Sacred Vishnu Purana and Darwin's Biological Theory
Sacred Vishnu Purana and Darwin's Biological Theory
पवित्र विष्णु पुराण और डार्विन का जैविक सिद्धांत
पवित्र विष्णु पुराण और डार्विन का जैविक सिद्धांत
भगवान श्री हरि विष्णु से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक विष्णु पुराण है।
*विष्णु पुराण* में ही भगवान श्री हरि विष्णु से संबंधित समस्त अवतारों का विवरण है.!
*सृष्टि संचालन का एवं कार्य किस प्रकार होगा यह सभी तथ्यात्मक रूप से विष्णु पुराण में वर्णित है.!*
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*विष्णु पुराण ही एकमात्र ऐसा धार्मिक ग्रंथ है,जिसमें पूर्ण वैज्ञानिकता के आधार पर इस सृष्टि की रचना के बारे में दर्शाया गया है.!*
*उदाहरण* के तौर पर समस्त आधुनिक विचारक एवं पश्चात संस्कृति डार्विन के जैविक सिद्धांत को ही जैविक सिद्धांत मानते हैं.!
*वहां डार्विन कहते हैं कि पशु,पक्षी,पेड़,पौधे और मानव इन सब का जन्म और जीन एक ही है और सभी का जनक एक ही है।*
*जब हमें विष्णु पुराण जो कि आधुनिक शोधकर्ताओं के अनुसार लगभग 2500 साल पहले गई है , में भगवान विष्णु द्वारा ब्रह्मा सृष्टि निर्माण की बात करवाना और उसी निर्माण के दौरान ब्रह्मा द्वारा अपने तपोबल से पेड़ पौधे पशु पक्षी एवं समस्त जीव और निर्जीव का निर्माण करना यह दर्शाता है कि इन सब के जनक यानी पिता ब्रह्मा है.! *
* उसके बाद डार्विन कहते हैं कि प्रथम जीव जो उत्पन्न हुआ वह पोटेशियम मैग्नीशियम और फास्फोरस से पानी में पैदा हुआ तो विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का प्रथम अवतार मत्स्य अवतार था जिसमें मैग्नीशियम पोटेशियम और फास्फोरस अत्यधिक मात्रा में मिलता है.! *
*डार्विन के सिद्धांत के अनुसार "जैविक विकास" होते हुए वह जल और थल दोनों पर चलने वाला हुआ तो दूसरा अवतार भगवान का कश्यप अवतार हुआ जो जल पर और थल दोनों पर चलते हैं.!*
*डार्विन ने लिखा कि उसके बाद "जैविक विकास" हुआ और पहले पशु बने तो विष्णु का तीसरा अवतार वाराह के रूप में हुआ जो पशु थे.!*
*डार्विन आगे लिखते हैं कि उसके बाद पशु आधा मानव बना तो भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार हुआ.!*
*डार्विन आगे लिखते हैं कि पहले मनुष्य बोना था तो भगवान वामन अवतार में पैदा हुए.!*
*डार्विन आगे लिखते हैं कि पहले केव मानव पैदा हुआ यानी गुफा में रहने वाला गुस्से वाला तो भगवान विष्णु भगवान परशुराम रूप में अवतार लिया आगे कहते हैं.!*
*डार्विन "जैविक विकास" क्रम को आगे बढ़ाते हुए लिखते हैं कि इस प्रक्रिया के बाद एक विकसित मानव बना तो भगवान विष्णु मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के रूप विष्णु पुराण ने अवतार लिया जो की पूर्ण रूप से विकसित मानव थे.!*
*भगवान "श्री विष्णु" के समस्त अवतार वैज्ञानिकता पर आधारित है हमारे महान ग्रंथ में भगवान श्री हरि विष्णु का संपूर्ण वर्णन साक्ष्य सहित वर्णन महान ग्रंथ विष्णु पुराण में ही प्राप्त होता है।*
* यही डार्विन का जैविक विकास क्रम है जो हमारी विष्णु पुराण में लगभग 2500 वर्ष पूर्व ही वर्णित है.!*
संकलन : जगदीश हाड़ा
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