Against riotous MPs, it should be a rule to call replacement MPs - Arvind Sisodia

 Against riotous MPs, it should be a rule to call replacement MPs - Arvind Sisodia

Against riotous MPs, it should be a rule to call replacement MPs - Arvind Sisodia 

 हुडदंगी सासंदों के विरूद्ध,रिप्लेशमेंट सांसद बुलानें का नियम बने - अरविन्द सिसौदिया
Against riotous MPs, it should be a rule to call replacement MPs - Arvind Sisodia
संसद के दोनों सदनों में ही विपक्ष के कुछ राजनैतिक दलों के सांसदों को हुडदंग करने के परोक्ष अपरोक्ष निर्देश दिये जाते हैं। येशा राजनैतिक फायदे के बजाये राजनैतिक द्वेषता से अधिक प्रेरित होता है।
In both the houses of the Parliament, indirect and indirect instructions are given to the MPs of some political parties of the opposition to riot. Yesha is motivated more by political malice than by political gain.
 

संविधान की दृष्टि से लोकसभा में सांसद जनता का प्रतिनिधि होता है, इसलिये हुडदंगी सांसद की सदस्यता समाप्ती व अगले 10 साल तक चुनाव लडनें पर रोक के साथ, उस क्षैत्र की जनता से अन्य दल का नया प्रतिनिधि चुन कर भेजनें की कार्यवाही का अधिकार लोकसभा के सदन को होना चाहिये। अर्थात रिप्लेश किया जा रहा नया जनप्रतिनिधि भी हुडदंगी दल का नहीं होना चाहिये।

According to the Constitution, the MP is the representative of the people in the Lok Sabha, so with the termination of membership of the Huddangi  MP and the ban on contesting elections for the next 10 years, the right of the Lok Sabha to send a new representative of the other party from the people of that area. The house should be That is, the new public representative being replaced should also not belong to the Huddangi party.

इसी तरह से राज्यसभा में राज्यों के विधानमण्डल अपना प्रतिनिधि भेजते है। राज्यसभा में भी हुडदंगी सांसद को सदन के द्वारा निलंबित कर अन्य दल का नया सांसद मांगनें का अधिकार राज्यसभा के सदन को होना चाहिये।

Similarly, the legislatures of the states send their representatives to the Rajya Sabha. In Rajya Sabha also, the House of Rajya Sabha should have the right to ask for a new MP of another party by suspending the riotous MP by the House.


हलांकी यह डिक्टेटरशिप जैसा लगेगा, मगर देश की गरिमा और लोकतंत्र की रक्षा के लिये, आराजकतावाद पर नियंत्रण बहुत आवश्यक है।  

 Although it will look like Dictatorship, but to protect the dignity and democracy of the country, it is very necessary to control anarchism.

हुडदंगी सांसद का रिप्लेशमेंट करवानें का अधिकार लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा में सभापति उपराष्ट्रपति महोदय को होना चाहिये। जिसकी पुष्टि अपने अपने सदन से हो जाये। यदि सदन में पुष्ठि न हो तो संयुक्त सदन से पुष्ठि ले ली जाये। यह अनिवार्य इसलिये हो गया है कि कुछ विपक्षी दलों को सिर्फ सत्तारूढ दल के प्रत्येक कार्य में अडंगा लगानें व अटकानें का रोग हो गया है। जबकि लोकसभा का बहूमत देश की जनता के द्वारा दिया हुआ होता है।
The Speaker of Lok Sabha in Lok Sabha and the Vice-President in Rajya Sabha should have the right to get the replacement of a riotous MP. Which should be confirmed by your own house. If there is no confirmation in the house, then the confirmation should be taken from the joint house. This has become inevitable because some opposition parties have got the disease of obstructing and stalling every work of the ruling party only. Whereas the majority of the Lok Sabha is given by the people of the country.

इसी तरह का नियम सदन के चलते, सदन से बाहर बनाप सनाप बोलनें वाले सांसदों के विरूद्ध भी होना चाहिये तथा जो सांसद 66 प्रतिशत से कम उपस्थिती रखते हैं। उनके स्थान पर भी रिप्लेशमेंट सांसद बुलानें का नियम होना चाहिये।

A similar rule should be followed against the MPs who speak out of the house, and those MPs who have less than 66 percent attendance. There should be a rule to call replacement MPs in their place too.

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