भारत क़ी बार बार नाक कटवा रहे धोनी
एक क्रिकेट श्रृंखला में दो बार न्यूनतम स्कोर ....!
- अरविन्द सीसोदिया
टीम के वरिष्ट खिलाडियों को बाहर बिठा कर , भारत क़ी बार बार नाक कटवा रहे धोनी पर नियन्त्रण किया जाना चाहीये , जहाँ देश का नाम आता हो वहां पर , उच्चतम प्रदशर्न क्षमता की टीम होनी ही चाहिए , त्रिकोणीय क्रिकेट श्रृंखला का नतीजा कुछ भी हो , मगर एक क्रिकेट श्रृंखला में दो बार न्यूनतम स्कोर पर आउट होना शर्मनाक है , सबसे बड़ी बात यह है की गेंदों क़ी द्रष्टि से यह सबसे बड़े अंतर की हार है !
रानगिरी दाम्बुला इंटरनेशनल स्टेडियम,दाम्बुला , श्रीलंका विरुद्ध भारत , एकदिवसीय , श्रीलंका 8 विकेट से जीता ,
युवा तेज गेंदबाज तिषारा परेरा ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 28 रन पर पांच विकेट लेकर नो-बाल के विवाद में उलझे भारतीय शेरों को 103 रन पर ढेर कर दिया।
श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने फिर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए करो या मरो का मुकाबला एकतरफा अंदाज में आठ विकेट से जीतकर त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला के फाइनल में प्रवेश कर लिया। इस जीत से बोनस सहित पांच अंक मिले और वह कुल 11 अंकों के साथ फाइनल में पहुंच गया।
इससे पहले भी पहले मैच में भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ 88 रन पर आउट होकर 200 रन से हारा था। निश्चित रूप से भारतीय बल्लेबाजों का यह बेहद शर्मनाक प्रदर्शन था ।
सहवाग का शतक पूरा नहीं होने के लिए धोनी भी जिम्मेवार....
इससे पहले भी जो मैच भारत जीता था वह बोलरों के कारण ही जीत पाया था , सहवाग उसमें नही जमा होता तो उसमें भी हार के नजदीक पहुच गये होते , सहवाग का शतक पूरा नही हो पाया इसके लिए हम जोर शोर से श्री लंका के विरुद्ध आबाज उठा रहे हैं , क्या इसके लिए सामने खेल रहा भारत का खिलाड़ी जिम्मेवार नही है ...! धोनी को अपने कुछ कम रन बना कर यह शतक पूरा करवाना चाहिए था , सचिन जब दोहरे शतक के एतिहासिक क्षण के नजदीक था, जो अपने आप में इतिहास था तब भी धोनी साहब का रोल गलत था पूरा देश उनकी क्रिकेट नहीं देख रही थी वह सचिन का दोहरा शतक देखना चाहती थी , जो क़ी सचिन क़ी सावधानी से बड़ी मुश्किल से पूरा हुआ था , तब भी धोनी क़ी खलनायिकी सामने आई थी ...! सहवाग का शतक पूरा नहीं होने के लिए धोनी भी उतना ही जिम्मेवार है जितना नो बोल ...!
चार गलत फैसलों के कारण भारत हारा
टीम प्रदर्शन पर भी प्रश्न हैं ...!!
कहा जा रहा हे क़ी चार गलत फैसलों के कारण भारत हारा , इन चार फैसलों में से तीन स्थानीय अंपायर कुमार धर्मसेना जबकि एक पाकिस्तानी अंपायर असद राउफ ने दिया। सुरेश रैना को जब विकेट के पीछे कैच आउट दिया गया तब कमेंट्री कर रहे भारत के पूर्व टेस्ट खिलाड़ी अरूण लाल ने कहा कि हमें कोई आवाज नहीं सुनाई दी जबकि स्निकोमीटर में भी कुछ नहीं आया।अंपायर के फैसले के बारे में जब संगकारा से मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर टीम सही फैसले चाहती है तो हर मैच में रैफरल प्रणाली का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेस्ट श्रृंखला और इस श्रृंखला के दौरान रैफरल प्रणाली नहीं है तो मुझे सिर्फ एक ही कारण लगता है, वह यह है कि भारत रैफरल नहीं चाहता था। अगर सब कुछ ठीक रखना है तो तकनीक का इस्तेमाल करो। आईसीसी को डीआरएस को सभी मैचों के लिए अनिवार्य कर देना चाहिए।
हालाँकि गलत एक निर्णय ही पूरे मैच क़ी दिशा बदल देता है मगर यह होता ही रहता है , मैच का हिस्सा हे ,
मगर जब टीम खतरे में थी तब बाकीं को संभालना चाहिए था ...! संधिग्धता तो पास ही होती हे |
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