कश्मीर में कायरता का खेल कब तक होगा ,,,,?
कश्मीर को सेना के हवाले कर दो
राज्य सरकार भंग कर दो
मुर्गों कि तरह देशवाशियों को लड़ाना छोडो..,
- अरविन्द सीसोदिया
कश्मीर में कायरता का खेल कब तक होगा यह कहना मुश्किल है. देश के साथ कब तक विश्वासघात होगा यह कहना मुश्किल है. भारत को भारत बनाने का काम कब शिरू होगा यह भी कहना मुश्किल है .
कश्मीर में आम जनता को हिंदुस्तान से कोई परेशानी नही है . परेशानी तो सत्ता से बाहर हो जाने बाले हुक्मरानों को है , सम्प्रदाय के नाम पर दूसरे देशों से आने वाली मलाई खाने वाले कमांडरों को है . यह भी एक धंधा है . युवकों को मारने के लिए तैयार करना उन्हें मरवा देना और घरवालों को मुह बाद रखने कस लिए मुआबजा और सम्प्रदाय का बास्ता देकर चुप करवा देना . यही सब कुछ चीन में होरहा होता तो वह सबसे पहले तो उस पड़ोसी देश पर हमला करता और उसके इशारे पर नाच रहे लोगों को गोलियों से भूंज देता . देश चलाने के लिए जो हिम्मत चाहिए वह भी तो गद्दी पर बैठनें वालों में होनीं चाहिए ...!
आपकी मानसिकता में दोष है ..! आप देशवाशियों को सुखी नही रहने देना चाहते ..! अलगाव और फूट आप खुद बनाये रखना चाहते हो, भारत से कश्मीर को लड़ने के लिए ही तो आप ने ३७० का प्रावधान किया है , अन्यथा बताएं कि उसका क्या लाभ है , चीन ने तो पूरा तिब्बत ही हडप लिया ..? मजाल कि कोई आबाज उठाले ..! दुनिया का कोई भी देश चूँ भी नही करता ...? सवाल होता है कि हमने अपने आप को कितना मजबूत किया और अपने राष्ट्रहित को कितनी तब्बजो दी है .
आत भी हम कश्मीर को भारत से और हिन्दू को मुसलमान से लड़ाने में ही व्यस्त हैं. रोमन मन्त्र था फूट डालो राज करो ...!! आप भी मुर्गों कि तरह देश वाशियों को लड़ा रहे हो .. अपना राज बनाने के लिए , मगर यह खेल बहुत ही मंहगा पड़ता है.
१- कश्मीर को कश्मीर बनाने में सबसे बड़ी बाधा ही ३७० है , उसे हटाना ही चाहिए .
२- कश्मीर में हगमें को अंजाम देने वाले लोग पाकिस्तानी एजेंट हैं , उन्हें गिरिफ्तर कर जेलों में डालो . उनके साथ नरमी की बात क्यों, देश के शत्रु हें तो शत्रु कि ही तरह वर्ताव होना चाहिए , अन्यथा न्याय के साथ बेईमानी है .
३- इस तरह के मामलों में दुनिया के दूसरे देश जो निती अपनाते हैं वह निती अपनाना चाहिए . रहम का मामला है भी नही ना होनी ही चाहिए .
४- सुरक्षा बलों पर होरहे सुनियोजित हमलों का मुह तोड़ जबाब देना चाहिए , कश्मीर को सेना के हवाले कर दो और राज्य सरकार भंग कर दो . राज्य सरकार पाकिस्तानी भाषा बोले यह मंजूर नही होना चाहिए .
५- मुसलमान और हिन्दुओं को अलग अलग नजरिये से देखना बाद हो...!!!
राज्य सरकार भंग कर दो
मुर्गों कि तरह देशवाशियों को लड़ाना छोडो..,
- अरविन्द सीसोदिया
कश्मीर में कायरता का खेल कब तक होगा यह कहना मुश्किल है. देश के साथ कब तक विश्वासघात होगा यह कहना मुश्किल है. भारत को भारत बनाने का काम कब शिरू होगा यह भी कहना मुश्किल है .
कश्मीर में आम जनता को हिंदुस्तान से कोई परेशानी नही है . परेशानी तो सत्ता से बाहर हो जाने बाले हुक्मरानों को है , सम्प्रदाय के नाम पर दूसरे देशों से आने वाली मलाई खाने वाले कमांडरों को है . यह भी एक धंधा है . युवकों को मारने के लिए तैयार करना उन्हें मरवा देना और घरवालों को मुह बाद रखने कस लिए मुआबजा और सम्प्रदाय का बास्ता देकर चुप करवा देना . यही सब कुछ चीन में होरहा होता तो वह सबसे पहले तो उस पड़ोसी देश पर हमला करता और उसके इशारे पर नाच रहे लोगों को गोलियों से भूंज देता . देश चलाने के लिए जो हिम्मत चाहिए वह भी तो गद्दी पर बैठनें वालों में होनीं चाहिए ...!
आपकी मानसिकता में दोष है ..! आप देशवाशियों को सुखी नही रहने देना चाहते ..! अलगाव और फूट आप खुद बनाये रखना चाहते हो, भारत से कश्मीर को लड़ने के लिए ही तो आप ने ३७० का प्रावधान किया है , अन्यथा बताएं कि उसका क्या लाभ है , चीन ने तो पूरा तिब्बत ही हडप लिया ..? मजाल कि कोई आबाज उठाले ..! दुनिया का कोई भी देश चूँ भी नही करता ...? सवाल होता है कि हमने अपने आप को कितना मजबूत किया और अपने राष्ट्रहित को कितनी तब्बजो दी है .
आत भी हम कश्मीर को भारत से और हिन्दू को मुसलमान से लड़ाने में ही व्यस्त हैं. रोमन मन्त्र था फूट डालो राज करो ...!! आप भी मुर्गों कि तरह देश वाशियों को लड़ा रहे हो .. अपना राज बनाने के लिए , मगर यह खेल बहुत ही मंहगा पड़ता है.
१- कश्मीर को कश्मीर बनाने में सबसे बड़ी बाधा ही ३७० है , उसे हटाना ही चाहिए .
२- कश्मीर में हगमें को अंजाम देने वाले लोग पाकिस्तानी एजेंट हैं , उन्हें गिरिफ्तर कर जेलों में डालो . उनके साथ नरमी की बात क्यों, देश के शत्रु हें तो शत्रु कि ही तरह वर्ताव होना चाहिए , अन्यथा न्याय के साथ बेईमानी है .
३- इस तरह के मामलों में दुनिया के दूसरे देश जो निती अपनाते हैं वह निती अपनाना चाहिए . रहम का मामला है भी नही ना होनी ही चाहिए .
४- सुरक्षा बलों पर होरहे सुनियोजित हमलों का मुह तोड़ जबाब देना चाहिए , कश्मीर को सेना के हवाले कर दो और राज्य सरकार भंग कर दो . राज्य सरकार पाकिस्तानी भाषा बोले यह मंजूर नही होना चाहिए .
५- मुसलमान और हिन्दुओं को अलग अलग नजरिये से देखना बाद हो...!!!
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