हैदराबाद धमाके का आरोपी मंजर इमाम गिरफ्तार
हैदराबाद धमाके का आरोपी मंजर इमाम गिरफ्तार
रांची [जासं]। बीते माह हैदराबाद और पूर्व के गुजरात में हुए धमाकों के आरोपी मंजर इमाम उर्फ जमील उर्फ अबू हनीफा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] ने 04 / 03 / 2013 सोमवार की सुबह रांची के कांके से गिरफ्तार कर लिया। उस पर आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] से जुड़े होने का भी आरोप है।
मंजर मूल रूप से रांची के बरियातू का निवासी है। वह कांके में छिपकर रह रहा था। सोमवार 04 / 03 / 2013 को कड़ी सुरक्षा में उसे कांके से सिविल कोर्ट में पेश किया गया। यहां से पांच दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर एनआइए की टीम उसे लेकर केरल चली गई। मंजर के पास से एक लाख रुपये नकद, एक लैपटॉप व एक मोबाइल बरामद किया गया है। लैपटॉप के बारे में मंजर ने पूछताछ पर बताया कि वह इसी के माध्यम से अपने साथियों से जुड़ा हुआ था।
मंजर की गिरफ्तारी हैदराबाद के कोट्टायम जिले के एनआइए थाना क्षेत्र में दर्ज मामले के तहत हुई है। यह कांड 2007 में केरल में आतंकी संगठन सिमी की बैठक से संबंधित है, जिसमें आरोप है कि मंजर ने उक्त बैठक में आतंकी प्रशिक्षण लिया था। इसी बैठक के बाद देश के कई हिस्सों में 2008 में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इस कांड में 2012 के अगस्त में एनआइए ने मंजर के बरियातू स्थित आवास पर इश्तेहार चिपका था। अक्टूबर 2012 में एनआइए ने मंजर की संपत्ति का आकलन करने को कहा था, ताकि उसके आवास की कुर्की की जा सके, लेकिन उससे पहले ही वह गिरफ्तार कर लिया गया। मालूम हो कि मंजर स्नातकोत्तर का गोल्ड मेडलिस्ट रहा है।
मंजर गुजरात की सूरत सिटी में बम प्लांट करने में वांछित अभियुक्त है। पूर्व में गिरफ्तार उसके साथी दानिश के बयान पर मंजर के खिलाफ वारंट निकला था। जुलाई 2012 में मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट के बाद एनआइए की टीम उसकी तलाश में रांची पहुंची थी। पिछले माह हैदराबाद में हुए धमाकों में मंजर के शामिल होने की बात सामने आ चुकी है। हैदराबाद धमाकों में 16 लोगों की जान गई थी सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
2008 से कसने लगा था शिकंजा
वर्ष 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट के बाद आइएम का हाथ सामने आया था। इसके आतंकियों में से दो के रांची के होने की बात सामने आई थी, जिसमें एक दानिश और दूसरा मंजर बताया गया था। जून 2011 में दानिश रियाज उर्फ शाकिन उर्फ अफाक इकबाल को बड़ोदरा में पकड़ा गया था। बरियातू का दानिश हैदराबाद में एक आइटी कंपनी में कार्यरत था। पता चला कि दानिश ने रांची के इमामुद्दीन नामक व्यक्ति के सहयोग से रांची के 24 युवाओं को आइएम से जोड़ा था। उसे यह जिम्मा संगठन के सरगना अब्दुल सुभान उर्फ तौकिर ने सौंपा था। मंजर दानिश के सबसे करीबियों में था।
हैदराबाद धमाकों की जांच एनआइए के हवाले
हैदराबाद। यहां के दिलसुख नगर में ताबड़तोड़ हुए दो बम धमाकों में अब तक कोई सुराग नहीं मिलने पर आंध्र प्रदेश सरकार ने मामले की जांच आखिरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] को सौंप दी। 21 फरवरी को हुए इस आतंकी घटना में 16 लोगों की मौत और सौ से ज्यादा घायल हो गए थे।
राज्य की गृह मंत्री पी. सबिता रेड्डी ने बताया कि मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में मामले की जांच एनआइए को सौंपने का फैसला किया गया। आंध्र सरकार ने यह कदम केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस पत्र के तीन दिन बाद उठाया जिसमें इस मामले को केंद्रीय आतंक रोधी एजेंसी को सौंपने को कहा गया था। हालांकि, इस मामले की जांच के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा गठित विशेष टीमों ने दावा किया था कि उन्हें धमाके से जुड़े कुछ महत्वपुर्ण सुराग हाथ लगे हैं। वहीं, एनआइए इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकी सैयद मकबूल और इमरान खान को दिल्ली के तिहाड़ जेल से हैदराबाद लाकर लगातार पूछताछ कर रही है। आरोप है कि इन दोनों ने हैदराबाद के दिलसुख नगर समेत कई भीड़-भाड़ वाले इलाकों की रेकी की थी।
एक अन्य घटनाक्रम में पुलिस ने कर्नाटक [बिदर] के तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। ये सभी बेगमपेट इलाके के चिकोटी बाग के समीप संदिग्ध स्थिति में घूम रहे थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक इन तीनों ने दावा किया था कि वे इंजीनियरिंग के छात्र हैं और यहां इंटरव्यू देने के सिलसिले में आए हैं। लेकिन, इस बाबत वे कोई सुबूत पेश नहीं कर सके।
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