दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेताओं को आईना दिखाया - अरविन्द सिसौदिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेताओं को आईना दिखाया - अरविन्द सिसौदिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेताओं को उनकी बदनियत का आईना दिखाते हुये तुरन्त वे टिविट डिलिट करनें को कहा है जो उन्होनें केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी की बेटी को लेकर राजनैतिक रंजिश से डाले थे। कांग्रेस के वरिष्ठ और वयोवृद्ध नेताओं ने मात्र हाई कमान को खुश करनें के लिये अनैतिक एवं अशोभनीय टिविट किये जिसके लिये उच्च न्यायालय नें जयराम रमेश, पवन खेरा और नेट्टा डिसूजा को यह निर्देश दिये हैं तथा केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दायर दीवानी मानहानि के मुकदमे पर समन भी जारी किया है।
मानहानि मुकदमे में केन्द्रीयमंत्री ईरानी ने आरोप लगाया है कि उनके और उनकी बेटी के खिलाफ निराधार आरोप उक्त नेताओं ने लगा कर मानहानी की है। जिसके उन्होनें लिए 2 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की गई है।
अर्थात उपरोक्त प्रकरण में प्रथम दृष्टया ही कांग्रेस नेताओं को उनकी बदनियत से रोक दिया गया है और यह एक बहुत बडा संदेश भी उपरोक्त मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दे दिया है। कांग्रेस को इस तरह के बहुत ही ओछे तरीके को नहीं अपनाना चाहिये था। उन्होने नेतृत्व को खुश करने के लिये कांग्रेस को ही गंभीर क्षती पहुंचाई है। लगता है नेतृत्व को खुश करनें के चक्कर में बची खुची कांग्रेस भी समाप्त होने जा रही है।
-----
Fri, 29 Jul 2022
दिल्ली HC का कांग्रेस नेताओं को ट्वीट डिलीट करने का आदेश दिया , केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर अवैध बार चलाने के कथित आरोप लगाए थे
दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ आरोप संबंधी ट्वीट हटाने का निर्देश दिया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेरा और नेट्टा डिसूजा को केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दायर एक दीवानी मानहानि के मुकदमे पर समन जारी किया है। इस मानहानि मुकदमे में कथित तौर पर उनके और उनकी बेटी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए 2 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्ण की पीठ ने कांग्रेस के तीन नेताओं को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार संभालने वाली ईरानी के खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में सोशल मीडिया से ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और फोटो हटाने का निर्देश भी दिया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर प्रतिवादी 24 घंटे के भीतर उसके निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब सामग्री को हटा देंगे।
ईरानी की यह कार्रवाई कांग्रेस नेताओं द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद आई है कि उनकी 18 वर्षीय बेटी जोइश ईरानी ने गोवा में अवैध रूप से एक बार चलाया और इस पर मंत्री पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने उनकी बेटी पर अवैध बार चलाने के आरोप लगाया था। स्मृति ने इस आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि मेरी बेटी 18 साल की है, जो राजनीति नहीं करती। एक कॉलेज की छात्रा है। वो बार नहीं चलाती है। कांग्रेस ने आरटीआई के आधार पर मेरी बेटी पर आरोप लगाए हैं। लेकिन, जिस आरटीआई की बात की जा रही है, उसमें मेरी बेटी का कहीं कोई जिक्र नहीं है।
-----------
नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) द्वारा दायर मुकदमे में (In the Lawsuit Filed) कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders) जयराम रमेश (Jairam Ramesh), पवन खेड़ा (Pawan Kheda) और नेटा डिसूजा (Neta DSouza) को समन जारी किया (Summons) । कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर कांग्रेस नेताओं को ट्वीट हटाने के लिए कहा है।
कोर्ट की ओर से अवैध बार विवाद में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दायर मानहानि मामले में जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेटा डिसूजा को अपने ट्वीट डिलीट करने और 18 अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर कांग्रेस नेता ट्वीट डिलीट करने में विफल रहते हैं, तो इस मामले में सोशल मीडिया कंपनी या ट्विटर को सम्बंधित ट्वीट हटाना होगा।
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने हमें स्मृति ईरानी द्वारा दायर मामले का औपचारिक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। हम अदालत के सामने तथ्यों को पेश करने के लिए उत्सुक हैं। हम स्मृति ईरानी द्वारा डाली जा रही स्पिन को चुनौती देंगे और उसका खंडन करेंगे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें