उम्र विवाद पर जनरल सिंह ने अर्जी : केंद्र सरकार ने अपने आदेश को, वापस ले लिया
- अरविन्द सिसोदिया
थलसेनाध्यक्ष वी के सिंह की उम्र के विवाद में आज तब नया मोड आ गया कि केन्द्र सरकार ने अपने आदेश को वापस ने लिया वहीं सिंह ने भी सर्चोच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले ली, लगता है कि अदालत के बाहर कोई परोक्ष या अपरोक्ष समझौता हो गया है........इस तरह के उम्र विवाद निष्चित ही सरकार के स्तर पर रिकार्ड की सार संभाल और सूचनाओं पर प्रश्न खडे करते हैं।
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उम्र विवाद पर जनरल सिंह ने अर्जी वापस ली
Fri, 10 Feb 2012
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नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह की उम्मीद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने उनकी आयु के मुद्दे पर शुक्रवार को सरकार के फैसले को सही ठहराया। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह 10 मई 1950 को उनकी जन्मतिथि स्वीकार करने संबंधी अपनी प्रतिबद्धता को अस्वीकार नहीं कर सकते। इसके चलते सेना प्रमुख को अपनी याचिका वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इससे पहले आज सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के उम्र विवाद पर सरकार ने शुक्रवार को अपना आदेश वापस ले लिया। गौरतलब है कि आदेश में जनरल की उम्र 10 मई 1950 मानी गई थी। जबकि जनरल का कहना है कि उनकी जन्मतिथि 10 मई 1951 है।
केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने थलसेना अध्यक्ष जनरल वी के सिंह की जन्मतिथि 10 मई, 1950 के बजाय 10 मई, 1951 मानने की वैधानिक शिकायत को खारिज करने के 30 दिसंबर के अपने आदेश को वापस ले लिया है।
सरकार का यह फैसला शीर्ष अदालत की इस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया है कि केंद्र का 30 दिसंबर का आदेश दुर्भावना से ग्रस्त लगता है। हालांकि एटार्नी जनरल जीई वाहनवती ने स्पष्ट किया कि सरकार पिछले साल 21 जुलाई और 22 जुलाई को दिए गए अपने आदेशों पर कायम है जिसमें उम्र विवाद पर जनरल सिंह के अनुरोध को खारिज कर दिया गया था।
जनरल सिंह का कहना है कि उनकी जन्मतिथि 10 मई, 1951 है वहीं रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि जन्मतिथि 10 मई, 1950 मानी जानी चाहिए।
खचाखच भरे अदालत के कक्ष में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों ने थलसेना प्रमुख से कुछ कड़े सवाल करते हुए पूछा कि उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग के रिकार्ड में अपनी जन्मतिथि में सुधार क्यों नहीं कराया जहां वह 10 मई, 1950 दर्ज की गई थी।
अदालत ने कहा कि आईएमए, एनडीए में प्रवेश के दौरान जनरल सिंह के उपलब्ध सभी रिकार्ड में जन्मतिथि 10 मई, 1950 दर्ज थी। अदालत ने यह भी कहा कि जनरल सिंह की जन्मतिथि का प्रारंभिक रिकार्ड यूपीएससी के पास था, जिसने कभी उसमें सुधार नहीं किया।
मामले में सुनवाई शुरू होते समय पीठ ने एटार्नी जनरल से जानना चाहा कि 30 दिसंबर के आदेश के बाबत उन्हें क्या निर्देश मिले हैं। एटार्नी जनरल ने पीठ को बताया कि आदेश के दूसरे हिस्से को वापस लिया जाता है। इस पर पीठ ने कहा कि आप आदेश को वापस ले रहे हैं।''
सालिसिटर जनरल रोहिंटन नरीमन ने जनरल सिंह के तीन पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें उनके निजी अधिकार स्पष्ट तरीके से मिलते रहे हैं।
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सेना प्रमुख ने अर्ज़ी वापस ली,
अदालत में मामला ख़त्मशुक्रवार, 10 फ़रवरी, 2012
सुप्रीम कोर्ट में भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की उम्र का मामला फ़िलहाल ख़त्म हो गया है.अपनी जन्म तिथि से जुड़े विवाद में सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने अपनी अर्ज़ी वापस ले ली है.इससे पहले केंद्र सरकार ने भी क़दम पीछे खींचते हुए अपने 30 दिसंबर के उस आदेश को वापिस ले लिया जिसके तहत वीके सिंह की उस अपील को रद्द किया गया था जिसमें उन्होंने अपनी जन्म तिथि को 10 मई 1950 की बजाए 10 मई, 1951 मानने के लिए कहा था.
जनरल वीके सिंह के वकील ने कहा कि वो इस फ़ैसले से खुश हैं.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा, ''नौकरी के इतने सालों के बाद आने वाले उम्र के अधिकतर विवादों में सुप्रीम कोर्ट या कोई अदालत ज़्यादा महत्व नहीं देती. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ. हालांकि एटॉर्नी जनरल ने यह अवश्य कहा कि सरकार को सेना प्रमुख पर पूरा भरोसा है लेकिन यह तो सरकार पहले ही कह रही थी.'
सरकार ने एक क़दम वापस खींचा
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस शुरु होते ही सरकारी पक्ष ने जानकारी दी कि 30 दिसंबर को जनरल सिंह की उम्र को लेकर सरकार ने जो आदेश जारी किया था, उसे वापिस ले लिया गया है.
इससे पहले की सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार के तरीक़े और निर्णय प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े किए थे.अदालत का कहना था कि इस आदेश को रद्द किया जा सकता है अगर सरकार इसे वापिस नहीं लेगी.
इसके बाद सरकार की ओर से जवाब पेश करने के लिए अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती ने शुक्रवार तक का समय लिया था. उन्होंने कहा कि सरकार अपने 21 और 22 जुलाई के आदेशों पर क़ायम है जिसमें जनरल सिंह की अपील को ख़ारिज किया गया था.ग़ौरतलब है कि उम्र विवाद से नाराज़ भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने सरकार के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.यह पहला मौक़ा था जब देश के किसी सेनाध्यक्ष ने सरकार के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
जनरल वीके सिंह का कहना है कि उनकी जन्म की तारीख़ 10 मई,1951 मानी जाए. उन्होंने इसके पक्ष में कई दस्तावेज़ भी पेश किए थे.लेकिन सेना के एक दस्तावेज में उनकी जन्म की तारीख़ 10 मई 1950 दर्ज थी, जिसके आधार पर इस साल मई में उन्हें सेवानिवृत करने की तैयारी चल रही थी.
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