पाकिस्तानी संसद में अफजल की फांसी की निंदा
पाकिस्तान की संसद ने अफजल गुरू की फांसी की निंदा करके यह साबित कर दिया कि वह भारत की संसद पर आतंकी हमले में सम्मिलित था। पाकिस्तान का दुस्साहस तो यह किया कि खुले आम भारत के आंतरिक मामले में भी हस्तक्षेप किया। मगर भारत सरकार पर तरस आता है कि वह डरे और दुम दवाये की तरह सिट्टी पिट्टी गुम किये हुये है।
पाकिस्तानी संसद में अफजल की फांसी की निंदा
पाकिस्तान की संसद ने भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के खिलाफ गुरुवार को प्रस्ताव पारित किया और उसके शव को परिवार के सुपुर्द करने की मांग की.
पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से दो दिन पहले अफजल की फांसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया.
यह प्रस्ताव जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान की ओर से पेश किया गया. इस प्रस्ताव में अफजल को फांसी दिए जाने की निंदा करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में पैदा हुई स्थिति पर चिंता जताई गई है.
पाकिस्तानी संसद के इस सदन ने मांग की है कि अफजल के शव को उसके परिवार के सुपुर्द किया जाए. उसे पिछले महीने दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी. अफजल की फांसी को लेकर जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन हुए. पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों ने इसका बदला लेने की धमकी दी थी.
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