कालजयी संस्कृति को समाप्त करनें का षडयंत्र अब रोकना होगा - अरविन्द सिसौदिया
कालजयी संस्कृति को समाप्त करनें का षडयंत्र अब रोकना होगा - अरविन्द सिसौदिया सनातन सभ्यता और हिन्दू संस्कृति अनादिकाल से जीवन्त है और उसे समाप्त करनें के लिये , उसके ज्ञान को समाप्त करनें के लिये, उसकी आदर्ष जीवन पद्यती को समाप्त करनें के लिये एक बडा षडयंत्र फिर से सिर उठा रहा है। इसे रोकना और विफल करना प्रत्येक भारत वासी का कर्त्तव्य है , प्रत्येक हिन्दू का सनातन का कर्त्तव्य है। देश की स्वतंत्रता में भारत के हिन्दूंओं से छल किया गया, स्वतंत्रता के बाद लगातार इसे छला गया और यह सब अब भी बडी बेशर्मी से हो रहा है। इस तस्वीर को बदलना होगा , इसके लिये मतशक्ति से सरकारों पर भी दबाव बना होगा । हिन्दुत्व को अक्क्षुण्य रखनें के लिये सब कुछ छोंक देना होगा, पूरी ताकत लगाना होगी, जो धारणा आज हमारे सामनें है, उसे बदलना होगा । इसका नीचे वर्णन है जो कि सोसल मीडिया पर फैली हुई है। इस धारणा को स्विकारना स्वयं आत्म हत्या करना होगा ।फ इसलिये आज से ही हिन्दुत्व को अजर अमर करने में जुट जायें। --------------- *शेर दहाड़ते रह गये, भेड़िए जंगल पर कब्जा बनाकर बैठ चुके हैं!* *हिन्दू एक मरती हुई नस्ल...