उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी पर पाकिस्तान के पत्रकार एवं जासूस के आरोपों की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक
उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी पर पाकिस्तान के पत्रकार एवं जासूस के आरोपों की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक
वह काबिले जांच का विषय है कि उपराष्ट्रपति रहते हुए हामिद अंसारी नें दस वर्षों तक पाकिस्तानी जासूस एवं पत्रकार को भारत की क्या क्या आंतरिक जानकारियां दीं और उनका देश पर क्या क्या दुष्प्रभाव पड़ेगा ।
कारण यह है कि देश के अत्यंत महत्वपूर्ण पद उपराष्ट्रपति पर आसीन होनें वाले व्यक्ति को देश की गोपनीय एवं गंभीर जानकारियों का संज्ञान होता है और वह अगर किसी शत्रु देश को दी गई हैं तो यह बहुत ही बड़ा घातक और गद्दारी पूर्ण कार्य है और जिसकी सजा भी गंभीर होती है ।
इसलिए भारत सरकार को हामिद अंसारी के विषय में गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए उन्हें तुरंत गिरफ्तार भी किया जाना चाहिए और वे सब जानकारियां उगलवाना चाहिए जो उन्होनें पाकिस्तानी जासूस को दीं हैं ।
उनसे कड़ी पूछताछ होनी चाहिए , सरकार को जानना चाहिए कि उन्होंने पाकिस्तान के जासूस को क्या क्या बताया ।
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एक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल पर वहीं के पत्रकार नुसरत मिर्जा के खुलासे से भारत में सनसनी मच गई है। यूट्यूबर शकील चौधरी के साथ बातचीत में मिर्जा ने कहा कि उन्हें तत्कालीन उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी और एक अंग्रेजी अखबार मिली गजट के संस्थापक जफरूल इस्लाम खान के न्योते पर भारत आए थे। उन्हें भारत में कई संवेदनशील खुफिया सूचनाएं हासिल हुईं जिन्हें उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को पास किया। मिर्जा के इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा बरप गया है। माइक्रोब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म ट्विटर पर लोग हामिद अंसारी और जफरूल इस्लाम खान के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी को भी कोस रहे हैं जो उस वक्त केंद्र की सत्ता में थी। बात 2011 की है। उस वक्त मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे।
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