नरेंद्र मोदी ने संभाली मिशन 2014 की कमान




नरेंद्र मोदी ने संभाली मिशन 2014 की अघोषित कमान
Sun, 03 Mar 201
नई दिल्ली [आशुतोष झा]।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर केंद्रीय भाजपा में जो भी असमंजस हो, मोदी ने खुद ही अघोषित रूप से मिशन 2014 की कमान संभाल ली है। खचाखच भरे दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पिछले तीन दिन में कार्यकार्ताओं ने भी उनकी भावी भूमिका के लिए बेलौस समर्थन जता दिया है। रविवार को मोदी ने अपने संवाद में सपने भी दिखाए और उन्हें साकार करने का भरोसा भी दिया। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व को भी याद दिला दी कि 'परिवर्तन के लिए देश चल पड़ा है। अब संख्या का आकलन छोड़ आगे बढ़ना होगा।'
रविवार 03/03/2013 को खत्म हुई परिषद की बैठक में न तो लोकसभा चुनाव के लिए नेतृत्व पर चर्चा होनी थी और न ही किसी रूप में हुई, लेकिन मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि वह सबसे आगे खड़े होकर चुनावी नेतृत्व के लिए तैयार हैं। संकेतों में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए 'नेतृत्व की क्षमता' की याद भी दिलाई और आगाह कर दिया कि देश की जनता को निराश करने का अधिकार हमें नहीं है। इस पर कार्यकर्ताओं ने तालियों से उनका समर्थन कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा में लक्ष्य को अहमियत दी जाती है, व्यक्ति या नेता को नहीं।
अपने लंबे भाषण में मोदी ने नेता का हर रूप दिखाया। खुद के अभिनंदन के लिए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को धन्यवाद देते हुए भावुक हुए, कांग्रेस पर हमला करते वक्त कठोर, तो भविष्य की आशा दिखाते हुए थोड़े दार्शनिक। पहले तो खुद की जीत को पार्टी व कार्यकर्ताओं पर न्योछावर किया और फिर कुशल नेता की तरह गरजकर कहा, 'हमारे [भाजपा] रहते हिंदुस्तान के तख्त पर ऐसी सरकार रहे जिसे जनता की नब्ज और संवेदना की फिक्र नहीं, यह हमें मंजूर नहीं है।' युवाओं, महिलाओं, मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस एक परिवार के हित पर देश हित कुर्बान करती रही। अब भाजपा की जिम्मेदारी है कि देश को इनसे मुक्त कराए। भाजपा मिशन के लिए काम करती है, जबकि कांग्रेस कमीशन के लिए। यही मंत्र देश की हर जनता को समझाना होगा कि कांग्रेस से मुक्ति के बाद ही सुराज मिलेगा।
मोदी ने कहा कि देश में विकास चर्चा का मुद्दा बना है तो सिर्फ भाजपा सरकारों की वजह से। अब कार्यकर्ताओं को देश की जनता तक यह भरोसा पहुंचाना होगा कि उनके सपने और आकांक्षाओं को भाजपा ही पूरी कर सकती है। 'जनता को बताना होगा कि वह एक कदम आगे बढ़ें, हम उनके साथ हैं।' मोदी के नाम पर राजग में उभरे विवाद का जिक्र किए बगैर उन्होंने कहा, 'सीटों की संख्या का आकलन करने का वक्त नहीं है। हम चलें न चलें देश चल पड़ा है। हमें उसके साथ आगे बढ़ना होगा।'
मोदी का यह बयान इसलिए खासा महत्व रखता है, क्योंकि पार्टी के अंदर खुद लालकृष्ण आडवाणी ने भी वृहत राजग बनाने की बात की है। भाजपा के दो मुख्यमंत्री रमन सिंह व शिवराज सिंह चौहान भी हैट्रिक लगाने की कगार पर हैं और पार्टी के अंदर मोर्चे बंटे हैं। ऐसे में उन्होंने बड़ी लकीर खींचने की कोशिश की। यही कारण था कि रमन सिंह और शिवराज का भाषण जहां अपने-अपने राज्यों पर केंद्रित रहा, मोदी ने केवल केंद्र और केंद्र में सरकार बनाने की बात की। राज्य के विकास की बात की भी तो उसे अमेरिका, जर्मनी जैसे विकसित देशों से जोड़ दिया।

खरी-खरी
-कांग्रेस में परिक्रमा है संस्कार, परिवार का हित सबसे ऊपर
-सीताराम केसरी और मनमोहन सिंह कांग्रेस के नाइट वाचमैन
-प्रणब मुखर्जी पीएम होते तो देश के लिए ज्यादा अच्छा होता
-लाल बहादुर शास्त्री ने दिखाया था कमाल
-कांग्रेस फॉर कमीशन, भाजपा फॉर मिशन
-कांग्रेस से मुक्ति के बाद मिलेगा सुराज
-भाजपा कार्यकर्ताओं का पसीना नष्ट करेगा कांग्रेस का दीमक
-अंधेरा घना है, पर दीपक जलाना कब मना है
-भाजपा में व्यक्ति या नेता से ज्यादा अहम है लक्ष्य

अल्पसंख्यकों का भी दिल जीते भाजपा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी से राजग के विस्तार के साथ अल्पसंख्यकों का भी विश्वास हासिल करने की अपील की है। भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक के समापन संबोधन में उन्होंने कहा कि अपने विकास और सुशासन के मसौदे में पार्टी को अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर भी रू-ब-रू होना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की हार की याद दिलाते हुए 'एकता और सक्रियता' का मंत्र दिया। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बूथ कमेटी के लिए एक महीने का समय मुकर्रर कर दिया।
तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय परिषद में राजनीतिक प्रस्ताव राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद ने रखा। बाद में सुषमा ने उसे आगे बढ़ाते हुए कहा कि जीत चुनावी हवा और बूथ के प्रबंधन पर होती है। हिमाचल और उत्तराखंड में यह दिख गया जब विकास के बावजूद भाजपा हार गई। अब पांच राज्यों के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की चुनौती सामने खड़ी है। लिहाजा एकता और सक्रियता के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में फिर भाजपा सरकार बनेगी। वहीं, राजस्थान और दिल्ली में भाजपा कांग्रेस से सत्ता छीनेगी। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ ने सभी प्रदेश अध्यक्षों को ताकीद कर दी कि एक महीने के अंदर बूथ लेवल कमेटी तैयार कर लें। उसमें पूरा विवरण होना चाहिए ताकि केंद्रीय कार्यालय में बैठा व्यक्ति भी चाहे तो देश के किसी भी कोने के बूथ कार्यकर्ता से बात कर सके। राजनाथ ने अनुशासन की याद दिलाते हुए कहा कि मर्यादा का ख्याल रखकर ही पार्टी को आगे बढ़ाया जा सकता है। भाजपा पार्टी विद डिफरेंस है और सभी को इसके अनुरूप ही काम करना होगा।
बाद में आडवाणी ने संबोधन में चुनौतियों की बात करते हुए कहा कि राजग का आकार सिकुड़ रहा है। जरूरत है कि उसे बढ़ाएं। अपने सुशासन के एजेंडे में अल्पसंख्यकों की जरूरतों को शामिल करना होगा। मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि हाल में जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद के नेता महमूद मदनी ने भाजपा सरकार की प्रशंसा की है। वहीं राज्य के जामनगर में मुस्लिमों ने कांग्रेस से पल्ला झाड़ते हुए भाजपा पर भरोसा जताया है। वहां 27 में 25 नगरपालिका की सीटें भाजपा उम्मीदवारों ने जीती हैं।

नई दिल्ली [आशुतोष झा]। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर केंद्रीय भाजपा में जो भी असमंजस हो, मोदी ने खुद ही अघोषित रूप से मिशन 2014 की कमान संभाल ली है। खचाखच भरे दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पिछले तीन दिन में कार्यकार्ताओं ने भी उनकी भावी भूमिका के लिए बेलौस समर्थन जता दिया है। रविवार को मोदी ने अपने संवाद में सपने भी दिखाए और उन्हें साकार करने का भरोसा भी दिया। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व को भी याद दिला दी कि 'परिवर्तन के लिए देश चल पड़ा है। अब संख्या का आकलन छोड़ आगे बढ़ना होगा।'
रविवार को खत्म हुई परिषद की बैठक में न तो लोकसभा चुनाव के लिए नेतृत्व पर चर्चा होनी थी और न ही किसी रूप में हुई, लेकिन मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि वह सबसे आगे खड़े होकर चुनावी नेतृत्व के लिए तैयार हैं। संकेतों में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए 'नेतृत्व की क्षमता' की याद भी दिलाई और आगाह कर दिया कि देश की जनता को निराश करने का अधिकार हमें नहीं है। इस पर कार्यकर्ताओं ने तालियों से उनका समर्थन कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा में लक्ष्य को अहमियत दी जाती है, व्यक्ति या नेता को नहीं।
अपने लंबे भाषण में मोदी ने नेता का हर रूप दिखाया। खुद के अभिनंदन के लिए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को धन्यवाद देते हुए भावुक हुए, कांग्रेस पर हमला करते वक्त कठोर, तो भविष्य की आशा दिखाते हुए थोड़े दार्शनिक। पहले तो खुद की जीत को पार्टी व कार्यकर्ताओं पर न्योछावर किया और फिर कुशल नेता की तरह गरजकर कहा, 'हमारे [भाजपा] रहते हिंदुस्तान के तख्त पर ऐसी सरकार रहे जिसे जनता की नब्ज और संवेदना की फिक्र नहीं, यह हमें मंजूर नहीं है।' युवाओं, महिलाओं, मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस एक परिवार के हित पर देश हित कुर्बान करती रही। अब भाजपा की जिम्मेदारी है कि देश को इनसे मुक्त कराए। भाजपा मिशन के लिए काम करती है, जबकि कांग्रेस कमीशन के लिए। यही मंत्र देश की हर जनता को समझाना होगा कि कांग्रेस से मुक्ति के बाद ही सुराज मिलेगा।
मोदी ने कहा कि देश में विकास चर्चा का मुद्दा बना है तो सिर्फ भाजपा सरकारों की वजह से। अब कार्यकर्ताओं को देश की जनता तक यह भरोसा पहुंचाना होगा कि उनके सपने और आकांक्षाओं को भाजपा ही पूरी कर सकती है। 'जनता को बताना होगा कि वह एक कदम आगे बढ़ें, हम उनके साथ हैं।' मोदी के नाम पर राजग में उभरे विवाद का जिक्र किए बगैर उन्होंने कहा, 'सीटों की संख्या का आकलन करने का वक्त नहीं है। हम चलें न चलें देश चल पड़ा है। हमें उसके साथ आगे बढ़ना होगा।'
मोदी का यह बयान इसलिए खासा महत्व रखता है, क्योंकि पार्टी के अंदर खुद लालकृष्ण आडवाणी ने भी वृहत राजग बनाने की बात की है। भाजपा के दो मुख्यमंत्री रमन सिंह व शिवराज सिंह चौहान भी हैट्रिक लगाने की कगार पर हैं और पार्टी के अंदर मोर्चे बंटे हैं। ऐसे में उन्होंने बड़ी लकीर खींचने की कोशिश की। यही कारण था कि रमन सिंह और शिवराज का भाषण जहां अपने-अपने राज्यों पर केंद्रित रहा, मोदी ने केवल केंद्र और केंद्र में सरकार बनाने की बात की। राज्य के विकास की बात की भी तो उसे अमेरिका, जर्मनी जैसे विकसित देशों से जोड़ दिया।
खरी-खरी
-कांग्रेस में परिक्रमा है संस्कार, परिवार का हित सबसे ऊपर
-सीताराम केसरी और मनमोहन सिंह कांग्रेस के नाइट वाचमैन
-प्रणब मुखर्जी पीएम होते तो देश के लिए ज्यादा अच्छा होता
-लाल बहादुर शास्त्री ने दिखाया था कमाल
-कांग्रेस फॉर कमीशन, भाजपा फॉर मिशन
-कांग्रेस से मुक्ति के बाद मिलेगा सुराज
-भाजपा कार्यकर्ताओं का पसीना नष्ट करेगा कांग्रेस का दीमक
-अंधेरा घना है, पर दीपक जलाना कब मना है
-भाजपा में व्यक्ति या नेता से ज्यादा अहम है लक्ष्य
अल्पसंख्यकों का भी दिल जीते भाजपा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी से राजग के विस्तार के साथ अल्पसंख्यकों का भी विश्वास हासिल करने की अपील की है। भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक के समापन संबोधन में उन्होंने कहा कि अपने विकास और सुशासन के मसौदे में पार्टी को अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर भी रू-ब-रू होना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की हार की याद दिलाते हुए 'एकता और सक्रियता' का मंत्र दिया। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बूथ कमेटी के लिए एक महीने का समय मुकर्रर कर दिया।
तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय परिषद में राजनीतिक प्रस्ताव राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद ने रखा। बाद में सुषमा ने उसे आगे बढ़ाते हुए कहा कि जीत चुनावी हवा और बूथ के प्रबंधन पर होती है। हिमाचल और उत्तराखंड में यह दिख गया जब विकास के बावजूद भाजपा हार गई। अब पांच राज्यों के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की चुनौती सामने खड़ी है। लिहाजा एकता और सक्रियता के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में फिर भाजपा सरकार बनेगी। वहीं, राजस्थान और दिल्ली में भाजपा कांग्रेस से सत्ता छीनेगी। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ ने सभी प्रदेश अध्यक्षों को ताकीद कर दी कि एक महीने के अंदर बूथ लेवल कमेटी तैयार कर लें। उसमें पूरा विवरण होना चाहिए ताकि केंद्रीय कार्यालय में बैठा व्यक्ति भी चाहे तो देश के किसी भी कोने के बूथ कार्यकर्ता से बात कर सके। राजनाथ ने अनुशासन की याद दिलाते हुए कहा कि मर्यादा का ख्याल रखकर ही पार्टी को आगे बढ़ाया जा सकता है। भाजपा पार्टी विद डिफरेंस है और सभी को इसके अनुरूप ही काम करना होगा।
बाद में आडवाणी ने संबोधन में चुनौतियों की बात करते हुए कहा कि राजग का आकार सिकुड़ रहा है। जरूरत है कि उसे बढ़ाएं। अपने सुशासन के एजेंडे में अल्पसंख्यकों की जरूरतों को शामिल करना होगा। मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि हाल में जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद के नेता महमूद मदनी ने भाजपा सरकार की प्रशंसा की है। वहीं राज्य के जामनगर में मुस्लिमों ने कांग्रेस से पल्ला झाड़ते हुए भाजपा पर भरोसा जताया है। वहां 27 में 25 नगरपालिका की सीटें भाजपा उम्मीदवारों ने जीती हैं।
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