पाक कब्जे वाले कश्मीर को मुक्त कराया जाए: मोहन भागवत
पाक कब्जे वाले कश्मीर को मुक्त कराया जाए: मोहन भागवत
Wed, 24 Oct 2012
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ [आरएसएस] ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को मुक्त कराने की मांग की है। संघ ने यह भी कहा कि कश्मीर छोड़ने को विवश हुए हिंदुओं की वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाना चाहिए ताकि वह सम्मान से अपने घरों को लौट सकें।
विजयादशमी के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कश्मीर घाटी का उल्लेख करते हुए कहा, पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके को मुक्त कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू, लेह, लद्दाख व कश्मीर घाटी के प्रशासनिक व विकास से जुड़े मामलों में भेदभाव को समाप्त किया जाना चाहिए और सभी इलाकों को देश के अन्य क्षेत्र के समकक्ष लाया जाना चाहिए।
मोहन भागवत ने कहा, कश्मीर छोड़ने पर विवश हुए हिंदूओं की वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाना चाहिए जिससे सम्मान के साथ घाटी में अपने घरों में उनकी वापसी सुनिश्चित की जा सकें।
संघ प्रमुख ने कहा, देश के विभाजन के समय जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में शरण लिया उन लोगों को राज्य की नागरिकता प्रदान की जानी चाहिए। मोहन भागवत ने आरोप लगाते हुए कहा, राज्य व केंद्र में शासन कर रहे सत्ता पसंद राजनीतिक दलों की ओर से राष्ट्रीय हितों से जुड़े विषयों का नजरअंदाज किया जा रहा है और वे लगातार विदेशी ताकतों के दबाव के सामने झुकते रहे हैं।
घुसपैठ की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए मोहन भागवत ने कहा, घुसपैठियों की पहचान कर उनका नाम मतदाता सूची व राशन कार्ड से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के दिशानिर्देशों के तहत एक राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करने की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसमें जन्म स्थान, नागरिकता का जिक्र किया जाएं।
साथ ही संघ प्रमुख ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द ऐसा कानून बनाने की मांग कि जिससे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की अनुमति मिल सकें। मोहन भागवत ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लिए किसी तरह के ढाचे के निर्माण की अनुमति अयोध्या की सास्कृतिक सीमा से बाहर ही दी जानी चाहिए।
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ [आरएसएस] ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को मुक्त कराने की मांग की है। संघ ने यह भी कहा कि कश्मीर छोड़ने को विवश हुए हिंदुओं की वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाना चाहिए ताकि वह सम्मान से अपने घरों को लौट सकें।
विजयादशमी के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कश्मीर घाटी का उल्लेख करते हुए कहा, पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके को मुक्त कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू, लेह, लद्दाख व कश्मीर घाटी के प्रशासनिक व विकास से जुड़े मामलों में भेदभाव को समाप्त किया जाना चाहिए और सभी इलाकों को देश के अन्य क्षेत्र के समकक्ष लाया जाना चाहिए।
मोहन भागवत ने कहा, कश्मीर छोड़ने पर विवश हुए हिंदूओं की वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाना चाहिए जिससे सम्मान के साथ घाटी में अपने घरों में उनकी वापसी सुनिश्चित की जा सकें।
संघ प्रमुख ने कहा, देश के विभाजन के समय जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में शरण लिया उन लोगों को राज्य की नागरिकता प्रदान की जानी चाहिए। मोहन भागवत ने आरोप लगाते हुए कहा, राज्य व केंद्र में शासन कर रहे सत्ता पसंद राजनीतिक दलों की ओर से राष्ट्रीय हितों से जुड़े विषयों का नजरअंदाज किया जा रहा है और वे लगातार विदेशी ताकतों के दबाव के सामने झुकते रहे हैं।
घुसपैठ की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए मोहन भागवत ने कहा, घुसपैठियों की पहचान कर उनका नाम मतदाता सूची व राशन कार्ड से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट के दिशानिर्देशों के तहत एक राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करने की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसमें जन्म स्थान, नागरिकता का जिक्र किया जाएं।
साथ ही संघ प्रमुख ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द ऐसा कानून बनाने की मांग कि जिससे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की अनुमति मिल सकें। मोहन भागवत ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लिए किसी तरह के ढाचे के निर्माण की अनुमति अयोध्या की सास्कृतिक सीमा से बाहर ही दी जानी चाहिए।
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