हमारा नववर्ष हमारे राष्ट्र का राष्ट्रीय गौरव है - डॉ0 प्रमोद कुमार शर्मा



नवसंवतसर पर प्रबुद्धजन विचार गोष्ठि सम्पन्न
चैत्र शुक्ला एकम् को उत्सव पूर्वक मनाने का आग्रह
हमारा नववर्ष हमारे राष्ट्र का राष्ट्रीय गौरव है - डॉ0 प्रमोद कुमार शर्मा

कोटा 23 मार्च। ”भारतीय कालगणना सबसे पुरानी एवं पूर्ण वैज्ञानिक है। यह हमारे राष्ट्र का गौरव एवं स्वाभिमान है। जिस तरह किसी राष्ट्र की पहचान उसकी संस्कृति, भूमि, इतिहास, भाषा, वेशभूषा, ध्वज, राष्ट्रगान इत्यादि से होती है, ठीक उसी प्रकार उस राष्ट्र की कालगणना (केलेण्डर ) भी राष्ट्र की पहचान होती है। हमारा संवतसर हमारे राष्ट्र की पहचान है। क्योंकि इस कालगणना से हमें अपने राष्ट्र का गौरवशाली अतीत का ज्ञान होता है। “ यह कथन मुख्यवक्ता डॉ0 प्रमोद कुमार शर्मा ने ” भारतीय नववर्ष की वैज्ञानिकता “ विषय पर ”नववर्ष उत्सव आयोजन समिति, कोटा महानगर के द्वारा आयोजित प्रबुद्धजन विचार गोष्ठि में व्यक्त किये। गोष्ठि की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष रामकुमार मेहता तथा विशिष्ट अतिथी समीति के मंत्री युधिष्ठर सिंह एवं संचालन सहमंत्री राजेश कुमार टेलर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सहमंत्री पन्नालाल शर्मा ने किया।

मुख्यवक्ता डॉ0 शर्मा ने अपने सम्बोधन में भारतीय संवत पद्यती को विभिन्न उद्ध्रणों के द्वारा सटीक वैज्ञानिकता और पुरातनता को सिद्ध करते हुये बताया कि संवतसर का उत्सव चिर पुरातन एवं नित्य नूतन के संगम का स्मरण दिलाता है। उन्हांेने कालगणना के महत्व को बताते हुये कहा ‘‘काल बोध के जागरण से, आयु बोध का जागरण होता है, जिससे विस्मृति का विनाश होकर स्मृति वापस मिलेगी, जिससे हमारा राष्ट्रीय स्वाभिमान जागृत होगा, भारत जागृत होगा और फिर से अपनी वैश्विक भूमिका का निर्वहन करेगा।“

डॉ0 शर्मा ने कहा जब चीन, जापान, इण्डोनेशिया, इजराइल, नेपाल सहित अन्य देशों ने अपनी मूल कालगणना को ही स्वीकार किया है, तो हम क्यों नहीं अपनी मूल कालगणना को स्वीकार कर सकते हैं। उन्होने कहा  हमारा नववर्ष चैत्र शुक्ल एकम् अर्थात वर्ष प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है, इसे हम राष्ट्रीय स्वाभिमान और आत्म गौरव के रूप में मनायें। यह दिन अनेकों कारणों से पवित्र पावन होते हुये भी राष्ट्रीय स्वाभिमान और सम्मान का उत्सव दिवस है।

समिति के अध्यक्ष रामकुमार मेहता ने बताया कि ” भारतीय काल गणना की संवत पद्धति पूर्णतः वैज्ञानिक एवं सत्य है इसी कारण सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड के शुभ-अशुभ प्रभावों के अनुमान लगाने में यह सक्षम है। भारतीय संवत्सर अनुसंधान हमारी पृथ्वी ही नहीं, वरन् सम्पूर्ण सौर मण्डल के नवग्रहों, हमारी आकाशगंगा के 27 नक्षत्रों, आकाशीय 12 राशियों के क्षेत्रों सहित ब्रम्हाण्ड में कौन कहां गतिमान है, किस भ्रमण पथ पर हैं, किस पर कितना प्रभाव है, यह तक हमारा अध्ययन बताता है। इसी कारण से हमारे समाज जीवन का हजारों - लाखों वर्षों से यह अभिन्न अंग बना हुआ है।’’
समीति के मंत्री युधिष्ठर सिंह ने बताया कि समीति का प्रयास रहेगा कि भारतीय नववर्ष के पवित्र पावन उत्सव को समाज स्वस्फूर्त मनाये।इस  हेतू समीति प्रेरक के रूप में बहु आयामी प्रयास कर रही है।

कार्यक्रम में समिति के संरक्षक चन्द्रदेव प्रसाद, अवधेश मिश्रा, गिरिश शर्मा, राधावल्लभ शर्मा, रामचरण मेहता, बाबूलाल रैनवाल प्रचार प्रमुख अरविन्द सिसोदिया, केवलकृष्ण बांगड़, श्याम गौड़, रमेश विजय, प्रकाश पाठक, सतीश गुप्ता, मुकुट बिहारी गुप्ता, श्रीनाथ सर्राफ, छगन माहुर, हरिनारायण शुक्ला, विजय सेन, गुरमीत सिंह रंधावा, जगदीश वधवा, छुट्टन शर्मा, श्रीकिशन गुप्ता आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।



भवदीय
अरविन्द सिसोदिया,
समिति का प्रचार प्रमुख, 9414180151

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

पहले दिन से सुपरफ़ास्ट दौड़ रही है भजनलाल शर्मा सरकार - अरविन्द सिसोदिया cm rajasthan bhajanlal sharma

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

युवाओं को रोजगार से जोडने की भाजपा की ऐतिहासिक पहल - राकेश जैन BJP Kota City

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

ईश्वर तो समदर्शी, भेद हमारे अपने - अरविन्द सिसोदिया ishwar

महापुरुषों के शौर्य को पाठ्यक्रम में पर्याप्त स्थान दिया जाये Mahapurushon ko sthan

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग