इशरत जहां - वोट बैंक कि राजनीति है असली आतंकवाद...!!!

सुरक्षातन्त्र हतोत्साहित नहीं हों ...!
आतंकी सरकारी  रिश्तेदार नहीं,
देश के  दुश्मन है..!!
- अरविन्द सीसोदिया
  देश पर जब-जब भी हमले और षड्यंत्र पूर्ण आक्रमण हुए तब ही इस देश की रक्षा पंक्ति  ने ही दुश्मन का मुंह  तोडा है, चाहे सीमा पर सेना हो या राज्य में पुलिस हो या खुफिया  एजेंसी हों , इनके कार्यों को बिना सही जाँच पडताल के हतोत्साहित नही करना चाहिए ..! विशेषकर साम्प्रदायिकता के दवाव में , जब तक पाकिस्तान है, उसके दुश  -  परिणाम  भी हैं. कांग्रेस से यह विशेष शिकायत है कि वह वोट बैंक कि राजनीति में देश को ही समाप्त करने  की गलती कर रही है आपकी अभी तक की निति यह कह रही है की मुस्लिम है तो दोषी नही है और है तो दोषी है. यह चलने वाला नहीं है ना ही यह चलने दिया गायेगा .   
   अमेरिकी एजेंसी एफबीआई द्वारा पकड़े गए लश्‍कर-ए-तैयबा तथा मुंबई के 26/11 के आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपी डेविड हेडली ने माना  है कि गुजरात में  मुठभेड़ में मारी गई   मुंबई की इशरत जहां खास मंसूबों को अंजाम देने वाली थी। उसकी नियुक्तिटॉप लश्कर कमांडर मुजम्मिल ने की थी।वह भारत में संगठन के अभियानों का प्रभारी था। 
    गौरतलब है कि 15 जून 2004 को यह आतंकवादी दल गुजरात के मुख्यमंत्री  नरेंद्र मोदी को मारने के लिए गुजरात पहुचा, जहाँ गुजरात पुलिस ने दल में सम्मिलित  मुंबई की छात्रा इशरत जहां, जावेद शेख और दो पाकिस्तानी जीशान जौहर अब्दुल गनी और अमजद अली को एक मुठभेड़ में मार गिराया था। अब हेडली की बात तो भारतीय जांच एजेंसियां को ही सच साबित कर रहीं हैं, ऐसी ही सूचना उन दिनों में गुजरात पुलिस को केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने इशरत के एंकाउंटर के पहले दी थी।    गुजरात सरकार और नरेंद्र मोदी से कांग्रेस तथा कई  गैर-भाजपा दलों को और तथाकथित मानवाधिकार वादियों का विशेष शत्रुता है, उनके दवाव में  जब इसकी मजिस्‍ट्रेट जांच हुई तो वह कथित  फर्जी मुठभेड़ पायी गई। फिलहाल यह केस गुजरात हाई कोर्ट में चल रहा है।


              इशरत जहां की माँ शमीमा कौसर की  याचिका पर,  सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बीएन अग्रवाल और न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी ने केंद्र सरकार और गुजरात सरकार को नोटिस जारी की है। कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि किस आधार पर इशरत को आतंकी घोषित किया गया, जबकि राज्‍य सरकार से पूछा गया है कि आखिर किस आधार पर उसने तमांग रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर रोक लगाने की मांग की। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से भी पूछा है कि किस आधार पर उसने इशरत को अतंकवादी करार दिया गया। इस   मामला से, उस दल में सम्मिलित, इशरत जहां और उसके तीन साथियों को जून 2004 में एंकाउंटर में मार गिराने वाली  अहमदाबाद पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जारहा है. इस गैर जिम्मेवाराना  मामले से कल कोई भी पुलिस अफसर जन बचाव  में आगे नहीं आयेगा.  

   वोट की राजनीती करते हुए तब केंद्र सरकार ने अपना हलफनामा तक बादल दिया था और मीडिया में चर्च आने पर सफाई में ,  वाशिंगटन से  केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने इशरत जहां और तीन अन्य के कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने के मामले में केंद्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे का बचाव करते हुए कहा कि यह 'प्रमाण या निर्णायक सबूत' नहीं है। महज खुफिया जानकारी के आधार पर एंकाउंटर गलत है। चिदंबरम ने कहा कि हलफनामे को 'संदर्भ' के साथ देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि खुफिया जानकारियां सबूत नहीं होतीं। ये महज जानकारियां होती हैं जिन्हें नियमित रूप से सरकारों के साथ बांटा जाता है। यह प्रमाण या निर्णायक सबूत नहीं होतीं। इनसे आगे की जांच में मदद मिलती है.
भाजपा महासचिव एवं मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि इशरत जहां संबंधी मुठ़भेड़ के मामले में केंद्र की संप्रग सरकार का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक रहा है। उन्होंने कहा कि जब इशरत का मामला गुजरात हाईकोर्ट में आया तो केंद्र सरकार ने हलफनामे में स्वीकार किया कि इशरत के लश्करे तैयबा से संबंध थे लेकिन हाईकोर्ट में जब इस मामले की सुनवाई हुई थी तो वह यह दलील देकर पीछे हट गई कि गुप्तचर सूचनाओं को सबूत नहीमाना जा सकता।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के कारण गुजरात पुलिस को बदनाम करने में अब तक गुरेज नही किया है।
  अब तो यह बात निकल कर आ रही है कि इशरत अपने पति जावेद शेख के साथ फैजाबाद आई थी।मई 2004 में दिवली गांव में मेराज के घर रुके और हफ्तेभर अयोध्या-फैजाबाद की रेकी की। गौरतलब है कि जुलाई 2005 में यहां के अस्थायी राममंदिर पर आत्मघाती हमला हुआ जिसमें 5 हमलावर मौके पर ही मारे गए।   कुल मिला कर बात यह है की अब यह बहुत हो चुका कि अपराधी को बचाओ और  जो हो गया उसे भूल जाओ.
   

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

पहले दिन से सुपरफ़ास्ट दौड़ रही है भजनलाल शर्मा सरकार - अरविन्द सिसोदिया cm rajasthan bhajanlal sharma

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग