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कविता - जौहर की ज्वालायें कहतीं,शत्रु को शत्रु मानों भारत - अरविन्द सिसौदिया

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   जौहर की ज्वालायें कहतीं,शत्रु को शत्रु मानों भारत - अरविन्द सिसौदिया जौहर की ज्वालायें कहतीं,उठो भारत, जागों भारत,राष्ट्रधर्म संभालों भारत। अटल सत्य को पहचानों,शत्रु को शत्रु मानों भारत। -1- करूणा,दया और अहिंसा की बातें हैं बेमानी, शौर्य,शक्ति और बलिदानों से लिखी जाती विजयी कहानी, जीवन क्षण भंगुर है,मौत तो है आनी जानी, राष्ट्र और धर्म की अक्क्षुण्यता पर बलिदान हो जवानी । शत्रु को शत्रु मानों, मत धोका खाओ प्राणी । वीर बनों, वीरों की तरह अडो - लडो, यह देश हमारी शानी । .. जौहर की ज्वालायें कहतीं,उठो भारत, जागों भारत,राष्ट्रधर्म संभालों भारत। अटल सत्य को पहचानों,शत्रु को शत्रु मानों भारत। ... फूट,लालच और भय में गुलामी को ढोया, अपनों के सिर काटे और अपनों को ही खोया, अब भी समय है सच को पहचानों, देश बचाओ, धर्म बचाओं,शत्रु को है भगाना, झूठी बातों के चक्रब्यूह से बाहर निकलों , मत बनों चारा,सगे भाई से होता है, भाई चारा, .. जौहर की ज्वालायें कहतीं,उठो भारत, जागों भारत,राष्ट्रधर्म संभालों भारत। अटल सत्य को पहचानों,शत्रु को शत्रु मानों भारत। .. सिखों के गुरूओं से पूछो क्या क्या जुल्म हु...

नौरात्रा : राम रावण काल से पूर्व से .....

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नौरात्रा शव्द ही नव रात्रा हो गया है.., परम शक्ती की आराधना का यह त्योहार जिसे हम शारदे नौरात्रा कहते हैं .., की भूमिका राम रावण युद्ध में भी सामनें  आती  है ..राम और रावण दोनों  नें ही युद्ध के दौरान देवी के अनुष्ठान किये थे ...और दोनों ही और से इन अनुष्ठानों को  विफल  करनें  की कोशिस  का भी जिक्र है...राम के प्रमुख योद्धा    हनुमानजी  ,रावण का अनुष्ठान भंग करने सफल  रहे ,जबकि रावण राम का अनुष्ठान भंग नहीं कर सका | अर्थार्त देवी पूजा का  इतिहास बताता है की यह राम रावण काल से पूर्व से ही चली आरही है ...!! इसा कर्ण कई जगह इस दौरान रामायण के सुन्दर कांड का पाठ ही किये जाने का विधान है...!! शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक नवरात्र का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । नवरात्र में देवी माँ के व्रत रखे जाते हैं । स्थान–स्थान पर देवी माँ की मूर्तियाँ बनाकर उनकी विशेष पूजा की जाती हैं । घरों में भी अनेक स्थानों पर कलश स्थापना कर दुर्गा सप्तशती पाठ आदि होते हैं । नरीसेमरी में देवी माँ की जोत के लिए श्रृद्धालु आत...

राम को नकारते नकारते दुगर्ती होगई, अब भी समझ नहीं आई राहुल को - अरविन्द सिसोदिया

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  राम को नकारते नकारते ही यह दुगर्ती कांग्रेस की हो गई, अब भी समझ नहीं आई राहुल को - अरविन्द सिसोदिया राहुल गांधी नें अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न होनें के दूसरे दिन ही मंगलवार को गुवाहाटी में एक पत्रकारवार्ता में एक बार फिर से भारत के आराध्य एवं जनजन के श्रीराम पर हमला बालते हुए कहा है कि देश में कोई राम लहर नहीं ! जबकि सच यह है कि पूरे देश में पिछले एक माह से व्यापक उत्साह से राम उत्सव मनाया जा रहा था। करोड़ों करोड़ों देशवासियों की आंखे ख़ुशी से नम हैँ, हजारों तरह से राम स्तुति हो रही है, हर मंदिर से लेकर हर घर राम स्वागत में व्यस्त रहा है। प्राणप्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी का पूरा दिन और पूरी रात देश जगता रहा ख़ुशी मनाता रहा आनंदित होता रहा। भारत ही नहीं विश्व के अन्यान्य देशों में भी राम उत्सव की बड़ी अदभुद धूम देखी गईं है । इस अटल सत्य में भी कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को राम महसूस नहीं हो रहे तो यह उनकी समस्या है। न ही उन्हे मीडिया कबरेज में दिखी, न उन्हें देश के झूमते नाचते नागरिक नजर आये तो यह उनका ही दृष्टि दोष है। यह उनकी नासमझी का विषय ह...

श्री राम और दिवाली.... Ram Deepawali

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दिवाली विशेष कथा  श्री राम अयोध्या वापसी  श्री राम कथा / 2023 || जय श्रीराम || रावण की मृत्यु के बाद राम विभीषण का राज्याभिषेक के बाद शीघ्र अयोध्या वापस जाना चाहते है क्योंकि भरत ने उनसे कहा था कि यदि चौदह वर्ष के बाद उन्होंने अयोध्या वापस आने में एक दिन की भी देर करी तो वह अपने प्राण त्याग देंगे। विभीषण रावण का पुष्पक विमान राम की सेवा में प्रस्तुत करते हैं जो मन की गति से उड़ता है। सुग्रीव व जामवन्त की इच्छा पर राम सबको अयोध्या लेकर जाते हैं। पुष्पक विमान से अयोध्या वापस जाते समय राम मार्ग में भारद्वाज मुनि के आश्रम में उतरते हैं। वह आश्रम में प्रवेश करने से पहले हनुमान को सूचना देने भरत के पास नन्दीग्राम भेजते हैं। राम को अपने मित्र निषादराज गुह को दिया वचन भी याद है। वह उसके पास भी जाते हैं। सीता गंगा मैया की आराधना करती हैं। गंगा उन्हें अटल सुहाग का आशीर्वाद देती हैं। हनुमान ब्राह्मण का रूप रखकर नन्दीग्राम पहुँचते हैं। वहाँ भरत राम की अयोध्या वापसी की कोई सूचना न मिलने पर अग्नि समाधि लेने की तैयारी कर रहे हैं। ब्राह्मण वेशघारी हनुमान भरत को राम का सन्देश देते ह...

सब में राम - सब के राम

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" सब में राम सब के राम" - डॉ गीताराम शर्मा सह आचार्य-संस्कृत ‌(राजकीय कन्या महाविद्यालय धौलपुर) ‌ ‌राम लोकाभिराम हैं । अर्थात जो सम्पूर्ण लोक में अभिरमण शील हैं,व्याप्त हैं या सम्पूर्ण  चराचर  लोक जिनमें व्याप्त है ,वे हैं राम ।राम अभिव्यापक  आधार हैं| ।लोक शब्द व्यापक अर्थ में समस्त जड़ चेतनमय अस्तित्व  का द्योतक है। लोक का अभिप्राय केवल चर्मचक्षुओं  से दृश्य मान जगत  मात्र ही नहीं है अपितु दिव्य और आर्ष चक्षुओं से विभाव्यमान ,अणोरणीयान् महतोमहीयान्  ज्ञात अज्ञात समस्त  आधिभौतिक, आधिदैविक तथा आध्यात्मिक रुपों में पाया जाने वाला ,ब्रह्म से लेकर तृण पर्यन्त वेदान्तादि दर्शन में पारमार्थिक, व्यावहारिक और प्रातिभासिक रुपों में स्वीकृत शुद्ध चैतन्य और उसका विवर्तभूत समस्त जगत लोक है।ऐसे लोक के सार्वकालिक और सार्वभौमिक अधिष्ठान राम हैं,या सरल भाषा में कहें तो यह कि "सब में राम हैं,सब के राम हैं। गोस्वामी तुलसीदास राम के इसी लोकाभिराम स्वरुप की वन्दना करते हुए कहते हैं कि- ‌"जड़ चेतन जग जीव सब,सकल राममय जानि। ‌वन्दहुं सब के पद कमल सदा जोरि ज...

देवों के देव महादेव का स्पष्ट संदेशा, अपराजेय बनों, शत्रु विजेता बनों !

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 देवों के देव महादेव का स्पष्ट संदेशा, अपराजेय बनों, शत्रु विजेता बनों ! Clear message of Lord Mahadev, the god of gods, be invincible, conquer the enemy!   देवों के देव महादेव का स्पष्ट संदेशा, अपराजेय बनों, शत्रु विजेता बनों ! Clear message of Lord Mahadev, the god of gods, be invincible, conquer the enemy! भारतीय संस्कृति , जिसे सनातन सभ्यता या हिन्दू संस्कृति कहते है। इसका पूरा इतिहास देव और दानवों के संघर्ष से भरा हुआ है। देवीय शक्तियों को लगातार संहारक शस्त्रों के लिये अनुसंधान करते हुये हम इसमें देखते है। महर्षि दधीच अपने शरीर से देवों को अपराजेय शस्त्र देते है। ताकि मानवता की रक्षा हो सके, धर्मयुक्त मानवतावादी जीवन पद्यती की रक्षा हो सके एवं लोक कल्याण की रक्षा हो सके। Indian culture, which is called Sanatan civilization or Hindu culture. Its entire history is filled with the struggle of gods and demons. In this we see the divine powers constantly researching for the weapons of destruction. Maharishi Dadhich gives invincible weapons to the gods from his body. So that ...