश दिया। रविवार को पोलो मैदान में कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री एक टीम है, दल कोई भी हो दल से बड़ा देश होता है।
टीम इंडिया के कारण ही आज इस्को की बीमार इकाई ताकत से खड़ी हो गयी है। बिना राज्यों की प्रतिभागिता के देश का विकास असंभव है। अगर सीएम व सरकार रोड़े अटकाती तो काम नहीं होता। आज गर्व महसूस कर रहा हूं। कोई इसको कहे या उसको कहे लेकिन आज का अवसर गर्व देने वाला है। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया की बदौलत ही बांग्लादेश के साथ 41 वर्ष पुराना सीमा विवाद हल हो गया तो घर की समस्या तो आसानी से हल होगी।
अपनी सरकार के एक साल के कामकाज का लेखा- जोखा पेश करते हुए कि उनकी सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरी तरह से भ्रष्टाचार रहित रहा। बंगाल की धरती पर अपने पांव जमाने की कोशिश में जुटी भाजपा को नयी ऊर्जा देते हुए मोदी ने कहा कि बंगाल आर्थिक विकास का केन्द्र रहा है। पूर्वी भारत को देश के आर्थिक विकास में बराबरी का दर्जा दिलाने में पश्चिम बंगाल को ही नेतृत्व करना है। न केवल पूर्वी भारत बल्कि पूर्व के देशों में भी पश्चिम बंगाल से ही आर्थिक विकास को गति देना है।
मां काली के दर्शन से की दिन की शुरुआत
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार बंगाल दौरे पर आए नरेंद्र मोदी प्रवास के दूसरे दिन रविवार को सुबह 7.50 बजे पहले दक्षिणेश्वर कालीमंदिर पहुंचे और मां के दर्शन के साथ अपने दिन की शुरुआत की।। यहां मां काली के गर्भ गृह में जाकर भवतारणी मां की आरती व पूजा अर्चना की।
पीएम ने अपनी कलम को मां काली के चरणों में रख कर प्रणाम किया। इसके बाद स्वामी रामकृष्ण परमहंस के कमरे में गए उनके पलंग को स्पर्श कर प्रणाम करने के साथ कुछ देर रूके। बता दें कि रामकृष्ण जी के कमरे में इतनी शांति होती है कि वहां आने वाले श्रद्धालु वहां काफी देर बैठकर ध्यान लगाते हैं।
उसके बाद पीएम कुचीबाड़ी पहुंचे जहां मौजूद स्वामी रामकृष्ण की मूर्ति के चरण छूकर प्रार्थना इसके बाद पीएम पुस्तकालय में भी गए, वहां कुछ किताबों को पलट कर देखा। मंदिर परिसर में मौजूद पंचवटी तलाब भी गए। इसके बाद वह मंदिर के विजीटर्स बुक में गुजराती में लिखा मां को प्रणाम, स्वामी जी को प्रणाम और अंत में अपना हस्ताक्षर कर 10 मई 2015 लिखा। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा, भाजपा नेत्री व अभिनेत्री लाकेट चटर्जी समेत कई और लोग मौजूद थे।
देश के विकास के लिए पीएम ने मांगी मां से शक्ति
प्रधानमंत्री की अगवानी करने वाले मंदिर के ट्रस्टी और सचिव कुशल चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने प्रार्थना कर देश के विकास के लिए शक्ति मांगी। चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने मंदिर प्रशासन से यह भी कहा कि वह मंदिर के उन्नयन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के संपर्क में रहे।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने मंदिर के उन्नयन में निजी दिलचस्पी दिखाई। प्रधानमंत्री मंदिर परिसर में उस कक्ष में भी गए जहां रामकृष्ण रहते थे। मंदिर में प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट बिताए। चौधरी ने बताया कि आज का दिन एेतिहासिक है। क्योंकि, पहली बार कोई प्रधानमंत्री मां काली के मंदिर में इस तरह आए हैं। एेसा लग रहा था कि वह कोई पीएम नहीं बल्कि एक सामान्य भक्त हों। इस दौरान मंदिर में आम भक्तों के दर्शन पर रोक लगा दी गई थी। पूरे मंदिर प्रांगण को खाली करा दिया गया था।
मां दर्शन के बाद बेलूर मठ पहुंचे पीएम मोदी
दक्षिणेश्वर में करीब 20 मिनट तक रुकने के बाद प्रधानमंत्री 8.15 बजे बेलूरमठ पहुंचे। वहां उनके स्वागत के लिए मठ के स्वामी जी समेत अन्य संत मौजूद थे। इसके बाद वह सीधे रामकृष्ण परमहंस के कमरे में गए। गंगा किनारे बने रामकृष्ण के समाधि मंदिर में भी गए। इसके बाद स्वामी विवेकानंद के कमरे में गए जहां उनके सामान को देखकर मोदी भावुक हो गए। वहीं करीब 20 मिनट तक एकांत में ध्यान लगाया।
इसके बाद पीएम मोदी ने बेलूर मठ के संन्यासियों के समूह के साथ मंत्र उच्चारण भी किया। मठ के उपाध्यक्ष प्रभानंद महराज ने गुलदस्ता दिया। वहां प्रसाद भी खाए। स्वामी सुवीरानंद महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री जी जब अंदर आए तो मठ के उपाध्यक्ष ने कहा कि घर का लड़का घर आया है।
इससे पहले नरेंद्र मोदी 2013 में जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो कोलकाता दौरे पर आने के बाद बेलूर मठ गए थे। मठ में रामकृष्ण मिशन के अन्य संतों से भी मिले। पीएम मोदी के लिए बेलूर मठ का दौरा महत्वपूर्ण है क्योंकि, मोदी स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानते हैं।
शनिवार को अपने बीमार गुरु व रामकृष्ण मिशन तथा मठ के प्रमुख आत्मस्थानंद महाराज से अस्पताल में जाकर मुलाकात कर और उनका चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया था। इस दौरान भी पीएम को बेलूर मठ की ओर से खीर व संदेश प्रसाद के रूप में दिया गया था।
इसके बाद बेलूरमठ से ही मोदी हेलीकॉप्टर से आसनसोल के बर्नपुर के लिए रवाना हो गए। आज प्रधानमंत्री 16,000 करोड रुपये की लागत से आधुनिक बनाये गये इस्को के बर्नपुर इस्पात कारखाने को आज राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही मोदी ने आसनसोल में एक रैली को भी संबोधित किया।
पीएम के लिए बंगाल दौरा कई मायनों में खास
प्रधानमंत्री ने कल कोलकाता में तीन बड़ी योजनाओं की शुरुआत की जिसमें अटल पेंशन योजना और दो बीमा योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बंगाल दौरा कई मायने में महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सियासी दूरियां शनिवार को मिटती नजर आयीं। सामाजिक सुरक्षा की तीन बीमा योजनाओं को लॉन्च के लिए आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उन पर भरोसा है। उन्हें पता है कि कोई विकास कर सकता है तो वह ही (मोदी) कर सकते हैं।

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