किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं भजन (Kisi Ke Kam Jo Aaye Use Insan Kahte Hai) किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं । पराया दर्द अपनाये, उसे इन्सान कहते हैं ॥ कभी धनवान है कितना, कभी इन्सान निर्धन है । कभी सुख है, कभी दुःख है, इसी का नाम जीवन है ॥ जो मुश्किल में न घबराये, उसे इन्सान कहते हैं ॥ किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं । पराया दर्द अपनाये, उसे इन्सान कहते हैं ॥ यह दुनियाँ एक उलझन है, कहीं धोखा कहीं ठोकर । कोई हँस-हँस के जीता है, कोई जीता है रो-रोकर ॥ जो गिरकर फिर सँभल जाये, उसे इन्सान कहते हैं ॥ किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं । पराया दर्द अपनाये, उसे इन्सान कहते हैं ॥ अगर गलती रुलाती है, तो राहें भी दिखाती है । मनुज गलती का पुतला है, यह अक्सर हो ही जाती है ॥ जो कर ले ठीक गलती को, उसे इन्सान कहते हैं ॥ किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं । पराया दर्द अपनाये, उसे इन्सान कहते हैं ॥ यों भरने को तो दुनियाँ में, पशु भी पेट भरते हैं । लिये इन्सान का दिल जो, वो नर परमार्थ करते हैं ॥ पथिक जो बाँट कर खाये, उसे इन्सान कहते हैं ॥ किसी के काम जो आये, ...
सुंदर स्तुति...रामजी को नमन
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