अफ्रीका में विश्व की सबसे ऊंची अर्धनारीश्वर शिव प्रतिमा का अनावरण
अफ्रीका में विश्व की सबसे ऊंची अर्धनारीश्वर शिव प्रतिमा का अनावरण
Sun, 10 Mar 2013
जोहांसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका में दुनिया की सबसे ऊंची शिव-शक्ति की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। शिव हिंदुओं के आराध्य देव हैं और शक्ति उनकी अर्धागिनी हैं। बीस मीटर ऊंची इस प्रतिमा को बनाने में करीब 90 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। प्रतिमा में आधी आकृति शिव की है और आधी मां शक्ति की।
भारत से आए दस कलाकारों ने दस महीने की कड़ी मेहनत के बाद इस प्रतिमा को तैयार किया है। यह प्रतिमा बेनोनी शहर के एकटोनविले में स्थापित की गई है। बेनोनी तमिल स्कूल बोर्ड की चेयरमैन कार्थी मुत्थुसामी ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में मौजूदा समय में महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी आ रही है। समुदाय के तौर पर हम शक्ति को एक नारी और मां होने के नाते सम्मान देना चाहते हैं। इससे समाज में महिला पुरुष की बराबरी का संदेश जाएगा।' मुत्थुसामी ने बताया कि तीन साल पहले मारीशस की यात्रा के दौरान उन्होंने ऐसी मूर्ति देखी थी, जिसके बाद वह इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित हुई। तमिल फेडरेशन ऑफ गौतेंग के अध्यक्ष नडास पिल्लई ने कहा कि यह प्रतिमा हमेशा लोगों को याद दिलाएगी कि उन्हें निजी स्वार्थ से पहले दूसरों के बारे में सोचना चाहिए।
जोहांसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका में दुनिया की सबसे ऊंची शिव-शक्ति की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। शिव हिंदुओं के आराध्य देव हैं और शक्ति उनकी अर्धागिनी हैं। बीस मीटर ऊंची इस प्रतिमा को बनाने में करीब 90 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। प्रतिमा में आधी आकृति शिव की है और आधी मां शक्ति की।
भारत से आए दस कलाकारों ने दस महीने की कड़ी मेहनत के बाद इस प्रतिमा को तैयार किया है। यह प्रतिमा बेनोनी शहर के एकटोनविले में स्थापित की गई है। बेनोनी तमिल स्कूल बोर्ड की चेयरमैन कार्थी मुत्थुसामी ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका में मौजूदा समय में महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी आ रही है। समुदाय के तौर पर हम शक्ति को एक नारी और मां होने के नाते सम्मान देना चाहते हैं। इससे समाज में महिला पुरुष की बराबरी का संदेश जाएगा।' मुत्थुसामी ने बताया कि तीन साल पहले मारीशस की यात्रा के दौरान उन्होंने ऐसी मूर्ति देखी थी, जिसके बाद वह इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित हुई। तमिल फेडरेशन ऑफ गौतेंग के अध्यक्ष नडास पिल्लई ने कहा कि यह प्रतिमा हमेशा लोगों को याद दिलाएगी कि उन्हें निजी स्वार्थ से पहले दूसरों के बारे में सोचना चाहिए।
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