काहिरा की खुशी : कांग्रेस का गम....


- अरविन्द सीसोदिया 
  जो काहिरा में हुआ वह भारत में १९७७ में लोकतान्त्रिक प्रक्रिया से हो चुका है .., १९४७ से १९७७ तक के एक छ्त्र ३० साल के कांग्रेस राज से मुक्ती के लिए भारत की जनता नें , प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए श्रीमती इंदिरा गांधी तक को, उनके लोक सभा क्षेत्र में हरा दिया था ..!! उन्हें लोक सभा से बाहर रखा था ,,!! कांग्रेस को ३० साल के लम्बे शासन के बाद सिंहासन  से उतार दिया था ..!!
मगर.....
   जिन लोगों ने सिंहासन संभाला वे खरे नहीं उतर  सके और ढाई साल बाद कांग्रेस पुनः सत्ता में वापस आ गई ...!! सवाल यह है की कहीर की खुशी भी तभी बरकरार रहेगी जब जनता को स्थाई और सुशासन वे लोग देन जो अब शासन संभालेंगे ..! अन्यथा यह क्रांती भी बेकार जायेगी..!
भारत पर गहरा असर .....
  यह भले ही कहा जाता रहे कि मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के पद छोड़ने का असर भारत पर नहीं होगा .., मगर यह घटना परोछ रूपसे संवेदनशील और परिपक्व भारत पर गहरा असर डालेगी..! भारत की जनता अपेछाकृत शांत और सहन शील अवश्य है ...! मगर उचित समय पर उचित जबाव उसनें हमेसा दिया है ...! कुल मिलकर कांग्रेस को अवश्य परेसानी होनें वाली , इसका गम परोछ रूपसे आप कुछ ही दिनों में महसूस   करेंगें ..!    
-------
पूरी खबर .....
काहिराः मिस्र में पिछले 30 वर्षो से शासन कर रहे राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने आखिरकार शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और सेना को देश की कमान संभालने को कहा। मुबारक के इस्तीफे की घोषणा उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान ने की। बीबीसी के मुताबिक उमर सुलेमान ने सरकारी टेलीविजन पर अपने संक्षिप्त वक्तव्य में कहा, "मुबारक ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।" सरकारी टेलीविजन पर इस घोषणा के साथ ही राजधानी काहिरा के तहरीर चौक पर पिछले 18 दिनों से डटे हजारों प्रदर्शनकारियों ने खुशी का इजहार किया।
काहिरा के तहरीर चौक पर खुशी का माहौल
मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा सुनते ही काहिरा के तहरीर चौक पर खुशी का माहौल है। तहरीर चौक पर लाखों की संख्या में लोग 'मिस्र आजाद, मिस्र आजाद' के नारे लगा रहे हैं। 30 साल से सत्ता में काबिज मुबारक के इस निर्णय का लोगों ने स्वागत किया है।
उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान ने घोषणा करते हुए कहा कि मुबारक अपने परिवार के साथ काहिरा छोड़कर सिनाई के शर्म-अल-शेख विश्रामस्थल चले गए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है।

राष्ट्रपति के जाने की खबर मिलते ही लोगों में खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। प्रदर्शनकारियों में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। लोग बैनर और पोस्टर के साथ तहरीर चौक पर जमा होकर अपनी खुशियों का इजहार करने में जुटे हैं और एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। लोग 'मिस्र आजाद, मिस्र आजाद' के नारे लगा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लाखों की संख्या में लोग गत 25 जनवरी से मुबारक को सत्ता छोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। 18 दिनों के प्रदर्शन और चौतरफा दबावों के चलते मुबारक को आखिरकार सत्ता छोड़नी पड़ी।

वर्ष 1981 से मिस्र की सत्ता पर काबिज मुबारक ने अपने खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बाद कहा था कि वह अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद सितम्बर में अपने पद से हट जाएंगे लेकिन जनता को उनका यह प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ और उन्होंने अपना प्रदर्शन जारी रखा।

इसके बाद मुबारक के इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले दो सप्ताह से देशव्यापी आंदोलन ने जोर पकड़ा। इस जनआंदोलन में आम लोगों के साथ ही श्रम संगठन, वकील और डाक्टर भी कूद पड़े। आंदोलन में सभी वर्गो के लोगों के शामिल हो जाने से मुबारक पर पद छोड़ने का दबाव लगातार बढ़ता गया।

पिछले दो सप्ताह में आंदोलन के बढ़ने के साथ ही मुबारक ने गद्दी बचाने के लिए कई सुधारों और सत्ता हस्तांतरण के लिए संविधान की समीक्षा के लिए समिति गठित करने जैसे कदम उठाने की बात कही लेकिन प्रदर्शनकारी मुबारक के इस्तीफे से कम पर मानने को तैयार नहीं थे।

--------

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

पहले दिन से सुपरफ़ास्ट दौड़ रही है भजनलाल शर्मा सरकार - अरविन्द सिसोदिया cm rajasthan bhajanlal sharma

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग