50 लाख से 300 करोड़ कैसे हो गई रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति ?
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50 लाख से 300 करोड़ कैसे हो गई रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति ?
आईबीएन-7 Oct 05, 2012
सनसनी मचा दी। उसने आरोप लगाया कि वाड्रा ने अपने रसूख का इस्तेमाल करके 50 लाख की पूंजी से महज तीन साल में 300 करोड़ की संपत्ति बना ली। इसमें मशहूर कंस्ट्र्क्शन कंपनी डीएलएफ ने उनकी मदद की। टीम ने इस बात की जांच की मांग की है कि क्या रॉबर्ट वाड्रा को मदद करने के एवज में ही कांग्रेस सरकारों ने डीएलएफ को बड़े पैमाने पर जमीनें आवंटित कीं।
अपने ऐलान के मुताबिक टीम केजरीवाल जब शुक्रवार शाम दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पत्रकारों से मुखातिब हुई तो किसी को अंदाजा नहीं था कि वो इतना बड़ा धमाका करेगी। लेकिन प्रेस कांफ्रेंस शुरू हुई तो निशाने पर थे यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा। टीम ने वाड्रा की कंपनियों से जुड़े दस्तावेजों के आधार पर ही दावा किया कि वाड्रा के पास महज 50 लाख की पूंजी थी, लेकिन उन्होंने तीन साल में तीन सौ करोड़ की संपत्ति जुटा ली। आश्चर्य की बात है कि मशहूर कंस्ट्रक्शन कंपनी डीएलएफ ने वाड्रा को बिना किसी सिक्योरिटी के 65 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त लोन अपनी ही संपत्ति खरीदने के लिए दिया।
टीम केजरीवाल के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा को साकेत के DLF हिल्टन गार्डन होटल में 50 प्रतिशत शेयर सिर्फ 32 करोड़ में मिले जबकि बाजार भाव था 150 करोड़। DLF अरालियास में 10 हजार वर्ग फीट का अपार्टमेंट 2010 में सिर्फ 89 लाख में मिला जबकि बाजार भाव था 20 करोड़। DLF ने वाड्रा को गुड़गांव के मैग्नोलिया अपार्टमेंट में 7 फ्लैट सिर्फ 5.2 करोड़ में दिए जबकि बाजार भाव था करीब 35 करोड़।
टीम केजरीवाल के मुताबिक ये सारी खरीद-फरोख्त रॉबर्ट वाड्रा की पांच कंपनियों के जरिये हुईं जिसमें वाड्रा और उनकी मां डायरेक्टर हैं। प्रियंका गांधी भी पहले डायरेक्टर के पद पर थीं, लेकिन अब उनका कंपनियों से कोई रिश्ता नहीं है। तमाम तथ्यों को सामने रखते हुए टीम ने सवाल किया कि DLF ने वाड्रा को बिना ब्याज के 65 करोड़ का कर्ज क्यों दिया? DLF ने वाड्रा को औने-पौने दाम में संपत्ति क्यों बेची? DLF मैग्नोलिया प्रोजेक्ट, जिसमें वाड्रा को 7 फ्लैट दिए गए, उसे हरियाणा सरकार ने 350 एकड़ जमीन क्यों दी? क्या DLF रॉबर्ट वाड्रा को फायदा पहुंचाकर कांग्रेसी राज्यों में फायदा उठा रही है? रॉबर्ट वाड्रा के धन का स्रोत क्या है? कहीं इसमें काला पैसा तो इस्तेमाल नहीं किया गया ?
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि वाड्रा की कुल पांच कंपनियां हैं जिन्होंने बिजनेस तो कोई नहीं किया लेकिन वो 300 करोड़ की हो गईं। साफ है कि डीएलएफ इन कंपनियों के जरिए वाड्रा को ये रकम देना चाहता था। सवाल है कि ऐसा क्यों? जवाब में टीम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों ने डीएलएफ को बेशकीमती जमीन दी। केजरीवाल ने इशारों-इशारों में इसे एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने का मामला बताया।
टीम केजरीवाल के सदस्य प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि डीएलएफ वाड्रा को अपनी संपत्ति सौंप रहा है और हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान की कांग्रेस सरकारों से फायदा पा रहा है। हम इसकी पूरी जांच की मांग करते हैं।
टीम केजरीवाल ने इन तमाम सवालों के जवाब मांगते हुए सरकार से जांच कराने की मांग की है। साथ ये सवाल भी उठाया है कि आखिर देश के सबसे शक्तिशाली परिवार से जुड़े इन सवालों की जांच कौन सी एजेंसी कर सकती है। जाहिर है, दिल्ली चुनाव में उतरने का फैसला कर चुकी टीम केजरीवाल ने बड़ा राजनीति मोर्चा खोल दिया है। ये लड़ाई किस अंजाम तक पहुंचेगी, इस पर सबकी नजर है।
सनसनी मचा दी। उसने आरोप लगाया कि वाड्रा ने अपने रसूख का इस्तेमाल करके 50 लाख की पूंजी से महज तीन साल में 300 करोड़ की संपत्ति बना ली। इसमें मशहूर कंस्ट्र्क्शन कंपनी डीएलएफ ने उनकी मदद की। टीम ने इस बात की जांच की मांग की है कि क्या रॉबर्ट वाड्रा को मदद करने के एवज में ही कांग्रेस सरकारों ने डीएलएफ को बड़े पैमाने पर जमीनें आवंटित कीं।
अपने ऐलान के मुताबिक टीम केजरीवाल जब शुक्रवार शाम दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पत्रकारों से मुखातिब हुई तो किसी को अंदाजा नहीं था कि वो इतना बड़ा धमाका करेगी। लेकिन प्रेस कांफ्रेंस शुरू हुई तो निशाने पर थे यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा। टीम ने वाड्रा की कंपनियों से जुड़े दस्तावेजों के आधार पर ही दावा किया कि वाड्रा के पास महज 50 लाख की पूंजी थी, लेकिन उन्होंने तीन साल में तीन सौ करोड़ की संपत्ति जुटा ली। आश्चर्य की बात है कि मशहूर कंस्ट्रक्शन कंपनी डीएलएफ ने वाड्रा को बिना किसी सिक्योरिटी के 65 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त लोन अपनी ही संपत्ति खरीदने के लिए दिया।
टीम केजरीवाल के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा को साकेत के DLF हिल्टन गार्डन होटल में 50 प्रतिशत शेयर सिर्फ 32 करोड़ में मिले जबकि बाजार भाव था 150 करोड़। DLF अरालियास में 10 हजार वर्ग फीट का अपार्टमेंट 2010 में सिर्फ 89 लाख में मिला जबकि बाजार भाव था 20 करोड़। DLF ने वाड्रा को गुड़गांव के मैग्नोलिया अपार्टमेंट में 7 फ्लैट सिर्फ 5.2 करोड़ में दिए जबकि बाजार भाव था करीब 35 करोड़।
टीम केजरीवाल के मुताबिक ये सारी खरीद-फरोख्त रॉबर्ट वाड्रा की पांच कंपनियों के जरिये हुईं जिसमें वाड्रा और उनकी मां डायरेक्टर हैं। प्रियंका गांधी भी पहले डायरेक्टर के पद पर थीं, लेकिन अब उनका कंपनियों से कोई रिश्ता नहीं है। तमाम तथ्यों को सामने रखते हुए टीम ने सवाल किया कि DLF ने वाड्रा को बिना ब्याज के 65 करोड़ का कर्ज क्यों दिया? DLF ने वाड्रा को औने-पौने दाम में संपत्ति क्यों बेची? DLF मैग्नोलिया प्रोजेक्ट, जिसमें वाड्रा को 7 फ्लैट दिए गए, उसे हरियाणा सरकार ने 350 एकड़ जमीन क्यों दी? क्या DLF रॉबर्ट वाड्रा को फायदा पहुंचाकर कांग्रेसी राज्यों में फायदा उठा रही है? रॉबर्ट वाड्रा के धन का स्रोत क्या है? कहीं इसमें काला पैसा तो इस्तेमाल नहीं किया गया ?
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि वाड्रा की कुल पांच कंपनियां हैं जिन्होंने बिजनेस तो कोई नहीं किया लेकिन वो 300 करोड़ की हो गईं। साफ है कि डीएलएफ इन कंपनियों के जरिए वाड्रा को ये रकम देना चाहता था। सवाल है कि ऐसा क्यों? जवाब में टीम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों ने डीएलएफ को बेशकीमती जमीन दी। केजरीवाल ने इशारों-इशारों में इसे एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने का मामला बताया।
टीम केजरीवाल के सदस्य प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि डीएलएफ वाड्रा को अपनी संपत्ति सौंप रहा है और हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान की कांग्रेस सरकारों से फायदा पा रहा है। हम इसकी पूरी जांच की मांग करते हैं।
टीम केजरीवाल ने इन तमाम सवालों के जवाब मांगते हुए सरकार से जांच कराने की मांग की है। साथ ये सवाल भी उठाया है कि आखिर देश के सबसे शक्तिशाली परिवार से जुड़े इन सवालों की जांच कौन सी एजेंसी कर सकती है। जाहिर है, दिल्ली चुनाव में उतरने का फैसला कर चुकी टीम केजरीवाल ने बड़ा राजनीति मोर्चा खोल दिया है। ये लड़ाई किस अंजाम तक पहुंचेगी, इस पर सबकी नजर है।
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केजरीवाल का आरोप, रॉबर्ट वाड्रा ने चार साल में बनाए 300 करोड़
Dainikbhaskar.com | Oct 05, 2012,
नई दिल्ली. राजनीति में कूदने का ऐलान
कर चुके अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों ने गांधी परिवार पर जमकर हमला
बोला है। केजरीवाल ने इस बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद
रॉबर्ट वाड्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पेशे से बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा
प्रियंका गांधी के पति हैं।
केजरीवाल और उनके साथियों ने शुक्रवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में
कहा कि रॉबर्ट ने चार सालों में करीब 300 करोड़ की संपत्ति बनाई है। उनका
कहना है कि 2007 से 2010 के बीच वाड्रा की संपत्ति 50 लाख से 300 करोड़ हो
गई। टीम केजरीवाल ने पांच आरोप और इतने ही सवाल उठाए।
टीम केजरीवाल के पांच आरोप : 1. डीएलएफ ने वाड्रा को बिना
ब्याज के 65 करोड़ रुपये दिए। 2. वाड्रा को हिल्टन गार्डन इन, दिल्ली
में 150 करोड़ का हिस्सा 32 करोड़ में दिया गया। 3. डीएलएफ मैग्नोलिया
में सात फ्लैट दिए गए। पांच करोड़ 20 लाख में दिए गए जबकि बाजार भाव 35 से
70 करोड़ रुपये है। 4. डीएलएफ अरालियाज में 25 करोड़ का फ्लैट 79 लाख में
दिया गया। 5. डीएलएफ अरालियाज में 10 हजार वर्ग फुट का पेंट हाउस लिया।
टीम केजरीवाल के पांच सवाल : 1. डीएलएफ ने वाड्रा को बिना कर्ज
के ब्याज क्यों दिया? 2. डीएलएफ ने इतनी सारी संपत्ति वाड्रा को कौडियों
के दाम पर क्यों दी? 3. क्या डीएलएफ वाड्रा पर इसलिए मेहरबानी कर रहा है
कि उसे कांग्रेस की सत्ता वाली दिल्ली और हरियाणा सरकार के जरिये फायदा
पहुंचाया गया? 4. क्या प्रॉपर्टी से जुड़ी इन सभी डील्स में कांग्रेस का
काला धन लगाया गया है? 5. इन डील्स की तहकीकात कौन करेगा?
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