अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
Movie/Album: हकीकत (1964)
Music By: मदन मोहनLyrics By: कैफ़ी आज़मी
Performed By: मो.रफ़ी
फिल्म हकीकत के गीत
...कैफी आज़मी
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
कर चले हम फ़िदा, जन-ओ-तन साथियों..
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
कर चले हम फ़िदा, जन-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों,
कर चले हम फ़िदा, जन-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों,
साँस थम थी गई, नब्ज़ जम थो गई,
फिर भी बदठे कदम को न रुख ने दिया,
कट गए सर हमारे, थो कुछ गम नहीं,
सर हिमालय का हमने न झुक ने दिया,
मरते मरते रहा बांक पण साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
कर चले हम फ़िदा, जन-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
जिंदा रहेने के मौसम, बहुत है मगर,
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं,
हुस्न और इश्क दोनों को रुसवा करे,
वोह जवानी जो खून में नाहाठी नहीं,
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
कर चले हम फ़िदा, जन-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
राह कुर्बानियों की न वीरान हो,
तुम सजाते ही रहना नए काफिले,
फाथे का जश्न इस जश्न के बाद हैं,
जिंदगी मौत से मिल रही है गले,
बन्द्लो अपने सर से कफ़न साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
कर चले हम फ़िदा, जन-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
खेंच दो अपने खून से ज़मीन पर लकीर,
इस तरह आने ने पाये न रावन कोई,
थोड दो हाथ अगर हाथ उतने लगे,
चुने पाये न सीता का दामन कोई,
राम भी तुम, तुम्ही लक्ष्मण साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
कर चले हम फ़िदा, जन-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों..
अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों॥
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