देवों के देव महादेव का स्पष्ट संदेशा, अपराजेय बनों, शत्रु विजेता बनों !
देवों के देव महादेव का स्पष्ट संदेशा, अपराजेय बनों, शत्रु विजेता बनों !
Clear message of Lord Mahadev, the god of gods, be invincible, conquer the enemy!
देवों के देव महादेव का स्पष्ट संदेशा, अपराजेय बनों, शत्रु विजेता बनों !
Clear message of Lord Mahadev, the god of gods, be invincible, conquer the enemy!
भारतीय संस्कृति , जिसे सनातन सभ्यता या हिन्दू संस्कृति कहते है। इसका पूरा इतिहास देव और दानवों के संघर्ष से भरा हुआ है। देवीय शक्तियों को लगातार संहारक शस्त्रों के लिये अनुसंधान करते हुये हम इसमें देखते है। महर्षि दधीच अपने शरीर से देवों को अपराजेय शस्त्र देते है। ताकि मानवता की रक्षा हो सके, धर्मयुक्त मानवतावादी जीवन पद्यती की रक्षा हो सके एवं लोक कल्याण की रक्षा हो सके।
Indian culture, which is called Sanatan civilization or Hindu culture. Its entire history is filled with the struggle of gods and demons. In this we see the divine powers constantly researching for the weapons of destruction. Maharishi Dadhich gives invincible weapons to the gods from his body. So that humanity can be protected, righteous humanistic way of life can be protected and public welfare can be protected.
भारतीय सभ्यता के आर्दश भगवान शंकर जी, भगवान विष्णु जी, देवी दुर्गा, गणेश जी, भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, वीर हनुमान सहित एक अनन्त श्रृंखला है, जो महाराणा प्रताप एवं छत्रपति शिवाजी सहित नेताजी सुभाषचन्द्र बोस और सरदार वल्लभभाई पटेल तक देखनें को मिलती है। सबने वीरता से अपने आप को सिद्ध किया है। मन की शक्ति और शस्त्र की शक्ति दोनों ने मिल कर भारतीय संस्कृति को अभी तक जीवित रखा हुआ है। इसे निरंतर जीवित रखनें का दायित्व हमारा और हमारी अगली पीढ़ियों का है।
The ideal of Indian civilization is an infinite series including Lord Shankar ji, Lord Vishnu ji, Goddess Durga, Ganesh ji, Lord Shri Ram, Lord Shri Krishna, Veer Hanuman, which is seen up to Netaji Subhash Chandra Bose and Sardar Vallabhbhai Patel including Maharana Pratap and Chhatrapati Shivaji. Is. Everyone has proved themselves with valor. The power of the mind and the power of the weapon together have kept the Indian culture alive till now. The responsibility of keeping it alive is ours and our next generations.
भारतीय संस्कृति का धर्म, नीति और ज्ञान बडी स्पष्टता से कहता है कि शक्ति ही सर्वोपरी है, जिससे शत्रु का संहार ही अंतिम विजय होती है। अहिंसा का तर्क सुरक्षा एवं रक्षा में अव्यवहारिक एवं अस्विकार्य ज्ञान है। जमीनी सत्य यही है कि भारत को स्वतंत्रता से पहले सीधी कार्यवाही नामक हिंसा से और स्वतंत्र होते ही कबाईली आक्रमण से जूझना पढ़ा था और बसद में कई युद्ध लडने पडे हैं।
The religion, policy and knowledge of Indian culture clearly states that power is supreme, so that the destruction of the enemy is the ultimate victory. The logic of non-violence is impractical and unacceptable knowledge in protection and defense. The ground truth is that India had to deal with direct action violence before independence and from tribal invasions as soon as it became independent and had to fight many wars in Basad.
जो शक्ति के महत्व को त्याग देता है। उसे दुष्टों से पिटना पडता है, देश विभाजित करवाना पडता है , शर्मनाक शर्तें माननी पडतीं है और अन्ततः अपना अस्तित्व समाप्त करवाना पढता है। जो कि भारतीय सभ्यता को कदापि स्विकार नहीं है। वह अनन्त काल तक जीवित रहनें के संकल्प से आगे बढ रही है।
One who discards the importance of power. He has to be beaten by the wicked, the country has to be divided, he has to accept shameful conditions and eventually he has to end his existence. Which is never accepted by Indian civilization. She is moving forward with the resolve to live for eternity.
अर्थात महाशिव जो कि सभी देवों के देव महादेव हैं उनकी यह विराट भारतीय संस्कृति, आज के वर्तमान उवं भविष्य की पीढ़ियों को स्पष्ट संदेशा देती है कि परम शक्ति को अर्जित करो, पुरूषार्थ से अपराजेय बनों, शत्रु संहारक बनों, शक्तिशाली शस्त्र बनाओं और मन की शक्ति को बडाओ और निरंतर सांस्कृतिक अमरता को सुनिश्चित करते रहो।
That is, this vast Indian culture of Mahashiv, who is the God of all the gods, gives a clear message to the present and future generations that earn supreme power, become invincible with effort, become the destroyer of enemies, make powerful weapons and destroy the mind. Build up the power and continue to ensure cultural immortality.
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