जम्मू-कश्मीर : नए सिरे से अशांति को आमन्त्रण
- अरविन्द सिसोदिया कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान के उद्देश्य से वार्ताकारों वरिष्ठ पत्रकार दिलीप पडगांवकर, शिक्षाविद् राधा कुमार एवं पूर्व सूचना आयुक्त एम.एम. अंसारी द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट ने ” जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग करने वाली धारा 370 को स्थायी करने और राज्य में लागू केंद्रीय कानूनों की समीक्षा करने की बात कह कर राष्ट्रवादी सोच को गंभीर ठेस पहुंचाई है।“ केंद्रीय कानूनों की समीक्षा में सुप्रीम कोर्ट, भारतीय निर्वाचन आयोग एवं भारतीय महालेखाकार तक का दायरा सीमित करने, नियंत्रण रेखा के आर-पार व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर में दोहरी मुद्रा को मान्यता देने की मांग फिर से उठ सकती है। जो कि राष्ट्र की एकता और अखण्डता को नुकसान पहुचाने का एक नया कुप्रयास होगा। केन्द्र सरकार को अविलम्ब इस रिपोर्ट को अस्विकार करना चाहिये। जम्मू-कश्मीर से जुड़े कानूनों की समीक्षा की सिफारिश नई दिल्ली . जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के वार्ताकारों ने राज्य में लागू सभी केंद्रीय कानूनों की समीक्षा करने की सिफारिश की है। इसके लिए संवैधानिक समिति गठित करने को