पादरियों के व्यभिचार : नन सिस्टर मैरी चांडी की आत्मकथा

बहुत पहले से ही इस की कहानिया आती रहीं हें .....

सेक्सी किताबें पढ़वा, करते हैं सेक्स, प्रेग्नेंट कर गिरवा देते हैं गर्भ!
Source: Agency   01/05/2012

http://www.bhaskar.com/article
सेक्सी किताबें पढ़वा, करते हैं सेक्स, प्रेग्नेंट कर गिरवा देते हैं गर्भ!
नई दिल्ली. कैथोलिक चर्च की एक पूर्व नन ने पादरियों के व्यभिचार के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है। अपनी आत्मकथा में उसने लिखा है कि पादरी ननों के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। जब वह गर्भवती हो जाती हैं तो बच्चों को गर्भ में ही मार देते हैं। ऐसी प्रवृत्ति यहां लगातार बढ़ रही है।
इस तरह नन सिस्टर मैरी चांडी की आत्मकथा 'ननमा निरंजवले स्वस्ति' औपचारिक रिलीज से पहले ही विवादित हो चुकी है। कैथोलिक धर्म में पूर्ण आस्था रखने वाली मैरी ने इन्हीं अनैतिक कृत्यों से परेशान होकर 12 साल पहले कान्वेंट छोड़ दिया था। 
उन्होंने कहा, 'मैंने वायनाड गिरिजाघर में हासिल अनुभवों को सहेजने की कोशिश की है। चर्च के भीतर की जिंदगी आध्यात्मिकता के बजाय वासना से भरी थी। एक पादरी ने मेरे साथ बलात्कार की कोशिश की थी। मैंने उस पर स्टूल चलाकर इज्जत बचाई थी।'
मैरी का कहना है कि चर्च में ननें सेक्सी किताबें पढ़ती है। वह जब 13 साल की थी तब ही घर से भाग गई थी और नन बन गई थी। वहां पर एक नन होते हुए उन्हें जिस तरह की पीड़ा से गुजरना पड़ा और उन्होंने जिस तरह के व्यभिचार को अपने इर्दगिर्द फैलते हुए देखा। उसी को आत्मकथा में शामिल किया हैं।
बताते चलें कि इसी तरह से नन सिस्टर जेस्मी ने एक किताब लिखकर धार्मिक पाखंडों का खुलासा किया था। इस किताब का नाम 'आमेन: द आटोबायोग्राफी' था। उन्होंने लिखा था कि जीसस के प्रति पूर्णतः समर्पित, सत्रह साल की उम्र में कॉन्वेंट में दाखिल हो गई थी। लंबे समय तक नन बनी रहने वाली सिस्टर जेस्मी ने जब खुली आंखों से अपने धर्म की बुराइयों को देखा तब उन्होंने कॉन्वेंट की चहारदीवारी तोड़कर बाहर निकलने का दुस्साहसिक फैसला ले लिया।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी