राहुल गांधी की ताजपोशी - हिंदू आतंकवाद का भूत
मुस्लिम वोट ठगी के लिए,
अब हिन्दू आतंकवाद का सगूफा ....
आग मत लगाओ यह तुमसे नही बुझेगी
- अरविन्द सीसोदिया
राजनीती में वोट बैंक की राजनीती ना हो तो कैसे काम चलेगा.प्रेम और जंग में सब जायज है. मगर सब कुछ जायज नही है . जो चीज देश के लिए उसकी एकता और सोहार्द के लिए मुसीबत बन जाये वह ठीक नही कही जा सकती . गृहकलह और आंतरिक द्वंद क़ी शिरू आत नही करें .पहले ही देश साम्पदायिक आधार पर बंट चुका है . सीमा पर का साम्पदायिक तमाशा आप रोक नही पा रहे हैं . आपकी गैर जिमेवाराना हरकत देश के अन्दर से भयावह परिणाम और नासूरी समस्या उत्पन्न कर सकती हैं.
मुस्लमान ने कांग्रेस को वोट देना छोड़ दिया और भी वोट बैंक थे उनने भी कांग्रेस को वोट देना छोड़ा है.वह वोट बैंक जो भाजपा पर नही है और आसानी से तोडा जा सकता है वह मुस्लमान माना जा रहा है.इसके लिए ही सारे काम हो रहे हैं,छेः वर्षों के अथक प्रयास के बाद भी उतने वोट नही आये जितने आने चाहिए थे.कई राज्यों के मुसलमानों ने कांग्रेस को वोट ही नही दिया . उसी का नतीजा है कि अब नई नीति के तहत उसे डराने के लिए हिदू आतंकवाद का सगूफा खड़ा किया गया है .कांग्रेस मुस्लिम वोटों के लिए भय कि राजनीती पर उतर आई है. जब तक उस पर भय नही लटकाया तब तक वह पूरी तरह वोट नही देगा.संघ को भी इसी लिए जोड़ा जा रहा है ,कि बड़ा भय खड़ा किया जा सके .लगता है कि हिन्दू आतंकवाद सिद्ध करने के लिए कोई बड़ी साजिस न घट जाये .देश की आजादी के बाद से ही यह राजनीति कांग्रेस खेलती आई है .
सामने यूपी और बिहार है.दोनों राज्यों में कांग्रेस कमजोर है और मुस्लिम वोट काफी अधिक हैं .बिहार में तो चुनाव सामने ही है, यू पी में २०१२ में है.अगला लोकसभा चुनाव भी २०१४ में आ रहा है ,वह भी कांग्रेस को तभी लाभ दिला सकता है जब यूपी और बिहार उनके पास वापिस आजाये .अभी बिहार में कांग्रेस के पास सिर्फ २ सीटें हैं ,यूपी में ८० में से २१ थी .राहुल गांधी को पूर्ण बहुमत का प्रधान मंत्री बनाने के लिए इन दोनों प्रान्तों में सीटें बढ़ाने का सवाल है . वह बगेर साम्पदायिक तनाव पैदा किये यह संभव नही है . इसका एक ही रास्ता हिन्दुओं और मुसलमानों को मुर्गों कि तरह आपस में लड़ाओ.अंग्रेजों ने भी यही किया था . कांग्रेस ने पिछले छेः वर्षों में एक ही जाप जपा है ,मुस्लमान - मुस्लमान ...! तुम्हरा वोट हमारा है,तुम्हरा वोट हमारा है . वोट हमको दो खजाने से जो चाहो लो ..!! भारत के प्रधानमंत्री ने तो गिरने की हद तोड़ते हुए यह तक कह दिया की भारत के खजाने पर पहला अधिकार मुसलमान का है .सिर्फ बात ही नही क़ी गई,खजाना भी लुटाया जा रहा है . इसके कई उदाहरण भी हैं.जिन्हें फिर कभी बताएगें .
कांग्रेस को १९८४ में इंदिरा गांधी के निधन से उपजी साहनुभूति में ४०० से ज्यादा सीटें मिली थीं तब से अब तक वह स्पष्ट बहुमत के लिए तरस रही है ,एक बार तो उसकी सीटें १२५ से ही कम हो गई थी,राजीव गाँधी के निधन के बाद भी वह पूर्ण बहुमत नहीं जुटा पाई थी .इसके पीछे कारण था कि कांग्रेस जनता के बीच अपना विश्वास खो चुकी है.दूसरे दलों ने भी लगातार अपना विश्वास बढ़ाया तो मगर उसे कायम रखने कि चिंता नहीं रखी इस कारण से कांग्रेस को पुर्न वापसी का मोका मिला .
महंगाई, आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे मुद्दे पर असफल कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए हिंदू आतंकवाद का भूत खड़ा कर रही है। देश के ज्यादातर मुद्दों पर उसकी नाकामी राहुल गांधी की ताजपोशी में बाधा न बन जाए इसलिए वो हिंदू आतंकवाद जैसे मुद्दों को बेवजह खड़ा कर रही है।
- राधाकृष्ण मन्दिर रोड, डडवाडा,कोटा २.राजस्थान .
क्या बात है.. वैसे बी एल शर्मा, इन्द्रेश कुमार आदि भी कांग्रेस के सदस्य थे...
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