पाकिस्तान में अभी " लंका दहन " हुआ है, असली युद्ध बांकी है - अरविन्द सिसोदिया Bharat pakistan

पाकिस्तान में अभी लंका दहन हुआ है, असली युद्ध बांकी है - अरविन्द सिसोदिया 
1- लंका दहन शब्द प्रतीकात्मक है, उसी तरह से समझें 
2- विश्व की सबसे सफल कार्यवाही,
3- जब तक पाकिस्तान है तब तक आतंकवाद है, इसलिए मानवता के हित में, पाकिस्तान का समाप्त होना अत्यंत आवश्यक है।
4- लंबे युद्ध में फंसने से भारत को बचा ले जाना भी मोदीजी की सरकार की कुशलता है। अन्यथा रूस कितने वर्षों से फंसा हुआ था.... इससे पहले अमेरिका भी वियतनाम और अफगानिस्तान में फंस ही चुका है।
5- भारत को सिलिपर सेल पर पूरा ध्यान देना होगा... उन्हें आउट करना होगा 
6- भारत की फ़िल्म और विज्ञापन इंड्रस्ट्री पर पूरी तरह आतंकी पकड़ है, उसे समाप्त करना होगा।
7- आतंकी गतिविधियों का मूल मकसद भारत की प्रशासनिक व्यवस्था और अर्थतंत्र को भयग्रस्त रख कर अपने हित साधते रहनें का है। इसलिये इससे डरने वालों को भी हटाना होगा।
8- इस सीमित संघर्ष में पाकिस्तान पर मौजूद चीनी युद्ध उपकरणों का घटियापन उजागर हुआ, इससे चीन के युद्ध सामग्री व्यापार पर असर पड़ेगा।

त्रेता युग लगभग 17.5 लाख वर्ष पूर्व भगवान श्रीराम के युग में, रावण नें माता सीता का हरण कर लिया था तब हनुमान जी महाराज माता सीता की खोज में लंका गये.... पहले अशोक वाटिका उजाड़ी और फिर जब रावण नें अहंकार का प्रदर्शन किया तो लंका दहन कर दिया....! वे चाहते तो रावण वध भी कर सकते थे, किन्तु उन्होंने सीमित और सटीक कार्यवाही कर अपना कर्तव्य पूरा किया। असली युद्ध बाद मेँ हुआ जिसमें रावण मारा गया। पाकिस्तान से अगला युद्ध पाकिस्तान के कई टुकड़ों के रूप में ही होगा।
पाकिस्तान में 60 के लगभग आतंकी अड्डे हैँ जो पाकिस्तान की सरकार के संरक्षण व सहयोग से चलते हैँ। एक प्रकार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना, उनका धंधा है। ये एक प्रकार से सुपारीकिलर हैँ। पूरी दुनिया में आतंकी गतिविधियों का यह अड्डा है। इस्लाम के हिंसक मंसूबे यहीं से अंजाम दिये जाते हैँ। अमेरिका में 9/11 जैसी विभत्स आतंकी घटना के मास्टर माइंड लादेन को भी पाकिस्तान ने ही शरण दे रखी थी और उसे अमेरिका नें एयर स्ट्राइक करके ही मार गिराया था।

माना जाता है कि जब बांगला देश में पाकिस्तान के अपरोक्ष सहयोग से तख्ता पलट हुआ था, तभी यह तय ही गया था कि अगला निशाना भारत होगा। भारत सावधान तो था मगर अंध टारगेट पकड़ना मुश्किल होता है।

अमरीका की ही तरह पाकिस्तान में घुस कर कार्यवाही भारत के प्रधानमंत्री मोदीजी की सरकार नें ऊरी और पुलवामा की आतंकी घटना के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके दिया था। जिसके दूरगामी परिणाम शांति के रुपमें रहे।

पहलगाम आतंकी घटना के संदर्भ में माना जाता है कि संभवतः ये आतंकी प्रधानमंत्री मोदीजी पर कश्मीर में वन्दे भारत ट्रेन के उदघाटन पर हमला करने आये थे। किन्तु यह कार्यक्रम स्थगित हो गया तब इन्हे कोई बड़ी घटना के निर्देश मिले और उसकी परिणीती पहलगाम में धर्म पूछ कर, पेंट खुलवाकर, कलमा पढ़वाकर जान लेने की वीभतस्ता पूर्ण हत्याकांड अंजाम देना था। आतंकियों के अचानक टारगेट बदलने से ये यह इनपुट सुरक्षा एजेंसी पकड़ नहीं पाई।

आतंकी घटनाओं पर भारत जबाब नहीं देता था, इससे पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों के होंसले बड़े हुये थे, किन्तु मोदी सरकार जबाब देती है, इससे आतंकी हमलों में भारी गिरावट भी आई है। पहलगाम की घटना के बाद इतना तय था, मोदी सरकार प्रतिशोध के रूप में कुछ बड़ा जरूर करेगी। 

प्रारंभिक रूप से पाकिस्तान के विरुद्ध सिंधु जल समझौता रद्द किया गया, यह समझौता जवाहरलाल नेहरू सरकार नें किया था। पाकिस्तान के नागरिकों को भारत छोड़ने को कहा गया। व्यापार बंद किया गया। इससे भी बहुत कुछ उजागर हुआ कि पाकिस्तान के नागरिक भारत में रह कर भारत के विरुद्ध ही बड़ा गुल खिला रहे थे।

मोदी सरकार के द्वारा आतंकवादीयों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुये मात्र 23 मिनिट में 9 आतंकी ठिकानों पर लगभग 21 स्थानों को तबाह किया गया। जिसमें करीब करीब 100 आतंकी मारे गये, वर्तमान सहित पुराने हिसाब भी चुकता हुये। इससे पूर्व में कभी भी पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को इतनी बुरी तरह तबाह नहीं किया गया। भारतीय सेना नें इस सटीक और सीमित कार्यवाही में विश्व का सबसे बड़ा प्रतिशोध लिया। पाकिस्तान को यह बता दिया गया था कि यह कार्यवाही सिर्फ आतंकवादियों के अड्डों के विरुद्ध है। 

भारतीय सेना नें सिंदूर आपरेशन के तहत जो सीमित और सटीक कार्यवाही की थी, वह पूरी तरह सफल रहा। इसके बदले के लिए पाकिस्तान की सेना नें भारत पर तुर्की के ड्रोनों से हमला बोला जिन्हे भारत के एयर डिफेन्स सिस्टम नें हवा में ही मार गिराया। इतने बड़े हमले को भारतीय सेना ने हवा में ही तबाह करके नई मिशाल स्थापित की है। 

इस हमले के जबाब में भारत ने पाकिस्तान की हवाई पट्टीयों को निशाना बनाया और पाकिस्तान के हर हिस्से पर बार किये। इससे घबराकर पाकिस्तान नें संघर्ष विराम की अनुनय विनय की जो सीजफ़ायर के रूप में लागू हुआ, किन्तु इसका भी उसने उल्लंघन किया किन्तु वह फिरसे नाकाम हुआ। भारतीय सेना नें फिर उसे हवा में उड़ा दिया। 

भारत नें स्पष्ट किया है कि यह आपरेशन सिंदूर मात्र स्थगित हुआ समाप्त नहीं हुआ, पाकिस्तान की अगली हरकत का माकूल जबाब दिया जायेगा।

माना यह जा रहा है कि पाकिस्तान अमेरिका और चीन के बीच फंसा हुआ है। अमेरिका युद्धबंदी चाहता था तो चीन युद्ध चाहता था। सीजफायर उल्लंघन का कारण भी अपरोक्षरूप से चीन ही माना जा रहा है। 

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो रहा है कि आतंकवाद का असली पोषक अमेरिका है, एक प्रमाणित आतंकी देश को, आतंकी घटना अंजाम देनें के बाबजूद बड़ा ऋण देना, उसे पुनः आतंक के लिए खड़ा करना ही है। इसीलिए भारत को बड़े युद्ध के लिए तैयार रहना होगा।

भारत नें पाकिस्तान को हर तरह से पीटने की क्षमता को साबित तो किया है किन्तु उसे असली युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। ये वही लोग हैँ जो पीटने के बाद फिरसे आते हैँ। 

भारत की सफलता में सबसे बड़ी बात सेना को फ्री हेंड देना है। सेना भी जानती है कि युद्ध अभी होना है, पाकिस्तान मात्र क्षतिग्रस्त हवाई पट्टीयों को ठीक करने झुका है। वह तो मात्र मोहरा है, असली लोग तो पीछे छुपे रहते हैँ।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसीलिए कहा है कि यह ट्रेलर है पिक्चर अभी बांकी है।

भारत में सबसे बुरी बात जो हो रही है वह है, विपक्ष के द्वारा पाकिस्तान परस्ती की जाना। जो शुद्ध गद्दारी के आसपास उन्हें खड़ा करती हैँ। पाकिस्तान को कवर फायर का लाभ भारतीय विपक्ष से मिले यह खतरनाक भी है और पूरी तरह देश विरोधी भी है।

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