2 जी : अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम



 
- अरविन्द सिसोदिया 
अब जांच जे पी सी के पास जानें वाली है और उसे सबसे पहले यह यह जांच करनी चाहिए की २ जी स्पेक्ट्र घोटाले का संबंध अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम की 'डी' कंपनी से क्या है ....?देश की आंतरिक व्यवस्था में गहरा असर अंडरवल्र्ड का है , ख़ास कर मुम्बई और फिल्म जगत पर ....!!!! मगर यह हाथ देश की संसद के अन्दर और केंद्र की सरकार में भी पहुच गए तो यह गंभीर चिंता का विषय होगी ..!! सबसे पहले इसी विषय पर जांच होनी चाहिए ..!! गाथा बंधन सरकार की मजबूरी  अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम की 'डी' कंपनी  का गुलाम देश को बनती है तो इसा तरह की गठबंधन सरकार नहीं चाहिए...!! 
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राजस्थान पत्रिका का आलेख ....
' डी ' कंपनी का खेल
http://www.rajasthanpatrika.com/news/INDIA/2132011/india%20news/121290मुम्बई।
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला सिर्फ पैसे की लूट न होकर अब देश की सुरक्षा से जुड़ गया है। सीबीआई द्वारा हिरासत में लिए गए स्वान टेलीकॉम के डायरेक्टर शाहिद बलवा से मिले दस्तावेजों में कुछ अहम सुबूत मिले हैं, जो इस घोटाले में अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम की 'डी' कंपनी के शामिल होने के संकेत दे रहे हैं।  इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, बलवा और 'डी' कंपनी का खासा कनेक्शन है। बलवा अंडरवल्र्ड का पैसा हिंदुस्तान के शेयर बाजार में लगाता है।

22 हजार करोड़ का चूना लगाया देश को
इतना ही नहीं, बलवा ने दिल्ली की एक नामी रियल एस्टेट कंपनी के साथ देश को 22 हजार करोड़ से भी ज्यादा का चूना लगाया है। ये खुलासा सीबीआई ने अपनी 6 पेजों वाली एफआईआर में किया है। सूत्र बताते हैं कि सीबीआई के पास इस पूरे खेल के सूत्रधार का भी नाम है, मगर इसका खुलासा अभी नहीं करेगी।
बलवा-दाउद कनेक्शन
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई को टेलीकॉम घोटाले से जुड़े लोगों की छापेमारी के दौरान बलवा के खिलाफ अहम सबूत हाथ लगे हैं। इन दस्तावेजों में बलवा की कंपनी स्वान टेलीकॉम और यूएई की एतिसलात कंपनी के बीच समझौते का जिक्र है। एतिसलात कंपनी को बलवा ने अपनी कंपनी स्वान टेलीकॉम में 45 फीसदी हिस्सेदारी बेची।
 एतिसलात का अच्छा खासा स्टेक पाकिस्तान टेलीकॉम कॉर्पाेरेशन लि. में है, जो वर्तमान में आईएसआई की निगरानी में है। हिस्सेदारी बेचने का बलवा का एक ही मकसद था। वह दुबई में बैठे उन लोगों को पैसे पहुंचाना चाहता था, जिनका पैसा पिछले कई सालों से वो अपने रियलिटी के धंधे में लगा रहा था।
राजा का खासमखास
इस एफआईआर में कहा गया है कि बलवा पूर्व दूरसंचार मंत्री और 2जी घोटाले के मुख्य आरोपी ए. राजा का सबसे खासमखास था। वह न केवल राजा के पैसों को देश और विदेश में इनवेस्ट करता था, बल्कि जिस समय वो टू जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस को हासिल करने की जुगत में था। उस वक्त विदेश में बैठे संदिग्ध शख्स ने उसे पैसे भी उपलब्ध कराए थे।
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राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलू भी खंगालें: 
सीबीआई से जज ने कहा कि जांच एजेंसी को याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मसलों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह पता लगाना आपका (सीबीआई) काम है कि 2जी घोटाले से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे का कोई पहलू तो नहीं जुड़ा है।’ मामले में अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी।

याचिका में खतरे का अंदेशा:
स्वामी ने अपनी याचिका में बताया है, ‘2जी लाइसेंस हासिल करने वाली स्वान टेलीकॉम और यूनीटेक वायरलेस ने अपनी हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों इत्तिस्लात और टेलीनोर को बेची है। इन दोनों कंपनियों का संपर्क पाकिस्तान से भी हैं। इनको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताई थीं।’

कौन है शहीद बलवा 
(बी बी सी हिंदी से विनीत खरे की रिपोर्ट ...)
http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2011/02/110209_balwa_profile_skj.श्त्म्ल
 देश की प्रमुख रियल इस्टेट कंपनी डीबी रिऐल्टी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर शाहिद उस्मान बलवा को दो दिनों के ट्रांज़िट रिमांड पर जाँच एजेंसी सीबीआई को दे दिया गया है.
उन्हें सीबीआई दिल्ली ले आई है जहाँ उनसे 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बारे में पूछताछ की जाएगी.
बलवा की कंपनी डीबी रिऐल्टी ने स्वान टेलीकॉम नाम की कंपनी शुरू की थी जिसने 13 सर्कल्स के स्पेक्ट्रम के लिए 1537 करोड़ रुपए सरकार को दिए, लेकिन कुछ ही समय में कंपनी के 45 प्रतिशत शेयर संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी एटियालसेट को 4500 करोड़ रुपए में बेच दिए.
आरोप है कि इस घोटाले से सरकार को करोड़ों की चपत लगी और कथित तौर पर ये सब पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा की मदद से हुआ. कंपनी का नाम एटियालसेट डीबी टेलीकॉम प्राईवेट लिमिटेड रख दिया गया.
बलवा की गिरफ़्तारी की खबर से मुंबई में रियल एस्टेट कंपनियाँ सकते में हैं.
डीबी रिऐल्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी रिएल इस्टेट कंपनी है. कंपनी की वेबसाईट के मुताबिक उसके पास मुंबई और पुणे में 30 बड़े प्रोजेक्ट हैं जो पूरे होने के विभिन्न चरणों में हैं. वेबसाईट के मुताबिक कंपनी की बाज़ार में कीमत 2.2 अरब अमरीकी डॉलर की है.
गिरफ़्तारी की ख़बर आने के बाद कंपनी के शेयरों के दाम रिकॉर्ड तेज़ी से गिरे हैं.
ज़बर्दस्त प्रगति
शाहिद बलवा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कॉलेज में ही पढ़ाई छोड़ दी. उनका परिवार रेस्तराँ कारोबार से जुड़ा है और वो गुजरात से मुंबई आए. मुंबई के मरीन लाइंस में उत्तर भारतीय और चाइनीज़ खाने के लिए मशहूर बलवाज़ रेस्तराँ उन्हीं का है.
कहा जाता है कि उनके दादा, परदादा का कारोबार था हिंदुस्तानी नवाबों के लिए मध्य पूर्व से अच्छे नस्ल के घोड़े मंगवाना.
महाराष्ट्र जैसे राज्य में जहाँ राजनीति और बिल्डर्स के बीच घनिष्ठ संबंध हैं, जहाँ कई राजनीतिज्ञ बिल्डर हैं.
डीबी रिएल्टी पर आरोप लगते रहे हैं कि इसमें महाराष्ट्र के एक बड़े नेता का काफ़ी पैसा लगा है और ये कथित तौर पर उनके फ्रंट के तौर पर काम करती रही है, लेकिन इस बारे में कोई सुबूत सामने नहीं आए हैं. कंपनी भी ऐसे आरोपों से इंकार करती है.
शाहिद बलवा की गिरफ़्तारी के बाद कई हलकों में कहा जा रहा है कि आदर्श और लवासा के बाद निशाना फिर उसी नेता पर है.
डीबी रिएल्टी में शाहिद बलवा के अलावा दूसरा नाम विनोद गोयनका का है. माना जाता है कि राजनीति और राजनीतिज्ञों पर उनकी पकड़ अच्छी है. शाहिद और विनोद करीब 15 साल पहले साथ आए जब उन्होंने होटल ल रॉयल मेरिडियन बनाया जो अभी हिल्टन के नाम से जाना जाता है. प्रोजेक्ट के सफ़ल होने के बाद दोनो ने करीब चार साल पहले डीबी (डायनमिक्स बलवा) रिएल्टी नाम की कंपनी बनाई.
फ़ोर्ब्स पत्रिका के मुताबिक शाहिद के पास एक अरब डॉलर से ज़्यादा की संपत्ति है. कंपनी की वेबसाईट के मुताबिक पत्रिका फोर्ब्स ने विनोद गोयनका को देश का 49वाँ और शाहिद बलवा को 50वाँ अमीर व्यक्ति बताया है.
लेकिन करीब चार साल में ही इस कंपनी के देश की इतनी बड़ी कंपनी बनने पर सवाल भी उठे हैं. मुंबई में जहाँ पुरानी रिएल एस्टेट कंपनियाँ पीछे छूट गई हैं, नई कंपनियों में लोधा ग्रुप, इंडियाबुल्स और डीबी रिएल्टी का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है जिन्होंने बाज़ार को जैसे अपने हाथ में ले लिया है.
हाल ही में डीबी रिएल्टी ने सभी को उस समय अचंभे में डाल दिया जब उन्हें मुंबई के बांद्रा पूर्व में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के पास स्थित करीब 57-एकड़ की सरकारी कॉलोनी को दोबारा विकास करने के अधिकार मिले. मुंबई में अपनी तरह का ये सबसे बड़ी पुर्नविकास योजना थी, खासकर बांद्रा जैसे महंगे इलाके में.
शाहिद और विनोद के बारे में कहा जाता है कि उन्हें ऊँची शानो-शौकत वाली ज़िंदगी बेहद पसंद है. शाहिद अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखते हैं. वो शादी-शुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं.
उधर कारोबार सूत्रों के मुताबिक शाहिद बलवा की गिरफ़्तारी एक छोटी घटना है और जाँच एजेंसियों का निशाना दरअसल देश की एक बड़ी कंपनी का प्रमुख है जिसकी कंपनी का नाम भी टेलीकॉम घोटाले में लिया जा रहा है.
जब बीबीसी ने इस पूरे मामले बारे में विनोद गोयनका से बात करने की कोशिश की, तो बताया गया कि वो किसी मीटिंग में व्यस्त हैं. उधर डीबी रिएल्टी ने सभी आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि कंपनी के काम काज पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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