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जेलसुदा बेशर्म मुख्यमंत्री केजरीवाल संविधान का अपमान बंद करें - अरविन्द सिसोदिया BJP RAJASTHAN KOTA

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  जेलसुदा बेशर्म मुख्यमंत्री केजरीवाल संविधान का अपमान बंद करें - अरविन्द सिसोदिया दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल नें अपने सामाजिक एवं प्रारम्भिक राजनैतिक जीवन में, जितनी भी बडी बडी बातें कीं थीं, आज वें उन सभी बातों के बडबोलेपन से मुकरते नजर आ रहे है। उनका दिखावटी चेहरे से नकाब उतर गई है। भारत के संविधान में जेल से सरकार चलानें की कोई व्यवस्था नहीं है। विश्व में कहीं भी कोई भी सरकार जेल से चल रही हो इस तरह का कोई उदाहरण मुझे याद नहीं आ रहा है। यह संभव भी नहीं है। केजरीवाल को असल में अपने साथियों पर विश्वास ही नहीं है , इसीलिये अब उनकी पत्नि राजकाज व पार्टी कामकाज में आगे आगे दिख रहीं हैं। वह दिन दूर नहीं जब मजबूरी के नाते ही केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद छोडना पडेगा और संभवतः उनकी पत्नि इस पद को संभालेंगी और आप पार्टी में विद्रोह का कारण भी यही होगा, जिस तरह से केजरीवाल पद को कसके पकडे बैठे हैं, उससे तय है कि उन्हे अपनों पर विश्वास कतई नहीं है। लगता है कि आगे चल कर यह पार्टी की टूट का कारण भी बनें।  ------------------- दिल्ली के जेलसुदा मंख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 24 घंटे में...

संविधान में त्यागपत्र वापसी नियम नहीं, क्या नियमों की समीक्षा होगी ? tyagpatr vapsi snvidhan virodhi

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 संविधान में त्यागपत्र वापसी नियम नहीं, मगर राजस्थान में हां, क्या नियमों की समीक्षा होगी ? राजस्थान में विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस के 91 विधायकों ने अपने इस्ताफे सौंपे,सावेजनिकरूप से, प्रमाणित रूप से सौंपे, समाचारपत्रों में लगातार तीन महीनें से इनकी चर्चा प्रकाशित हो रही है।, विपक्षी दल भाजपा ने जगाया भी। इस्तीफा देनें वाले सभी विधायक / मंत्री सरकारी कामकाज भी कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने इन्हे विधानसभा सचिवालय के रिकार्ड पर लिया या नहीं , यह भी पता नहीं । अन्ततः उच्च न्यायालय की शरण में उपनेता प्रतिपक्ष पहंचे, न्यायालय को भी कोई जबाव नहीं दिया। क्या एक संवैधानिक पद पर बैठ कर , दल गत षढयंत्र का हिस्सा, कोई बन सकता है ?  मेरा मानना है कि यह सारा मामला न्यायालय संविधान की लीपी से देखे और अपराध , षढयंत्र एवं पद र्दुउयोग की प्रवृति पर रोक लगाये। मेनें संविधान को खोल कर उनमें पद त्याग के अनुच्छदों को गहराई से पढ़ा, उनमें कहीं भी यह नहीं है कि पद त्याग करने वाला, त्यागपत्र वापस ले सकता है। संविधान की भाषा शीघ्रता से निर्णय लेनें की है, असीमित समय कतई प्रदान नहीं करती है। आप भी ...

शिवसेना,संविधान छोड,सड़क पर ! यही तो लोकतंत्र का अपमान है - अरविन्द सिसौदिया shivsena

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  शिवसेना,संविधान छोड,सड़क पर ! यही तो लोकतंत्र का अपमान है - अरविन्द सिसौदिया  शिवसेना पर बहूमत है तो फलोर टेस्ट की बात क्यों नहीं करते ? शरद पंवार तो चाहते ही यही है कि शिवसेना समाप्त हो, उनका विकास हो। ---- अन्ततः वही हुआ जिसका इंतजार था। शिवसेना के विधायक एवं सांसद तो पार्टी से नाराज होकर कोप भवन में बैठें है। उन्हे मनाने और पार्टी को संभालनें के बजाये। अपने ही विधायकों एवं सांसदों के खिलाफ शिवसेना नेतृत्व सडकों पर निबंट लेने की धमकी पर आ गया है। तोड फोड प्रारम्भ होनें वाली है। घरों पर आक्रमण होंगे । शिवसेना का यह स्वरूप पत्थरबाजों से ही मिलता माना जायेगा। लोकतंत्र में नम्बर गेम चलता है। आज तक की स्थिती में शिवसेना के हाथ से विधानसभा निकल चुकी है। उनके अधिकांश विधायक उन्हे छोड गये हैं। जिस तरह एन टी रामाराव को छोड चन्द्रबाबू नायडू को नेता चुना गया था, लगभग वही महाराष्ट्र में होनें जा रहा है। वहीं असली शिवसैनिक भी हिन्दुत्व छोड कर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस की गुलामी कर ही नहीं सकता। आधी शताब्दी की संर्घष यात्रा , विचारधारा के विपरीत कैसे परिवर्तित हो सकती है। हनुमान च...

समान नागरिक संहिता से सभी वर्गों में एक रूपता आयेगी - अरविन्द सिसौदिया

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समान नागरिक संहिता से सभी वर्गों में एक रूपता आयेगी - अरविन्द सिसौदिया   समान नागरिक संहिता से सभी वर्गों में एक रूपता आयेगी - अरविन्द सिसौदिया Uniform Civil Code will bring uniformity in all sections - Arvind Sisodia मुस्लिम महिलाओं का जीवन गंभीर रूप से अनिश्चितताओं और अपमानजनक स्थितियों से भरा होता है । भारत में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाकर मुस्लिम महिलाओं को एक बड़ी राहत दी है। पिछले दिनों भारत के गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश के दौरे पर गए थे और वहां उन्होंने समान नागरिक संहिता की बात कही हे।  प्रदेश स्तर पर देखें तो उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जा रही है और असम के मुख्यमंत्री ने भी समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है। समान नागरिक संहिता को लेकर कोई प्रश्न इसलिए नहीं उठना चाहिए यह भारत के संविधान में तमाम विचार विमर्श की प्रक्रिया के द्वारा ही अनुमोदित होकर स्थापित हुई है । प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने कॉफी सोचविचार कर इसे लागू करने की प्रबल पैरवी की थी। ...

महबूबा मुफ्ती, भारत में नेहरू नहीं;अब मोदी सरकार है - अरविन्द सिसौदिया

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            कभी तालिवान, कभी आतंकवाद एवं कभी पाकिस्तान और अब लगभग कांग्रेस की ही भाषा का इस्तेमाल कर रहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि  जम्मू कश्मीर के लोगों ने ’’हमारी किस्मत का फैसला महात्मा गांधी के भारत के साथ किया था, जिसने हमें अनुच्छेद 370 दिया, हमारा अपना संविधान और ध्वज दिया’’ तथा (नाथूराम) गोडसे के साथ नहीं रह सकतें।“ वे संभवतः भूल रहीं है लाखों वर्ष पूर्व से ही हिन्द भूमि जम्मू और कश्मीर है, 1947 में भी भारतीय सेना के शौर्य एवं उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की दृढता और महाराजा हरी सिंह जी के विलय के निर्णय से वह भारत में पूर्ण रूप से सम्मिलित हुआ है।  तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तो सखा प्रेम में इसे विषेश दर्जा देकर संर्घषक्षेत्र में बदल दिया था। जिसकी अशांती आज तक भी यह भुगत रहा है। उस गलती को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने सुधार लिया है। महबूबा मुफ्ती को यह याद रखना चाहिये कि अब भारत में नेहरू सरकार नहीं है । अब भारत में मोदी सरकार है।   ............    जम्मू और कश्मीर हिंदुत्व की ह...

इंडिया शब्द हटे,भारत के संविधान से...!

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गुलामी के द्योतक शब्द इंडिया से छुटकारा पाए भारत - अरविन्द सीसोदिया     गोवा से कांग्रेस के राज्य सभा सांसद , शांताराम नाईक ने एक गैर सरकारी संविधान संशोधन विधेयक के माध्यम से २७ अगुस्त २०१० को सदन में  भारत के संविधान से इंडिया शब्द हटाने की मांग की , संसद में दोनों सदनों में बहुत सारे गैर सरकारी विधेयक रखे जाते रहते हैं और वे अंततः वापिस ले लिए जाते हैं , मुख्य रूप से किसी विसंगती या सुधार विशेष के लिए ये लाए जाते हैं , यह भी ध्यानकर्षण  का एक तरीका है..!  Rajya Sabha , August 27, 2010 Shantaram Naik, Congress MP from Goa , on Friday sought a Constitution amendment bill in the Rajya Sabha to call the country simply 'Bharat' and not 'India'  His private member bill seeks to amend the Preamble and Article 1 of the Constitution of India  to drop India and use 'Bharat'. It says the words 'India, that is Bharat' in sub-clause 1 of Article be replaced with just 'Bharat'.The grounds for changing the name of the country into simp...