कोलगेट घोटाला : एडि‍शनल सॉलि‍सि‍टर जनरल ने दिया इस्‍तीफा, जाएगी कानून मंत्री की कुर्सी ?





एडि‍शनल सॉलि‍सि‍टर जनरल ने दिया इस्‍तीफा, जाएगी कानून मंत्री की कुर्सी ?
dainikbhaskar.com  |  Apr 30, 2013,

नई दि‍ल्‍ली. कोलगेट घोटाले में घिरी यूपीए सरकार की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। अटॉर्नी जनरल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाले  एडिशनल सॉलिसिटर जनरल हरेन रावल ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। सरकार के कहने पर इस्‍तीफा देने वाले रावल की जगह यू यू ललित की नियुक्ति की गई है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामे पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और जांच एजेंसी की जमकर खिंचाई की। सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे को परेशान करने वाला और चौंकाने वाला बताते हुए नाराजगी जाहि‍र की। हरेन रावल के लेटर बम पर लोकसभा में जमकर हंगामा भी हुआ। वि‍पक्ष ने प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के इस्‍तीफे की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्‍पणी के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने पीएम मनमोहन सिंह से मुलाकात की। पीएम ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट की टिप्‍पणी का अध्‍ययन कर रहे हैं। इसके बाद ही वह जरूरी कदम उठाएंगे। कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी पीएम से मुलाकात की। सवाल यह उठ रहा है कि क्‍या कानून मंत्री की कुर्सी जाएगी? अश्विनी कुमार से जब पत्रकारों ने कोर्ट की टिप्‍पणी पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्‍होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
लोकसभा में बीजेपी की नेता सुषमा स्‍वराज ने यूपीए-2 की सरकार को आजाद भारत की सबसे भ्रष्‍ट सरकार करार दिया है और वि‍त्‍त वि‍धेयक पर बीजेपी ने वाकआउट कर दि‍या। (सुषमा का सोनिया पर वार, स्‍पीकर का करेंगी बहिष्‍कार) कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी अदालत के फैसलों पर टिप्‍पणी नहीं की है। वैसे, आज की टिप्‍पणी को अदालत का फैसला कहना सही नहीं होगा। अगर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुनाता है तो सरकार पूरे सम्‍मान के साथ उसपर अमल करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के हलफनामे पर नाराजगी जाहि‍र करते हुए कहा कि इस मामले में कोर्ट को अंधेरे में रखा गया। जस्‍टि‍स आरएम लोढ़ा ने मामले की सुनवाई शुरू करते ही हलफनामे पर सीबीआई के वकील यूयू ललि‍त पर नाराजगी जाहि‍र करनी शुरू कर दी। जस्‍टि‍स लोढ़ा ने कहा कि सीबीआई को राजनीति‍क चंगुल से छुड़ाना है। सीबीआई राजनीति‍क आकाओं से आदेश न ले। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब 8 मार्च को स्‍टेटस रि‍पोर्ट बनाई गई थी तो कोर्ट को यह क्‍यों नहीं बताया कि कानून मंत्री को यह रि‍पोर्ट दि‍खाई गई थी। 26 को कानून मंत्री को यह रि‍पोर्ट दि‍खाई गई थी। लेकि‍न यह नहीं बताया कि इसमें क्‍या बदलाव कि‍ए गए थ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह से कोर्ट को अंधेरे में रखा गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए चार सवाल पूछे हैं जि‍नका जवाब सभी पक्षों को देना है। सीबीआई के वकील यूयू ललि‍त ने कोर्ट में कहा कि वह इन सवालों का जवाब अभी देने की स्‍थि‍ति में हैं पर फि‍र भी उन्‍हें दो दि‍न का वक्‍त दि‍या जाए। वहीं कोर्ट ने कहा कि जो हलफनामा साझा कि‍या गया, उससे मामले की पूरी प्रक्रि‍या पर असर पड़ा। रि‍पोर्ट दि‍खाने के मामले में सरकारी वकीलों ने भी झूठ बोला। कोर्ट ने सीबीआई को सोमवार को नया हलफनामा देने को कहा है। सीबीआई के डायरेक्‍टर रंजीत सिन्‍हा ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्‍पणी पर कहा कि इसमें अफसोस करने लायक कुछ भी नहीं है। अब यह मामला सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच है। सीबीआई डायरेक्‍टर ने कहा, 'मैं भी सरकार का अंग हूं। मैं अपनी बात 6 मई को सुप्रीम कोर्ट में रखूंगा।'

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